जयपुर. राज्यसभा चुनाव के लिए बीजेपी विधायकों की चल रही बाड़ेबंदी स्थल होटल देवी रतन के बाहर गुरुवार को लगातार दूसरे दिन पुलिस वाहन और जाप्ता लगाया, जिसे बीजेपी नेताओं ने विरोध कर वापस लौटा दिया. पुलिस का जाप्ता बुधवार को उस समय आया, जब होटल में पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री और प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह पहुंचे थे. गुरुवार को जब केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर पहुंचे, तब पुलिस जाप्ता होटल के बाहर आया (Police team seat back by BJP) था.
गुरुवार दोपहर होटल के बाहर पुलिस की एक बस आई जिसमें कुछ हथियारबंद जवान मौजूद थे. इसकी सूचना जब होटल के भीतर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ सतीश पूनिया को मिली, तो उन्होंने पार्टी से जुड़े कार्यकर्ताओं को बाहर भेजकर वहां तैनात पुलिसकर्मियों को वापस लौटने को कहा. बुधवार को भी जब पुलिस जीप और कुछ पुलिसकर्मी होटल के बाहर आए थे, तब बीजेपी प्रदेश नेतृत्व ने विधायक रामलाल शर्मा को बाहर भेज कर उन पुलिसकर्मियों को वहां से हटाया था और आज भी यही घटनाक्रम दोहराया गया.
बीजेपी को इस बात का है डर: दरअसल राज्यसभा चुनाव के लिए जिन भाजपा विधायकों को वोट करना है, वे सभी पार्टी के अभ्यास वर्ग में इसी होटल में रुके हुए हैं. कुछ एक वरिष्ठ विधायकों को छोड़ किसी भी विधायक को बाहर निकलने की अनुमति फिलहाल नहीं है. वही पुलिस सुरक्षा के लिए भी भाजपा ने स्थानीय प्रशासन से कोई डिमांड नहीं की थी. यही कारण है कि बिना डिमांड के पुलिस जाब्ता होटल के बाहर भेजे जाने पर बीजेपी ने आपत्ति जताई. बीजेपी नेताओं में यह भी चर्चा थी कि प्रदेश सरकार भाजपा नेताओं की जासूसी के लिए यहां पुलिस बल तैनात कर रही है.
पुलिस ने दिया यह तर्क: बुधवार को जब पुलिस की जीप और जवान होटल देवी रतन के बाहर पहुंचे थे. तब उन्हें बीजेपी नेताओं ने वापस लौटने को कहा तो उन्होंने तर्क दिया था कि वे बीजेपी के राष्ट्रीय महामंत्री और प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह के आने और सुरक्षा की दृष्टि से यहां लगाए गए हैं, लेकिन जब उन्हें वापस लौटने को कहा गया तो वे चले गए. वहीं गुरुवार को राज्यसभा चुनाव के लिए राजस्थान भाजपा के प्रभारी केंद्रीय मंत्री तोमर पहुंचे, तो उनके आने के बाद पुलिस के जवान यहां आए. पुलिस का तर्क था कि वे प्रोटोकॉल और सुरक्षा के लिहाज से यहां आए हैं लेकिन उन्हें लौटा दिया (Why police sent at BJP political fencing venue) गया.