जयपुर. राजधानी जयपुर के विधायकपुरी थाने में साइबर थाने के प्रभारी सुरेंद्र पंचोली की तरफ से पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के मीडिया सलाहकार और एक चैनल के पत्रकार के खिलाफ दर्ज कराई गई एफआईआर में पुलिस ने कोर्ट में एफआर पेश कर दी है. राजनीतिक दबाव के कारण जयपुर पुलिस ने खुद ही पहले एफआईआर दर्ज की और फिर उस पूरे प्रकरण को बेबुनियाद बताते हुए कोर्ट में एफआर पेश कर दी.
हालांकि, एफआईआर दर्ज होने के बाद इस मामले में पुलिस कार्रवाई के खिलाफ पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के मीडिया सलाहकार ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. इस पर कोर्ट ने पुलिस की दंडात्मक कार्रवाई पर रोक लगाई थी. पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के मीडिया सलाहकार लोकेंद्र सिंह और एक निजी चैनल के पत्रकार के खिलाफ विधायकपुरी थाने में दर्ज कराई गई एफआईआर में पुलिस ने एफआर पेश की है.
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जानकारी के अनुसार साइबर थाने के प्रभारी सुरेंद्र पंचोली की ओर से विधायकपुरी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी कि सोशल मीडिया पर एक मैसेज वायरल किया जा रहा है. इसमें जैसलमेर के सूर्यगढ़ होटल जहां पर विधायक और मंत्री ठहरे हैं, वहां पर 4 जैमर लगाए गए और मंत्री व विधायकों का फोन टैप किया गया. साथ ही जयपुर के मानसरोवर स्थित एक होटल से जैमर को हैंडल करने का जिक्र भी वायरल मैसेज में किया गया.
यह मैसेज पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के मीडिया सलाहकार लोकेंद्र सिंह के मोबाइल से वायरल हुए और इसमें एक चैनल के पत्रकार का भी नाम सामने आया. इस पर इन दोनों व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई. हालांकि, पुलिस की ओर से की गई जांच में यह तमाम तथ्य बेबुनियाद पाए गए जिस पर पुलिस ने इस पूरे प्रकरण को लेकर कोर्ट में फाइनल रिपोर्ट पेश कर दी. पुलिस की ओर से कोर्ट में एफआर पेश करने के बाद राजनीतिक गलियारों में सीएम अशोक गहलोत द्वारा केस वापस लेने की चर्चा जोरों पर है.