जयपुर. पुलिस ने एक साल से बिछड़े युवक को घरवालों से मिलवाने का काम किया है. घरवालों से मिलकर युवक और पिता की आंखें भर आई. बिछड़ा बेटा अपने पिता से मिलकर काफी खुश हुआ. पिता और बेटे ने इस खुशी के लिए झोटवाड़ा थाना पुलिस का आभार जताया है. डीसीपी वेस्ट प्रदीप मोहन के निर्देशन में प्रोबेशनर आरपीएस आदित्य पूनिया और झोटवाड़ा थाना पुलिस ने यह सराहनीय कार्य किया है. डीसीपी वेस्ट प्रदीप मोहन शर्मा के मुताबिक आज झोटवाड़ा थाना पुलिस को सूचना मिली कि कालवाड़ रोड पर एक संदिग्ध और पागल जैसा व्यक्ति घूम रहा है.
सूचना पर झोटवाड़ा थाने के हेड कांस्टेबल सुभाष चंद्र युवक को थाने पर लेकर आए. थाने पर लाने के बाद एडीसीपी वेस्ट बजरंग सिंह शेखावत, एसीपी झोटवाड़ा हरिशंकर शर्मा और प्रोबेशनर आरपीएस आदित्य पूनिया ने मनोवैज्ञानिक तरीके से पूछताछ की. पूछताछ करने पर युवक ने अपना नाम सुशांत कुमार पुत्र विपिन लाल उम्र 28 साल निवासी रविंद्र अपार्टमेंट कोलकाता पश्चिम बंगाल बताया. युवक ने अपने पिता के मोबाइल नंबर भी बताए.
पिता के मोबाइल नंबर बताने पर उसके पिता विपिन लाल को सूचना दी गई, जो कोलकाता में केंद्रीय विद्यालय में प्रिंसिपल के पद पर कार्यरत है. युवक के पिता कोलकाता से फ्लाइट के द्वारा जयपुर पहुंचे. पुलिस ने बिछड़े युवक को उसके पिता के सकुशल सुपुर्द कर दिया. गुमशुदा युवक सुशांत कुमार ने अपने पिता को बताया कि वह जोहरी बाजार में आईसीआई बैंक में कार्य कर रहा था और मानसरोवर में किराए के मकान में रह रहा था. बिछड़े बेटे और पिता को मिलवाने पर दोनों ने पुलिस का आभार जताया है.
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पुलिस के मुताबिक युवक नौकरी करने के लिए जयपुर आया था. जयपुर में रहकर बैंक में नौकरी कर रहा था और एक मकान भी ले रखा था, लेकिन बैंक में नौकरी करते हुए कुछ समय बाद ही मेंटली डिस्टर्ब हो गया. युवक का मानसिक संतुलन खराब होने के बाद नौकरी भी छूट गई और अपना मकान भी भूल गया और सड़कों पर ही भटकने लगा. युवक के परिजन भी तलाश कर रहे थे, लेकिन संपर्क नहीं हो रहा था और सड़कों पर ही भटक-भटक कर युवक अपना समय गुजार रहा था. करीब एक साल से युवक परिजनों से बिछड़ चुका था. इसके बाद पुलिस की नजर युवक पर पड़ी तो घरवालों से मिलवा दिया.