जयपुर. राजस्थान के हाई प्रोफाइल गुर्जर आरक्षण आंदोलन के मुकदमों को निस्तारित करने के लिए अब सरकार ने तैयारी कर ली है. इसे लेकर एक अहम पत्र सामने आया है. आंदोलन के दौरान गुर्जरों पर सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और हिंसा करने के लिए जो भी मुकदमे दर्ज किए गए उसे तत्काल प्रभाव से निस्तारित करने की प्रक्रिया शुरू करने के आदेश दिए गए है.
राजस्थान की सीआईडी शाखा गुर्जर आंदोलन के दौरान दर्ज हुए मामलों की जांच कर रही थी. ऐसे में अब पुलिस मुख्यालय की ओर से जिला स्तर पर सवाईमाधोपुर, अलवर, दौसा, भरतपुर, सीकर, अजमेर, बूंदी, झुंझुनू, टोंक और जयपुर ग्रामीण पुलिस अधीक्षक को खत लिखा गया है. इस आदेश में कहा गया है कि तमाम मामलों की सूची जयपुर से भेजी जा रही हैं.
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जिसमें मुकदमे से संबंधित लोगों के फोन नंबर भी हैं. गुर्जर प्रतिनिधिमंडल में शामिल लोगों से जिला स्तर पर बैठक कर गुर्जर आंदोलन के दौरान दर्ज हुए मुकदमे के निस्तारण की कार्रवाई की जाए. बता दें कि सोमवार को गुर्जर संघर्ष समिति के प्रतिनिधि और पुलिस के आला अधिकारियों के साथ में गुर्जर आंदोलन के दौरान लगे मुकदमों को वापस लेने को लेकर एक बैठक हुई थी.
इस बैठक में सामने आया कि आंदोलन के दौरान लगे 750 से अधिक मुकदमे में से अभी भी 56 मुकदमे सरकार की तरफ से वापस नहीं लिए गए. इसके बाद संघर्ष समिति ने 18 महीने पहले हुए समझौते के अनुसार उन्होंने इन मुकदमों को तत्काल वापस लेने की मांग की. इसी को देखते हुए अब पुलिस मुख्यालय की ओर से जिला पुलिस अधीक्षकों को मुकदमों के निस्तारण के लिए आदेश जारी किए गए हैं.