जालोर. जिले के सायला थाना क्षेत्र अंतर्गत वालेरा मठ के महंत पारस भारती के अपहरण को 24 घंटे से ज्यादा का समय बीतने के बावजूद अभी तक पुलिस को सुराग नहीं मिला (Police have no clue of Mahant Paras Bharti) है. इसे लेकर ग्रामीणों, साधुओं में पुलिस के खिलाफ आक्रोश व्याप्त है. अब इस अपहरण का राजफाश करने के लिए संतों ने पुलिस को 3 दिनों का अल्टीमेटम दिया है.
संतों ने पुलिस को तीन दिनों का अल्टीमेटम दिया: संतों का कहना है कि अगर मामले का खुलासा तीन दिनों के भीतर नहीं किया तो महाराष्ट्र के पालघर घटना की तर्ज पर देशभर में बड़ा आंदोलन किया जाएगा. जानकारी के मुताबिक गुरुवार रात को महंत पारस भारती भजन कार्यक्रम में जाने का बोलकर मठ से निकले थे. लेकिन वे भजन कार्यक्रम में भी नहीं गए थे. देर रात को भक्ति कार्यक्रम से लौट रहे भक्तों ने महंत की गाड़ी रोड पर देखी जिसके शीशे पर तोड़फोड़ के निशान थे. इस पर भक्तों ने अनहोनी समझते हुए अस्पताल जाकर देखा. फिर पुलिस को मामले की जानकारी दी लेकिन महंत का पता नहीं लगा.
पुलिस ने मौके पर से कार को कब्जे में ले लिया. महंत की अपहरण की आशंका के चलते मामले को गम्भीरता से लेते हुए जिला कलेक्टर निशांत जैन और पुलिस अधीक्षक हर्षवर्धन अग्रवाला खुद शुक्रवार सुबह मौके पर पहुंचे. उधर मंदिर में भी संत के अपहरण होने से भक्तों की भीड़ लग गई थी.
मंहत की तलाशी के लिए 6 टीमें लगाई: एसपी हर्षवर्धन अग्रवाल ने 6 टीमें महंत की तलाशी के लिए लगाई हैं. लेकिन पुलिस को अभी तक कोई सुराग नहीं मिला है. एक महंत के यूं रात को अचानक लापता होने के कारण अपहरण की आशंका जताई जा रही है. घटना की जानकारी मिलते ही लेटा ग्राम के महंत रणछोड़ भारती सहित आसपास के मठाधीश वालेरा पहुंचे और पुलिस को महंत की तलाश करने का अनुरोध किया.
गुपचुप तरीके से मिलने आए थे महंत से दो लोग: जानकारी के अनुसार गुरुवार दिन में दो व्यक्ति दिन में मंहत से गुपचुप तरीके से मिलकर गए थे. उसके बाद महंत कुछ तनाव में लग रहे थे. रात को जागरण में रवाना होने के दौरान एक अन्य महाराज को भी साथ चलने का बोला था. लेकिन उन्होंने तबीयत ठीक नहीं होने का बोला. जिस कारण महंत अकेले कार चलाकर गए. कार रात को मिल गई, लेकिन महंत नहीं मिले है. पुलिस दो संदिग्ध युवकों से पूछताछ कर रही है.