जयपुर. राजधानी जयपुर की शास्त्री नगर थाना पुलिस ने 20 लाख 50 हजार रुपये की लूट की वारदात का खुलासा किया तो असल कहानी सामने आ गई. दरअसल पीड़ित देवकिशन का साला भरत ही इस कहानी का मुख्य सूत्रधार था. पुलिस ने पर्दाफाश करते हुए बताया कि भरत ने अपने जानकार आबिद के साथ मिलकर झूठी लूट की साजिश को अंजाम दिया. पैसों के लालच में उसने खुद पर हमला भी करवा लिया.
डीसीपी नॉर्थ परिस देशमुख के मुताबिक 3 सितंबर को परिवादी देवकिशन शर्मा ने साले भरत पारीक के साथ 2 सितंबर को लूट की वारदात होने के संबंध में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी. पीड़ित की रिपोर्ट के मुताबिक उसके परिचित अखिल को नाहरगढ़ रोड पर 20.50 लाख रुपए देने के लिए देवकिशन ने अपने साले भरत को भेजा था. शास्त्री नगर थाना इलाके के सुभाष नगर में भरत को दो अज्ञात मोटरसाइकिल सवार बदमाशों ने रोक लिया था.
मोटरसाइकिल के आगे अपनी बाइक लगाकर रिवाल्वर दिखाकर चाकू से वार करके उन्होंने भरत को घायल कर दिया और पैसों से भरा बैग छीनकर फरार हो गए थे. पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए एडिशनल डीसीपी धर्मेंद्र सागर और एसीपी शास्त्री नगर अतुल साहू के निर्देशन में शास्त्री नगर थाना अधिकारी दिलीप सिंह शेखावत के नेतृत्व में स्पेशल टीम का गठन किया.
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पुलिस की स्पेशल टीम ने घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगाले. वहीं पीड़ित और अन्य लोगों से भी पूछताछ कर जानकारी जुटाई. पुलिस ने गहनता से अनुसंधान किया तो साजिश खुलकर सामने आ गई. दरअसल पैसा देखकर भरत के मन में लालच आ गया था. उसी ने फर्जी लूट की साजिश रच डाली. पुलिस ने साजिश करने वाले भरत पारीक को गिरफ्तार कर लिया है.
पैसों को देख लालच पैदा होने के बाद भरत ने अपने परिचित आबिद के साथ मिलकर षडयंत्र रचा. साजिश के मुताबिक उसी के साथियों ने उसका रास्ता रोका और चाकू से घायल करके पैसों का बैग ले उड़े. भरत की साजिश का साझेदार आबिद थाना सदर का हिस्ट्रीशीटर है, जो घटना के समय से ही अपने अन्य साथी के साथ 20.50 लाख रुपए का बैग लेकर फरार चल रहा है. पुलिस आरोपी की तलाश कर रही है. सीसीटीवी फुटेज के साथ गहन अनुसंधान किया जा रहा है. शास्त्री नगर थाना पुलिस मामले की जांच पड़ताल में जुटी हुई है.