जयपुर. प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष सचिन पायलट उत्तरप्रदेश चुनाव में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के साथ अहम भूमिका निभा सकते हैं. सचिन पायलट को लखीमपुर खीरी मामले में बड़ा जनसमर्थन मिलने से कांग्रेस नेतृत्व की रणनीति कामयाब हो गई है.
पायलट को लखीमपुर खीरी भेजने की कांग्रेस की रणनीति जनसमर्थन हासिल करने की थी. सड़क मार्ग से पायलट को बड़ा जनसमर्थन मिला. ऐसा माना जा रहा है कि कांग्रेस ने सचिन पायलट को एक रणनीति के तहत सड़क मार्ग से लखीमपुर खीरी के लिए रवाना किया था. सचिन पायलट का दौरा रोड शो में तब्दील हो गया. ऐसे में माना जा रहा है कि उत्तर प्रदेश चुनाव में पायलट प्रियंका गांधी के साथ बड़ी भूमिका निभा सकते हैं.
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हालांकि, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष सचिन पायलट को उत्तर प्रदेश सरकार ने लखीमपुर खीरी जाने की इजाजत नहीं दी थी. मुरादाबाद में सचिन पायलट को हिरासत में लिया गया था. हालांकि, देर रात उन्हें छोड़ दिया गया. ऐसे में भले ही सचिन पायलट राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के साथ लखीमपुर खीरी नहीं पहुंच सके हो, लेकिन अपार जनसमर्थन मिलने से कांग्रेस की रणनीति कामयाब हो गई.
राहुल गांधी ने पंजाब और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्रियों समेत कुछ नेताओं को अपने साथ रखा तो वहीं सचिन पायलट को इस बात की कमान सौंपी गई की सड़क मार्ग पर जनता के बीच कांग्रेस की आवाज पहुंचाए. उत्तर प्रदेश का संगठन राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की अगुवाई में लगा हुआ था. ऐसे में सड़क मार्ग से सचिन पायलट कांग्रेस का मैसेज किसानों और आमजन के बीच पहुंचाने में कामयाब रहे. सचिन पायलट राहुल गांधी उम्मीद पर खरा उतरे.
पायलट ने गहलोत की कमी को पूरा किया
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत स्वास्थ्य कारणों से दिल्ली नहीं जा सके थे. ऐसे में सचिन पायलट ने अशोक गहलोत की कमी को पूरा कर दिया. राहुल गांधी के साथ लखीमपुर खीरी जाने के लिए कांग्रेस के 3 में से 2 मुख्यमंत्री मौजूद रहे. क्योंकि अशोक गहलोत ने हाल ही में हार्ट की ब्लॉकेज निकलवाए हैं. ऐसे में पार्टी उन्हें व्यस्त कार्यक्रम में इस्तेमाल नहीं करना चाहती थी. यही कारण था कि पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल तो राहुल गांधी के साथ रहे, लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत दिल्ली नहीं गए. राजस्थान की आवाज कमजोर नहीं हो इसके लिए राहुल गांधी ने सचिन पायलट को उत्तरप्रदेश के लिए रवाना होने के निर्देश दिए. सचिन पायलट ने भी मुख्यमंत्री की कमी महसूस नहीं होने दी.
पायलट यूपी चुनाव में निभा सकते है प्रियंका गांधी के हनुमान की भूमिका
केवल 1 दिन की तैयारी में ही सचिन पायलट के साथ बड़ा जनसमर्थन दिखा. इसे देखकर लगता है कि कांग्रेस ने सचिन पायलट को एक स्ट्रेटजी के तहत सड़क मार्ग से लखीमपुर के लिए रवाना किया. जो उम्मीद कांग्रेस पार्टी को सचिन पायलट से थी, इस उम्मीद से भी ज्यादा सचिन पायलट के साथ जन समर्थन दिखा. सचिन पायलट का दौरा एक तरीके से रोड शो में तब्दील हो गया. यह स्थितियां बताती है कि कांग्रेस पार्टी भी सचिन पायलट की लोकप्रियता उत्तर प्रदेश में देखना चाहती थी और अब आने वाले उत्तर प्रदेश के चुनाव में पायलट प्रियंका गांधी के साथ अहम भूमिका निभा सकते हैं.
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदर्शन पर उठे सवाल
राजस्थान में कांग्रेस पार्टी ने लखीमपुर मामले पर पैदल मार्च निकाला है. लेकिन प्रियंका गांधी को हिरासत में लेने वाले दिन प्रदर्शन नहीं करने पर सवाल भी खड़े हो रहे हैं. इस बारे में जब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी प्रियंका गांधी को हिरासत में लेने वाले दिन से ही प्रदर्शन कर रही है. हमने भी पैदल मार्च निकाला है. मुख्यमंत्री भी कार्यकर्ताओं के बीच पहुंचे. राजस्थान कांग्रेस की ओर से लगातार लखीमपुर खीरी मामले में प्रदर्शन किए जा रहे हैं.