जयपुर. राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और सचिन पायलट के बीच 1 सप्ताह में दो बार हुई मुलाकात के बाद राजस्थान का सियासी पारा उफान पर है. पायलट के साथ हुई राहुल गांधी और प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) की मुलाकात के बाद राजस्थान में गहलोत और पायलट गुट अपने-अपने दावे कर रहे हैं.
गहलोत गुट कह रहा है कि आलाकमान से कांग्रेस कार्यकर्ता या नेता कभी भी मुलाकात कर सकता है, राजस्थान में नेतृत्व परिवर्तन नहीं होगा, तो वहीं पायलट गुट इस मुलाकात के बाद काफी उत्साहित है, इस गुट को उम्मीद है कि सचिन पायलट को राजस्थान में अब जल्द ही कमान सौंप दी जाएगी. इस बीच पायलट कैंप के नेता और प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष राजेंद्र चौधरी (Rajendra Choudhary Congress Vice President) ने आज बड़ा बयान दिया है.
राजेंद्र चौधरी ने कहा कि अशोक गहलोत तीन बार मुख्यमंत्री रह लिए, उन्होंने अपना काम कर लिया, वे बुजुर्ग हैं और अब उन्हें मार्गदर्शक के रूप में काम करना चाहिए, सलाह देनी चाहिए. चौधरी ने कहा कि अशोक गहलोत खुद भी युवा नेतृत्व को आगे बढ़ाने की बात कह चुके हैं. अब सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी भी राजस्थान को लेकर गंभीरता से सोच रहे हैं और राजस्थान की जनता भी सचिन पायलट को जल्द से जल्द मुख्यमंत्री देखना चाहती है.
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जनता की मांग-सचिन बनें सीएम..
राजस्थान कांग्रेस के उपाध्यक्ष राजेंद्र चौधरी ने सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाने की मांग करते हुए कहा कि यह मांग राजस्थान की जनता की है. यही मांग विधानसभा चुनाव में भी थी कि सचिन पायलट राजस्थान के मुख्यमंत्री बनें. इसीलिये प्रदेश की जनता ने कांग्रेस पार्टी को उन क्षेत्रों में भी चुनाव जिताया जहां कांग्रेस चुनाव नहीं जीती थी. चुनाव के नतीजे आने के बाद आलाकमान ने अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री बना दिया. ऐसे में वोट दे चुकी जनता के हाथ में कुछ नहीं बचा, लेकिन जब सचिन पायलट मुख्यमंत्री नहीं बने तो जनता ने लोकसभा चुनाव में दिखा दिया कि उन्होंने विधानसभा में किसे वोट दिया था.
चौधरी ने कहा कि 100 से ज्यादा विधानसभा सीटों पर जीतने वाली कांग्रेस पार्टी 6 महीने के दौरान हुए लोकसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सकी. चौधरी ने कहा कि लोकसभा चुनाव में मिली हार अपने आप में बताती है कि जनता सचिन पायलट को मुख्यमंत्री देखना चाहती थी.
विधायक कांग्रेस के साथ हैं, चेहरे के साथ नहीं..
राजस्थान में नेतृत्व परिवर्तन की भले ही चर्चा चल रही हो लेकिन हकीकत यह है कि राजस्थान में विधायकों का समर्थन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पास है. यही कारण है कि पायलट कैंप के राजेंद्र चौधरी ने विधायकों की संख्या को आधार नहीं मानने की बात कही. राजेंद्र चौधरी ने कहा कि पंजाब में जो कुछ हुआ और जब नवजोत सिद्दू (Navjot Sidhu) पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बने और मुख्यमंत्री के चेहरे में बदलाव किया गया तो सारे विधायक अमरिंदर (Capt Amarinder Singh) को छोड़ कांग्रेस के पास पहुंच गए और जब मुख्यमंत्री का चुनाव हुआ तो 78 विधायक कांग्रेस के साथ थे, न कि किसी चेहरे के साथ. ऐसे में साफ है की विधायक कांग्रेस के साथ हैं न कि किसी एक व्यक्ति के साथ. ऐसे में मुख्यमंत्री बनाने के लिए जनसमर्थन को आधार बनाया जाना चाहिए, न कि विधायकों के समर्थन को.
जो सलाह अमरिंदर को दी, वह खुद पर भी लागू..
राजेंद्र चौधरी ने कहा कि राजनीति में परिवर्तन चलता रहता है और अजय माकन-वेणुगोपाल (Ajay Maken-Venugopal) के दौरे और विधायकों और कांग्रेस पार्टी के नेताओं के फीडबैक के आधार पर ही पार्टी कोई निर्णय लेगी. यही कारण है कि 7 दिन में राहुल गांधी की सचिन पायलट से दूसरी बार मुलाकात हुई है. चौधरी ने कहा कि पार्टी अब यह मान चुकी है कि सचिन पायलट पार्टी के असेट, यूथ आईकॉन और विजनरी नेता हैं.
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को जो सलाह दी थी कि पार्टी जब मुख्यमंत्री बनाने का निर्णय लेती है तो इसमें कुछ लोग नाराज हो जाते हैं, लेकिन पार्टी को निर्णय लेने पड़ते हैं और पार्टी के नेतृत्व की बात सबको माननी चाहिए. अब अमरिंदर के लिए दिया गया बयान खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर भी लागू होता है.
अगर पार्टी कोई निर्णय लेती है तो उन्हें भी उसे मानना चाहिए. राजेंद्र चौधरी ने कहा कि राजस्थान में कोई ऐसा विधायक नहीं है जिसके समर्थन में जनसैलाब उमड़ता हो, लेकिन अगर हम सूर्य देखकर भी आंख बंद करना चाहें तो उसका कोई इलाज नहीं है.