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Phone Tapping Case: राजनीतिक द्वेष और दबाव के चलते मुझे नोटिस दिया: महेश जोशी - phone tapping case

मुख्य सचेतक महेश जोशी ने फोन टैपिंग मामले में दिल्ली क्राइम ब्रांच की तरफ से मिले नोटिस को राजनीतिक द्वेषता और दबाव की राजनीति करार दिया है. जोशी ने कहा कि वो नोटिस को लेकर कानूनी राय ले रहे हैं. उसके बाद ही कुछ फैसला लेंगे.

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मुख्य सचेतक महेश जोशी ने फोन टैपिंग मामले में दिल्ली क्राइम ब्रांच की तरफ से मिले नोटिस को राजनीतिक द्वेषता और दबाव की राजनीति करार दिया
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Published : Jun 23, 2021, 7:51 PM IST

जयपुर. राजस्थान विधानसभा के मुख्य सचेतक महेश जोशी को दिल्ली क्राइम ब्रांच की ओर से फोन टैपिंग मामले में नोटिस दिया गया है. जिसको लेकर महेश जोशी ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की. महेश जोशी ने कहा कि उन्हें मिले नोटिस को लेकर वह कानूनी राय ले रहे हैं, उसके बाद फैसला करेंगे कि वह दिल्ली जाएंगे या नहीं. लेकिन महेश जोशी ने आरोप लगाया कि प्रावधान नहीं होने के बावजूद उन्हें नोटिस दिया गया है. जो राजनीतिक द्वेष और दबाव बनाने की केंद्र की राजनीति को दिखाता है.

पढे़ं: Phone Tapping Case: महेश जोशी को मिले नोटिस पर कानूनी पेंच, वकील बोले- पुलिस थाने बुलाकर नहीं कर सकती पूछताछ

साहस है तो आवाज का नमूना दें

महेश जोशी ने कहा कि राजस्थान की चुनी हुई सरकार को गिराने की साजिश का हिस्सा पहले भी केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत रह चुके हैं. एफआईआर में मेरा नाम नहीं है, उसके बाद भी मुझे नोटिस दिया गया. क्योंकि भाजपा और केंद्र सरकार इस मामले को राजनीतिक रंग देना चाहती है. वहीं उन्होंने कहा कि जयपुर में जो एफआईआर उन्होंने दर्ज करवाई थी वह आज भी इस बात पर कायम है कि उसमें आवाज केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की ही थी और अगर गजेंद्र सिंह शेखावत में नैतिक साहस है तो एसीबी में जाकर वह अपनी आवाज का नमूना दें.

मुख्य सचेतक महेश जोशी

गजेंद्र सिंह शेखावत को दिल्ली पुलिस बचा रही है

मुख्य सचेतक ने कहा कि गजेंद्र सिंह शेखावत खुद को पाक साफ बताने की कोशिश कर रहे हैं. जोशी ने पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को भी निशाने पर लिया. उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी को शेखावत को राजस्थान में सरकार गिराने के षडयंत्र के लिए बर्खास्त करना था. लेकिन वह उन्हें बचाने के लिए अपने अधीन आने वाली दिल्ली पुलिस को आगे कर रहे हैं. यह पूरी पटकथा ही एक षड्यंत्र है और केंद्रीय मंत्री पर राजस्थान में केस होने के बावजूद वह वॉइस सैंपल नहीं दे रहे हैं. क्योंकि एसीबी को एक केंद्रीय मंत्री का नाम आने पर एक मर्यादा रखनी होती है. उसी मर्यादा का लाभ गजेंद्र सिंह शेखावत उठा रहे हैं.

क्या है पूरा मामला

2020 में सियासी संकट के समय एक ऑडियो लीक हुई थी. जिसमें गहलोत सरकार को गिराने की साजिश रचने की बात थी. कांग्रेस का आरोप है कि उस ऑडियो में जो आवाज है वो गजेंद्र सिंह शेखावत की है. इसको लेकर मुख्य सचेतक महेश जोशी ने जयपुर में केस भी दर्ज करवाया था. वहीं केंद्रीय मंत्री शेखावत ने दिल्ली के तुगलक रोड थाने में फोन टैपिंग को लेकर केस दर्ज करवाया था. उसी फोन टैपिंग मामले में दिल्ली क्राइम ब्रांच ने महेश जोशी को पूछताछ के लिए 24 जून को पेश होने के लिए नोटिस भेजा है.

जयपुर. राजस्थान विधानसभा के मुख्य सचेतक महेश जोशी को दिल्ली क्राइम ब्रांच की ओर से फोन टैपिंग मामले में नोटिस दिया गया है. जिसको लेकर महेश जोशी ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की. महेश जोशी ने कहा कि उन्हें मिले नोटिस को लेकर वह कानूनी राय ले रहे हैं, उसके बाद फैसला करेंगे कि वह दिल्ली जाएंगे या नहीं. लेकिन महेश जोशी ने आरोप लगाया कि प्रावधान नहीं होने के बावजूद उन्हें नोटिस दिया गया है. जो राजनीतिक द्वेष और दबाव बनाने की केंद्र की राजनीति को दिखाता है.

पढे़ं: Phone Tapping Case: महेश जोशी को मिले नोटिस पर कानूनी पेंच, वकील बोले- पुलिस थाने बुलाकर नहीं कर सकती पूछताछ

साहस है तो आवाज का नमूना दें

महेश जोशी ने कहा कि राजस्थान की चुनी हुई सरकार को गिराने की साजिश का हिस्सा पहले भी केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत रह चुके हैं. एफआईआर में मेरा नाम नहीं है, उसके बाद भी मुझे नोटिस दिया गया. क्योंकि भाजपा और केंद्र सरकार इस मामले को राजनीतिक रंग देना चाहती है. वहीं उन्होंने कहा कि जयपुर में जो एफआईआर उन्होंने दर्ज करवाई थी वह आज भी इस बात पर कायम है कि उसमें आवाज केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की ही थी और अगर गजेंद्र सिंह शेखावत में नैतिक साहस है तो एसीबी में जाकर वह अपनी आवाज का नमूना दें.

मुख्य सचेतक महेश जोशी

गजेंद्र सिंह शेखावत को दिल्ली पुलिस बचा रही है

मुख्य सचेतक ने कहा कि गजेंद्र सिंह शेखावत खुद को पाक साफ बताने की कोशिश कर रहे हैं. जोशी ने पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को भी निशाने पर लिया. उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी को शेखावत को राजस्थान में सरकार गिराने के षडयंत्र के लिए बर्खास्त करना था. लेकिन वह उन्हें बचाने के लिए अपने अधीन आने वाली दिल्ली पुलिस को आगे कर रहे हैं. यह पूरी पटकथा ही एक षड्यंत्र है और केंद्रीय मंत्री पर राजस्थान में केस होने के बावजूद वह वॉइस सैंपल नहीं दे रहे हैं. क्योंकि एसीबी को एक केंद्रीय मंत्री का नाम आने पर एक मर्यादा रखनी होती है. उसी मर्यादा का लाभ गजेंद्र सिंह शेखावत उठा रहे हैं.

क्या है पूरा मामला

2020 में सियासी संकट के समय एक ऑडियो लीक हुई थी. जिसमें गहलोत सरकार को गिराने की साजिश रचने की बात थी. कांग्रेस का आरोप है कि उस ऑडियो में जो आवाज है वो गजेंद्र सिंह शेखावत की है. इसको लेकर मुख्य सचेतक महेश जोशी ने जयपुर में केस भी दर्ज करवाया था. वहीं केंद्रीय मंत्री शेखावत ने दिल्ली के तुगलक रोड थाने में फोन टैपिंग को लेकर केस दर्ज करवाया था. उसी फोन टैपिंग मामले में दिल्ली क्राइम ब्रांच ने महेश जोशी को पूछताछ के लिए 24 जून को पेश होने के लिए नोटिस भेजा है.

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