जयपुर. एक ओर देश में हर किसी की नजर महाराष्ट्र के राजनीतिक घटनाक्रम (Maharashtra Political Crisis) पर है कि वहां सत्ता किसके कब्जे में होगी, तो दूसरी ओर राजस्थान में भाजपा नेताओं के एक बार फिर राजस्थान सरकार के जुगाड़ पर चलने और मध्यावधि चुनाव की संभावना जताने के बयान आने शुरू हो गए हैं. राजस्थान में राजनीतिक अस्थिरता फिर से पैदा होने के सवाल पर राजस्थान के पीएचईडी मंत्री महेश जोशी ने कहा कि ऐसे बयान देकर भाजपा के नेता भारतीय जनता पार्टी के चाल, चरित्र को उजागर कर रहे हैं.
जोशी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी शुरू से यह कह रही है कि भाजपा के लोग खरीद-फरोख्त और हॉर्स ट्रेडिंग में माहिर हैं, नहीं तो वो किस आधार पर (Horse Trading in Rajasthan) मध्यावधि चुनाव की बात करते. उन्होंने कहा कि हॉर्स ट्रेडिंग भाजपा के दिमाग में चल रही है और इससे पहले भी भाजपा ने महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, कर्नाटक में खेल दिखाया और गुजरात राज्यसभा चुनाव में भी इसी तरीके से खरीद-फरोख्त की, लेकिन राजस्थान के विधायक और राजस्थान की जनता ने भाजपा की कोशिशों को पहले भी करारा जवाब दिया है और आगे भी देगी.
उन्होंने आगे कहा कि अगर इस तरह की कोशिश भाजपा के नेताओं की ओर से होगी तो उन्हें करारा जवाब मिलेगा. महेश जोशी ने कहा कि मध्यावधि चुनाव एक तरह से भाजपा के मुंगेरीलाल के सपने हैं और सपना देखने के लिए कोई भी स्वतंत्र है. राजस्थान की जनता एकजुट होकर राजस्थान के विकास को देख रही है, गवर्नेंस को देख रही है और राहत के कामों को देख रही है.
पहली बार कोई पार्टी राष्ट्रपति चुनाव का ले रही राजनीतिक लाभ : राष्ट्रपति चुनाव को लेकर भाजपा लगातार यह कह रही है कि पहली बार द्रौपदी मुर्मू के रूप में भारतीय जनता पार्टी की ओर से किसी आदिवासी महिला को राष्ट्रपति का उम्मीदवार बनाया है. इस मामले में खासी राजनीति भी हो रही है. भाजपा के राष्ट्रपति उम्मीदवार को लेकर दिए जा रहे बयान पर भी महेश जोशी ने कहा कि देश में अलग-अलग वर्गों के राष्ट्रपति हुए हैं और राष्ट्रपति ऐसा पद है जिसे गैर राजनीतिक संवैधानिक पद माना जाता है.
इसका राजनीतिक लाभ भले ही किसी पार्टी को अपने आप मिल जाए तो अलग बात होती है, लेकिन मुद्दा बनाकर (Draupadi Murmu NDA Candidate) इसका राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश पहली बार भाजपा कर रही है, जो लोकतंत्र के हिसाब से सही नहीं. महेश जोशी ने कहा कि राष्ट्रपति देश का सर्वे सर्वा होता है. इनसे पहले भी जो राष्ट्रपति बने वह देश के सर्वे सर्वा रहे. तमाम वर्गों के लोग देश के राष्ट्रपति बन चुके हैं, यही भारत की लोकतंत्र की खूबसूरती है.
अरुण चतुर्वेदी ने क्या कहा था ? दरअसल, प्रदेश भाजपा मुख्यालय में जनसंघ संस्थापक सदस्य सुंदर सिंह भंडारी की पुण्यतिथि पर हुए पुष्पांजलि कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बातचीत में अरुण चतुर्वेदी ने राजस्थान में मध्यवर्ती चुनाव की संभावना जताई थी. चतुर्वेदी ने कहा था कि आज जिस प्रकार कांग्रेस की स्थिति है, कुछ मुख्यमंत्री कांग्रेस के लोगों के लिए जिस प्रकार की भाषा का इस्तेमाल करते हैं और कांग्रेस के ही मंत्री-विधायक अपनी सरकार पर कई तरह के आरोप लगाते हैं, यह सब दर्शाता है कि कांग्रेस के भीतर ही आंतरिक सियासी संघर्ष चरम पर है. चतुर्वेदी के अनुसार कांग्रेस नेताओं का यह संघर्ष प्रदेश को किसी भी स्थिति में ले जा सकता है. चतुर्वेदी ने कहा था कि जिस प्रकार कांग्रेस में आंतरिक सियासी संघर्ष (Arun Chaturvedi speaks on congress internal conflict) चल रहा है वह हमें मध्यावधि चुनाव की ओर ले जा सकता है.