जयपुर. राजस्थान में पानी को लेकर जो विषम परिस्थितियां है. उससे हर कोई वाकिफ है, लेकिन राजस्थान के सामने बड़ी समस्या यह आ खड़ी हुई है कि पानी को लेकर योजनाओं के लिए केंद्र का अनुदान अब 60-40 या 70-30 और कुछ जगह तो 50-50 कर दिया है. जिससे पहले से ही पानी की कमी से जूझ रहे राजस्थान की समस्या विकट हो चली है.
पानी को लेकर राजस्थान को विशिष्ट राज्य का दर्जा देते हुए केंद्रीय अनुदान की राशि बढ़ाकर 90-10 करने की मांग मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कई बार केंद्र सरकार को पत्र (CM Gehlot Wrote Letter For Central Grant On Water) लिख चुके हैं. लेकिन अब भी केंद्र से कोई राहत राजस्थान को नहीं मिली है. यही कारण है कि अब राजस्थान के पीएचईडी मंत्री महेश जोशी को केवल राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र से ही उम्मीद (PHED Minister Seeks Governor Intervention) है.
गर्वनर से उम्मीद की वजह भी है!
कलराज मिश्र ने हाल ही में हुई दिल्ली में राज्यपालों की बैठक (Kalraj Mishra at Governors Meet In Delhi ) में राजस्थान को पानी के लिए विशेष राहत देने की मांग की (PHED Minister Mahesh Joshi urges Governor to Rectify Water Related Issues In Rajasthan) थी. राजस्थान के पीएचईडी मंत्री महेश जोशी ने कहा कि राजस्थान की भौगोलिक स्थिति को कोई समझे या नहीं समझे राजस्थान के विधायक और सांसद समझते हैं. ऐसे में केंद्र को नॉर्थ ईस्ट और यूनियन टेरिटरी जैसे राज्यों की तरह 90 और 10 का अनुदान दिया जाना चाहिए और अब तो पानी की जिम्मेदारी देख रहे केंद्रीय मंत्री भी राजस्थान से ही है ऐसे में उन्हें भी इसका प्रयास करना चाहिए.
मिलने को भी तैयार, अगर...
इसके बावजूद महेश जोशी ने पानी से जुड़ी योजनाओं में राजस्थान को ज्यादा अनुदान दिलवाने के लिए राज्यपाल पर ही सबसे ज्यादा उम्मीद जताई है. महेश जोशी ने कहा कि राज्यपाल ने दिल्ली में हुई राज्यपालों की बैठक में भी इस बात को उठाया था. अपील कि वो अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर राजस्थान को पानी की योजनाओं के लिए मिल रहे अनुदान में बढ़ोतरी करवाएं. महेश जोशी ने कहा कि वो इसे लेकर राज्यपाल को पत्र भी लिखेंगे और कोविड-19 की स्थिति में अगर राज्यपाल इजाजत देंगे तो वह उनसे खुद मिलकर इस बात का आग्रह करके आएंगे.