जयपुर. पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन की ओर से घोषित की गई हड़ताल के बाद शनिवार को प्रदेश भर के पेट्रोल पंप बंद हैं. दरअसल पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन सरकार से लगातार मांग कर रहा है कि राजस्थान में भी पड़ोसी राज्यों के बराबर ही पेट्रोल-डीजल पर वैट लगाया जाए. क्योंकि राजस्थान में वैट अधिक होने से पड़ोसी राज्यों की सीमा पर संचालित पेट्रोल पंप बंद होने की कगार पर पहुंच गये हैं. अन्य राज्यों के मुकाबले राजस्थान में पेट्रोल-डीजल पर टैक्स ज्यादा है. जिसके चलते लोग दूसरे राज्यों से पेट्रोल खरीदते हैं.
पेट्रोलियम डीलर एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनीत बगई ने बताया कि आज 1 दिन के चलते प्रदेशभर के 7000 पेट्रोल पंप बंद हैं. जिसके कारण 3 करोड़ लीटर पेट्रोल-डीजल की बिक्री प्रभावित हुई है. इसके कारण सरकार को भी रोड सेस सहित 34 करोड़ के राजस्व की हानि हुई है. बगाई ने बताया कि हमारी सरकार से मांग है कि पेट्रोल-डीजल पर रोड सेस और वैट में कमी की जाए. क्योंकि वैट अधिक होने के चलते राजस्थान के सीमा से सटे पेट्रोल पंप बंद हो रहे हैं.
बगई ने कहा कि पड़ोसी राज्यों के मुकाबले राजस्थान में पेट्रोल-डीजल करीब 10 रुपये महंगा है. वही राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन की वैट स्टीयरिंग कमेटी के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह भाटी ने बताया कि हड़ताल के चलते हम सरकार का ध्यान अपनी और आकर्षित करना चाहते हैं. इससे पहले कई बार हमने सरकार से वार्ता करनी चाहिए लेकिन मुलाकात नहीं हो पाई. वही वैट कम करने को लेकर भी कई ज्ञापन सरकार को दिए गए. लेकिन इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाये गये.
वैट में बढ़ोतरी
पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन का कहना है कि सरकार की ओर से पेट्रोल पर वैट 26% से बढ़ाकर 38%, डीजल पर 18% से बढ़ाकर 28% कर दिया गया है. जिसमें 6 प्रतिशत वैट की बढ़ोतरी कोरोना के दौरान की गई है. हालांकि सरकार की ओर से हाल ही में पेट्रोल-डीजल पर 2% वैट में कमी की गई है. लेकिन इससे कोई खास फर्क कीमतों पर नहीं पड़ा है.