जोधपुर. एक माह के रोजे के बाद सोमवार को मुस्लिम समाज के लोगों ने सादगी पूर्ण माहौल में ईद का त्यौहार मनाया. शहर काजी वाहिद अली की अपील पर लोगों ने सुबह 9:00 बजे बाद घर पर ईद की नमाज पढ़ना शुरू कर दी.
बता दें, कि शहर की प्रमुख ईदगाह पूरी तरह से खाली नजर आई, जबकि यहां ईद के दिन तिल रखने की भी जगह नहीं बचती है. सड़कों पर भी मुस्लिम समाज के लोग ईद की नमाज अदा करने के लिए जुटते हैं, लेकिन इस बार कोरोना के संकट के चलते मुस्लिम धर्म गुरुओं की अपील पर लोगों ने घरों में ही परिवार के साथ नमाज अदा की और अपने मूल को इस संकट के दौर से निकालने के लिए दुआ भी की. हालांकि, रविवार को मुस्लिम समुदाय के लोगों ने बाजारों में खरीदारी की ज्यादातर ने आवश्यक सामग्री ही खरीदी. कुछ लोग कपड़े की खरीदारी के लिए भी पहुंचे. रविवार शाम को चांद नजर आने के बाद लोगों ने फोन पर ही एक दूसरे को ईद की मुबारकबाद भी दी.
कोरोना से मुक्ति की दुआ
मुस्लिम समाज के लोगों ने घरों में ईद की नमाज अदा की और सभी ने देश को कोरोना से संकट से मुक्ति मिल जाए इसकी दुआ की. भीतरी शहर के मुस्लिम इलाकों में लोगो ने सोशल डिस्टेंशिंग की पालना करते हुए ईद की मुबारकबाद दी. शहर पुलिस ने भी आज जगह-जगह पर जाब्ता तैनात किया, जिससे लोगों की भीड़ नहीं जुटे.
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जयपुर में भी मनाई गई सादगी से ईद
प्रदेश भर में ईद बड़ी सादगी से मनाई जा रही है. सोमवार सुबह ईद की विशेष नमाज भी अदा की गई. लोगों ने अपने घरों में ही ईद की विशेष नमाज अदा की और देश को कोरोना वायरस से बचाने की दुआ मांगी. प्रदेश भर कोरोना वायरस के मद्देनजर राजस्थान सरकार और केंद्र सरकार की ओर से जारी की गई एडवायजरी का खास ख्याल रखते हुए ईद-उल-फितर का त्योहार मनाया जा रहा है. रमजान का पवित्र महीना खत्म होने के बाद ईद का त्यौहार मनाया जाता है.
इस त्यौहार की मुस्लिम समाज में काफी ज्यादा अहमियत है, इसलिए यह त्योहार हर साल धूमधाम और अकीदत एहतराम के साथ मनाया जाता है. ईद के दिन ईद की विशेष नमाज भी ईदगाह और मस्जिदों में पढ़ी जाती है, इस नमाज को पढ़ने के लिए लाखों की संख्या में लोग ईदगाह जाते हैं, लेकिन इस बार कोरोना वायरस के मद्देनजर राजस्थान और केंद्र सरकार की ओर से कई पाबंदियां लगाई गई है.