जयपुर. प्रदेश के 50 हजार निजी विद्यालयों को अनिश्चितकालीन समय तक बंद करने के बाद लगातार धरना प्रदर्शन और आमरण अनशन किया जा रहा है. एमआई रोड स्थित शहीद स्मारक पर दो महिला स्कूल संचालक चार दिन से आमरण अनशन पर बैठी हुई हैं. फीस भुगतान की मांग को स्कूल संचालक सरकार तक पहुंचाना चाहते हैं, लेकिन सरकार इनकी सुनवाई नहीं कर रही. इस संबंध में स्कूल संचालक राज्यपाल को भी ज्ञापन दे चुके हैं.
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अनिश्चितकालीन बंद को दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, गुजरात, जम्मू कश्मीर, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र सहित विभिन्न राज्यों का समर्थन पहले ही प्राप्त हो चुका है. वहीं 13 नवंबर को ऑल कोचिंग इंस्टिट्यूट महासंघ के द्वारा भी फोरम ऑफ प्राइवेट स्कूल्स ऑफ राजस्थान को समर्थन प्राप्त हुआ है. सरकार तक अपनी आवाज पहुंचाने के लिए राजस्थान के तमाम निजी स्कूल संगठनों का दिवाली के बाद एक बड़ा आंदोलन करने की संभावना है, जिसमें निजी स्कूलों और कोचिंग संस्थाओं के संचालक, शिक्षक और कर्मचारी अपने परिवार के साथ शामिल होंगे.
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शहीद स्मारक पर शुक्रवार को भी आमरण अनशन जारी रहा, जिसमे राजस्थान बोर्ड से संबंधित स्कूलों ने धरने में भाग लिया. झुंझनू के नवलगढ़ की टीम कृष्ण कुमार दायमा और अनिल शर्मा के नेतृत्व में धरने में पहुंचे. जयपुर से मनोज अमन, सुरेश गुप्ता, मुकेश शर्मा, मामराज शर्मा, अर्जुन जांगिड, देवेश शर्मा, डॉ. आरएन यादव और आगरा रोड के स्कूल संचालक, सीकर रोड और अन्य स्कूल संचालक बड़ी संख्या में पहुंचे.