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स्पेशल रिपोर्ट : साहब...पाकिस्तान में अत्याचार होते थे, इस लिए छोड़ आए...भारत की नागरिकता के इंतजार में लोग

पाकिस्तान में अत्याचार के चलते कई हिंदू परिवार भारत में आ कर तो बस गए. मगर उन्हें भारत में नागरिकता नहीं मिलने के कारण आज भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे सैंकड़ों परिवार हैं जो पाकिस्तान से आकर राजस्थान के कई जिलों में रह रहे हैं. उनमें से ऐसे ही एक परिवार की दास्तान हम आपको बताने जा रहे हैं, देखिए स्पेशल रिपोर्ट...

भारत की नागरिकता, People displaced from Pakistan
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Published : Sep 17, 2019, 5:51 PM IST

भीनमाल (जालोर). करीब दस साल पूर्व पाकिस्तान से करीब 50 से 60 परिवार जालोर जिले के भीनमाल के पास स्थित वाडाभाडवी आश्रम व कई अन्य स्थान में आकर रुके थे. इनमें अधिकांश देवासी समाज के लोग थे. जिन्हे महंतों व लोगों की मदद से रहने के लिए स्थान दिया गया. मगर आज कई साल बीत जाने के बाद कई परिवार भारत की नागरिकता के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं.

भारत की नागरिकता नहीं होने के चलते इन परिवारों को आए दिन परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. पाकिस्तान से आये लोगों का कहना है कि हम भीनमाल क्षेत्र में आकर बस गए, जिससे हमारी जान तो बच गई, लेकिन आज भी उनके मन में इस बात का भय कि कहीं उन्हें नागरिकता नहीं मिली तो उन्हें देश से बेदखल ना कर दिया जाए.

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पाकिस्तान में उनपर ढ़हे जुल्म-ओ-सितम की कहानी बयां करते हुए परिवार के एक सदस्य ने हमें बताया कि वहां हर समय जान का खतरा रहता था. ऐसे में उन्होंने पाकिस्तान छोड़ भारत आना पड़ा. यहां आकर उनकी जिंदगी तो बच गई लेकिन बसर करने के लिए दर-दर की ठोकरें खानी पड़ रही हैं. सबसे बड़ी समस्या तो दो जून की रोटी की है. कभी कभी छोटा-मोटे काम के बदले मिलने वाली मजदूरी से बड़ी मुश्किलों से वे परिवार का पोषण कर पाते हैं.

भारत की नागरिकता के इंतजार में लोग

पाकिस्तान को छोडऩा, हमारी मजबूरी थी
पाकिस्तान से आए जीवाराम देवासी बताते हैं कि चाय बेचकर अपने परिवार को पाल रहे हैं. उनका कहना है कि दस साल पूर्व पाकिस्तान को छोडऩे के पीछे कई कारण थे. जिसमे धर्म परिवर्तन, जानलेवा हमला, लुट, व्यापार नहीं करने देना जैसे समस्याएं आए दिन उनके सामने पेश होती थी.

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देवासी ने बताया कि हिंदू होने के कारण वहां के लोगों के अत्याचार सहने पड़ते थे. वहां हुकूमत भी उनकी कोई बात नहीं सुनती थी और कोई मदद मिलती थी. इसके चलते करीब 500 से 600 लोगों ने वहां से पलायन कर जालोर जिले के भीनमाल क्षेत्र में शरण ली. वर्तमान समय में अधिकांश परिवार गुजरात में जाकर बस गए हैं.

नागरिकता का कर रहे है इंतजार
भीनमाल, धानसा सहित आस पास क्षेत्र में वर्तमान समय में भी कई परिवार ऐसे हैं जो भारत की नागरिकता मिलने का इंतजार कर रहे हैं. नागरिकता नहीं मिलने के कारण उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा. पाकिस्तानी नागरिकता होने के चलते ना तो इन्हें कोई स्थाई रोजगार मिलता है और ना ही कोई सुविधा. नौकरी, मजदूरी नहीं मिलने के चलते किराये पर रहने में ही सारी आमदनी खर्च हो जाती है. ऐसे में इन परिवारों ने गुहार लगाई है कि उन्हें जल्द से जल्द भारत की नागरिकता मिले ताकि उनके संकट दूर हो सकें. ब्यूरो रिपोर्ट ईटीवी भारत भीनमाल, जालोर

भीनमाल (जालोर). करीब दस साल पूर्व पाकिस्तान से करीब 50 से 60 परिवार जालोर जिले के भीनमाल के पास स्थित वाडाभाडवी आश्रम व कई अन्य स्थान में आकर रुके थे. इनमें अधिकांश देवासी समाज के लोग थे. जिन्हे महंतों व लोगों की मदद से रहने के लिए स्थान दिया गया. मगर आज कई साल बीत जाने के बाद कई परिवार भारत की नागरिकता के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं.

भारत की नागरिकता नहीं होने के चलते इन परिवारों को आए दिन परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. पाकिस्तान से आये लोगों का कहना है कि हम भीनमाल क्षेत्र में आकर बस गए, जिससे हमारी जान तो बच गई, लेकिन आज भी उनके मन में इस बात का भय कि कहीं उन्हें नागरिकता नहीं मिली तो उन्हें देश से बेदखल ना कर दिया जाए.

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पाकिस्तान में उनपर ढ़हे जुल्म-ओ-सितम की कहानी बयां करते हुए परिवार के एक सदस्य ने हमें बताया कि वहां हर समय जान का खतरा रहता था. ऐसे में उन्होंने पाकिस्तान छोड़ भारत आना पड़ा. यहां आकर उनकी जिंदगी तो बच गई लेकिन बसर करने के लिए दर-दर की ठोकरें खानी पड़ रही हैं. सबसे बड़ी समस्या तो दो जून की रोटी की है. कभी कभी छोटा-मोटे काम के बदले मिलने वाली मजदूरी से बड़ी मुश्किलों से वे परिवार का पोषण कर पाते हैं.

भारत की नागरिकता के इंतजार में लोग

पाकिस्तान को छोडऩा, हमारी मजबूरी थी
पाकिस्तान से आए जीवाराम देवासी बताते हैं कि चाय बेचकर अपने परिवार को पाल रहे हैं. उनका कहना है कि दस साल पूर्व पाकिस्तान को छोडऩे के पीछे कई कारण थे. जिसमे धर्म परिवर्तन, जानलेवा हमला, लुट, व्यापार नहीं करने देना जैसे समस्याएं आए दिन उनके सामने पेश होती थी.

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देवासी ने बताया कि हिंदू होने के कारण वहां के लोगों के अत्याचार सहने पड़ते थे. वहां हुकूमत भी उनकी कोई बात नहीं सुनती थी और कोई मदद मिलती थी. इसके चलते करीब 500 से 600 लोगों ने वहां से पलायन कर जालोर जिले के भीनमाल क्षेत्र में शरण ली. वर्तमान समय में अधिकांश परिवार गुजरात में जाकर बस गए हैं.

नागरिकता का कर रहे है इंतजार
भीनमाल, धानसा सहित आस पास क्षेत्र में वर्तमान समय में भी कई परिवार ऐसे हैं जो भारत की नागरिकता मिलने का इंतजार कर रहे हैं. नागरिकता नहीं मिलने के कारण उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा. पाकिस्तानी नागरिकता होने के चलते ना तो इन्हें कोई स्थाई रोजगार मिलता है और ना ही कोई सुविधा. नौकरी, मजदूरी नहीं मिलने के चलते किराये पर रहने में ही सारी आमदनी खर्च हो जाती है. ऐसे में इन परिवारों ने गुहार लगाई है कि उन्हें जल्द से जल्द भारत की नागरिकता मिले ताकि उनके संकट दूर हो सकें. ब्यूरो रिपोर्ट ईटीवी भारत भीनमाल, जालोर

Intro:पाकिस्तान में अत्याचार की घटनाओं से परेशान होकर करीब 50 से 60 परिवार 10 साल पूर्व भीनमाल आये थे। आज भी वह परिवार नागरिकता नहीं मिलने के कारण परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जिन्हे राजस्थान में नागरिकता मिलने में काफी तकलीफ आ रही थी, जिसको लेकर कई परिवार गुजरात की और पलायन कर गए और वहां नागरिकता ले ली। पाकिस्तान से आये लोगों का कहना है कि राजस्थान की तुलना में गुजरात में नागरिकता जल्दी मिल जाती थी। इसको लेकर हमारे कई परिवार गुजरात जाकर बस गए। आज भी भीनमाल क्षेत्र में कई लोग नागरिकता के चलते परेशानियों का सामना कर रहे है।Body:भीनमाल (जालोर). पाकिस्तान में अत्याचार के चलते कई हिंदू परिवार भारत में आ कर तो बस गए। मगर उन्हें भारत में नागरिकता नहीं मिलने के कारण आज भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जानकारी अनुसार दस साल पूर्व पाकिस्तान से करीब 50 से 60 परिवार जालोर जिले के भीनमाल के पास स्थित वाडाभाडवी आश्रम व कई अन्य स्थान में आकर रुके। जिसमे अधिकांश देवासी समाज के लोग थे। जिन्हे महंतों व लोगों की मदद से रहने के लिए स्थान दिया गया। मगर आज कई साल बीत जाने के बाद कई लोगों को भारत की नागरिकता नहीं मिल पाई है, जिसके चलते परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। पाकिस्तान से आये लोगों का कहना है कि हम भीनमाल क्षेत्र में आकर बस गए, जिससे हमारी जान तो बच गई। उनका कहना है कि पाकिस्तान में हर समय हमारे परिवार को जान का खतरा था। उससे तो हमे निजात मिल गई मगर वर्तमान समय में हम गरीबी के चलते जीवन यापन करने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

नागरिकता का कर रहे है इंतजार : भीनमाल, धानसा सहित आस पास क्षेत्र में वर्तमान समय में भी कई परिवार है जो सरकार से भारत की नागरिकता मिलने का इंतजार कर रहे है। नागरिकता नहीं मिलने के कारण कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। वर्तमान जीवन में भी कई परेशानियां आती है। पाकिस्तान के होने के कारण इतने समय बाद भी भारत की नागरिकता नहीं मिलने के कारण नौकरी, मजदूरी व किराये पर रहने के लिए काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।

पाकिस्तान को छोडऩा, हमारी मजबूरी थी :

पाकिस्तान से आए जीवाराम देवासी बताते है कि वर्तमान समय में वह अपने परिवार का पालन पोषण चाय बेच कर करते है। उनका कहना है कि दस साल पूर्व पाकिस्तान को छोडऩे के पीछे कई कारण थे। जिसमे धर्म परिवर्तन, परिवारों पर जानलेवा हमला, लुट, व्यापार नहीं करने देना। देवासी ने बताया कि हिंदू होने के कारण वहां लोगों की ओर से काफी अत्याचार किये जाते थे। और सरकार इसको लेकर कोई मदद नहीं करती थी। इसके चलते करीब 500 से 600 लोगों ने वहां से पलायन कर जालोर जिले के भीनमाल क्षेत्र में बस गए और वर्तमान समय में अधिकांश परिवार गुजरात में जाकर बस गए। Conclusion:1. बाईट - जीवाराम देवासी, पाकिस्तान से आये नागरिक

2. बाईट - विरमा राम, पाकिस्तान से आये नागरिक

3. बाईट - करमी देवी, पाकिस्तान से आये नागरिक
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