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जयपुरः करोड़ों देने के बाद भी सुविधाओं को तरस रहे पृथ्वीराज नगर के लाखों बाशिंदे

जयपुर के पृथ्वीराज नगर के लोग करोड़ों रुपए खर्च होने के बावजूद भी कई तरह की सुविधाओं से वंचित हैं. करीब 800 कॉलोनियों में रहने वाले लाखों लोगों तक विधानसभा चुनाव के दौरान मूलभूत सुविधाएं पहुंचाने के वादे किए गए थे.

पृथ्वीराज नगर, Prithviraj Nagar of Jaipur
सुविधाओं को तरस रहे पृथ्वीराज नगर के लाखों बाशिंदे
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Published : Aug 21, 2021, 8:50 PM IST

जयपुर. नियमन के नाम पर जेडीए को करोड़ों रुपए देने के बाद भी पृथ्वीराज नगर के हाल खस्ता है. यहां क्षेत्रीय लोग पीने का पानी और सीवर जैसी सुविधाओं से अब तक महरूम है. हालांकि बीसलपुर का पानी अक्टूबर 2022 तक पहुंचाने की कवायद जरूर चल रही है, लेकिन क्षेत्रीय लोग यहां विकास कार्यों की सुस्त गति पर मौजूदा सरकार पर सवाल जरूर उठा रहे हैं.

पढ़ेंः पर्यावरण सेनानी : उदयपुर की पहाड़ियों को हरा-भरा करने के मुहिम में लगी है टीम सेटिस्फेक्शन...गाजर घास को कंपोस्ट खाद में बदलने का दावा

करीब 800 कॉलोनियों में रहने वाले लाखों लोगों तक विधानसभा चुनाव के दौरान मूलभूत सुविधाएं पहुंचाने के वादे किए गए थे. यही नहीं नियमन और विकास के नाम पर स्थानीय लोगों ने जेडीए को तकरीबन 1400 करोड़ रुपए तक दिए, लेकिन सरकार हो या प्रशासन दोनों ही क्षेत्रीय लोगों को राहत पहुंचाने में नाकाम साबित हुए हैं. यहां करीब 550 करोड़ खर्च कर सीवर लाइन डालने और एसटीपी का काम किया जाना है.

सुविधाओं को तरस रहे पृथ्वीराज नगर के लाखों बाशिंदे

एसटीपी के लिए नेवटा में जगह चिन्हित कर ली गई है, जबकि निमेड़ा में अभी जमीन नहीं मिल पाई है. हालांकि इसी साल अक्टूबर-नवंबर में यहां सीवर लाइन का काम शुरू करने का दावा किया जा रहा है. वहीं, बीसलपुर प्रोजेक्ट के तहत 562 करोड़ की योजना बनाई गई और अक्टूबर 2022 तक इस प्रोजेक्ट को पूरा करना है. इससे करीब साढ़े चार लाख लोगों को पानी मिल सकेगा, लेकिन अब तक यहां महज 3 टंकियों का निर्माण हो सका है और क्षेत्रीय लोग काम की धीमी रफ्तार से चिंतित हैं.

हालांकि पिछले साल यहां करीब 60 करोड़ खर्च कर सड़क का निर्माण कार्य किया गया, लेकिन पानी और सिवरेज की उचित निकासी नहीं होने से पानी सड़कों पर ही भरा रहता है. जिससे 1 साल में ही सड़कें कई जगह से उखड़ गई हैं. पृथ्वीराज नगर में अभी भी करीब 47 हजार भूखंड धारियों को पट्टे नहीं मिले हैं. जो प्रशासन शहरों के संग अभियान से उम्मीद लगाए बैठे हैं.

पढ़ेंः कांग्रेस पार्टी बिना दूल्हे की बारात...जिला परिषद चुनाव में भरतपुर में कांग्रेस विरोधी रुख - अरुण चतुर्वेदी

पीआरएन कॉलोनियों की संख्याशेष रहे पट्टे
पीआरएन उत्तर प्रथम 544516
पीआरएन उत्तर द्वितीय1494611
पीआरएन दक्षिण प्रथम892831
पीआरएन दक्षिण द्वितीय154 3430
अनुमोदित योजना 49615388
गृह निर्माण सहकारी समिति188 16443

बहरहाल, पृथ्वीराज नगर में विकास कार्य कितना आवश्यक है, इसका आकलन स्थानीय लोगों के बयानों और क्षेत्र की तस्वीरों से लगाया जा सकता है. हालांकि विकास कार्य शुरू तो हुए हैं, लेकिन इनकी गति और प्लानिंग ने कई सवाल खड़े किए हैं.

जयपुर. नियमन के नाम पर जेडीए को करोड़ों रुपए देने के बाद भी पृथ्वीराज नगर के हाल खस्ता है. यहां क्षेत्रीय लोग पीने का पानी और सीवर जैसी सुविधाओं से अब तक महरूम है. हालांकि बीसलपुर का पानी अक्टूबर 2022 तक पहुंचाने की कवायद जरूर चल रही है, लेकिन क्षेत्रीय लोग यहां विकास कार्यों की सुस्त गति पर मौजूदा सरकार पर सवाल जरूर उठा रहे हैं.

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करीब 800 कॉलोनियों में रहने वाले लाखों लोगों तक विधानसभा चुनाव के दौरान मूलभूत सुविधाएं पहुंचाने के वादे किए गए थे. यही नहीं नियमन और विकास के नाम पर स्थानीय लोगों ने जेडीए को तकरीबन 1400 करोड़ रुपए तक दिए, लेकिन सरकार हो या प्रशासन दोनों ही क्षेत्रीय लोगों को राहत पहुंचाने में नाकाम साबित हुए हैं. यहां करीब 550 करोड़ खर्च कर सीवर लाइन डालने और एसटीपी का काम किया जाना है.

सुविधाओं को तरस रहे पृथ्वीराज नगर के लाखों बाशिंदे

एसटीपी के लिए नेवटा में जगह चिन्हित कर ली गई है, जबकि निमेड़ा में अभी जमीन नहीं मिल पाई है. हालांकि इसी साल अक्टूबर-नवंबर में यहां सीवर लाइन का काम शुरू करने का दावा किया जा रहा है. वहीं, बीसलपुर प्रोजेक्ट के तहत 562 करोड़ की योजना बनाई गई और अक्टूबर 2022 तक इस प्रोजेक्ट को पूरा करना है. इससे करीब साढ़े चार लाख लोगों को पानी मिल सकेगा, लेकिन अब तक यहां महज 3 टंकियों का निर्माण हो सका है और क्षेत्रीय लोग काम की धीमी रफ्तार से चिंतित हैं.

हालांकि पिछले साल यहां करीब 60 करोड़ खर्च कर सड़क का निर्माण कार्य किया गया, लेकिन पानी और सिवरेज की उचित निकासी नहीं होने से पानी सड़कों पर ही भरा रहता है. जिससे 1 साल में ही सड़कें कई जगह से उखड़ गई हैं. पृथ्वीराज नगर में अभी भी करीब 47 हजार भूखंड धारियों को पट्टे नहीं मिले हैं. जो प्रशासन शहरों के संग अभियान से उम्मीद लगाए बैठे हैं.

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पीआरएन कॉलोनियों की संख्याशेष रहे पट्टे
पीआरएन उत्तर प्रथम 544516
पीआरएन उत्तर द्वितीय1494611
पीआरएन दक्षिण प्रथम892831
पीआरएन दक्षिण द्वितीय154 3430
अनुमोदित योजना 49615388
गृह निर्माण सहकारी समिति188 16443

बहरहाल, पृथ्वीराज नगर में विकास कार्य कितना आवश्यक है, इसका आकलन स्थानीय लोगों के बयानों और क्षेत्र की तस्वीरों से लगाया जा सकता है. हालांकि विकास कार्य शुरू तो हुए हैं, लेकिन इनकी गति और प्लानिंग ने कई सवाल खड़े किए हैं.

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