जयपुर. नियमन के नाम पर जेडीए को करोड़ों रुपए देने के बाद भी पृथ्वीराज नगर के हाल खस्ता है. यहां क्षेत्रीय लोग पीने का पानी और सीवर जैसी सुविधाओं से अब तक महरूम है. हालांकि बीसलपुर का पानी अक्टूबर 2022 तक पहुंचाने की कवायद जरूर चल रही है, लेकिन क्षेत्रीय लोग यहां विकास कार्यों की सुस्त गति पर मौजूदा सरकार पर सवाल जरूर उठा रहे हैं.
करीब 800 कॉलोनियों में रहने वाले लाखों लोगों तक विधानसभा चुनाव के दौरान मूलभूत सुविधाएं पहुंचाने के वादे किए गए थे. यही नहीं नियमन और विकास के नाम पर स्थानीय लोगों ने जेडीए को तकरीबन 1400 करोड़ रुपए तक दिए, लेकिन सरकार हो या प्रशासन दोनों ही क्षेत्रीय लोगों को राहत पहुंचाने में नाकाम साबित हुए हैं. यहां करीब 550 करोड़ खर्च कर सीवर लाइन डालने और एसटीपी का काम किया जाना है.
एसटीपी के लिए नेवटा में जगह चिन्हित कर ली गई है, जबकि निमेड़ा में अभी जमीन नहीं मिल पाई है. हालांकि इसी साल अक्टूबर-नवंबर में यहां सीवर लाइन का काम शुरू करने का दावा किया जा रहा है. वहीं, बीसलपुर प्रोजेक्ट के तहत 562 करोड़ की योजना बनाई गई और अक्टूबर 2022 तक इस प्रोजेक्ट को पूरा करना है. इससे करीब साढ़े चार लाख लोगों को पानी मिल सकेगा, लेकिन अब तक यहां महज 3 टंकियों का निर्माण हो सका है और क्षेत्रीय लोग काम की धीमी रफ्तार से चिंतित हैं.
हालांकि पिछले साल यहां करीब 60 करोड़ खर्च कर सड़क का निर्माण कार्य किया गया, लेकिन पानी और सिवरेज की उचित निकासी नहीं होने से पानी सड़कों पर ही भरा रहता है. जिससे 1 साल में ही सड़कें कई जगह से उखड़ गई हैं. पृथ्वीराज नगर में अभी भी करीब 47 हजार भूखंड धारियों को पट्टे नहीं मिले हैं. जो प्रशासन शहरों के संग अभियान से उम्मीद लगाए बैठे हैं.
पीआरएन | कॉलोनियों की संख्या | शेष रहे पट्टे |
पीआरएन उत्तर प्रथम | 54 | 4516 |
पीआरएन उत्तर द्वितीय | 149 | 4611 |
पीआरएन दक्षिण प्रथम | 89 | 2831 |
पीआरएन दक्षिण द्वितीय | 154 | 3430 |
अनुमोदित योजना | 496 | 15388 |
गृह निर्माण सहकारी समिति | 188 | 16443 |
बहरहाल, पृथ्वीराज नगर में विकास कार्य कितना आवश्यक है, इसका आकलन स्थानीय लोगों के बयानों और क्षेत्र की तस्वीरों से लगाया जा सकता है. हालांकि विकास कार्य शुरू तो हुए हैं, लेकिन इनकी गति और प्लानिंग ने कई सवाल खड़े किए हैं.