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जयपुर : जनता की जेब काट रहा जेएलएफ, पर्यटन विभाग ने रोकी स्पॉन्सरशिप

जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में लोगों को लूटा जा रहा है. जहां एंट्री फीस के तौर पर 300 वसूली की जा रही है. वहीं चाय-नाश्ता भी दोगुने दाम पर बेचा जा रहा है.

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जनता को लूट रहा जेएलएफ
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Published : Jan 26, 2020, 3:16 PM IST

जयपुर. राजधानी में आयोजित जयपुर लिट्रेचर फेस्टिवल में जनता की जेब हल्की की जा रही है. शनिवार और रविवार को एंट्री पास में जनता से 300 रूपए ज्यादा वसूली की जा रही है. वहीं इसी बीच पर्यटन विभाग के मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने जेएलएफ की स्पॉन्सरशिप राशि रोक दी है.

जनता को लूट रहा जेएलएफ

वीकेंड होने के चलते 500 रूपए का एंट्री पास 800 रूपए में बेचा जा रहा है. रविवार होने के चलते भीड़ ज्यादा होने की आशंका जताई जा रही थी लेकिन जेएलएफ में सुबह साहित्य प्रेमियों की बहुत कम भीड़ दिखाई दी. एंट्री फीस ज्यादा होने के चलते साहित्यप्रेमी कम पहुंच रहे हैं. एंट्री पास के साथ साथ जेएलएफ के अंदर मिलने वाले चाय नाश्ते में भी जनता को लूटा जा रहा है.

मात्र 7 से 10 रूपए की चाय 40 से 50 रूपए में बेची जा रही है. वहीं अन्य सामान भी दो गुना ज्यादा पैसा में बेचा जा रहा है. कुल मिलाकर जनता की जेब से जेएलएफ को चलाया जा रहा है.

यह भी पढ़ें. जयपुरः पिकअप में भरी अवैध अंग्रेजी शराब के साथ 3 तस्कर गिरफ्तार

वहीं सरकार से ली गई स्पॉन्सरशिप को अपनी जेब मे रखा जा रहा है. इसी बीच पर्यटन विभाग के मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने जेएलएफ की स्पॉन्सरशिप राशि को रोक दिया. पांच दिवसीय जेएलएफ इस बार फीका नजर आया. हर साल के मुकाबले इस बार सहित्य प्रेमियों की भीड़ भी कम नजर आ रही है. इस बार जेएलएफ में 2020 सत्र में 550 से भी ज्यादा स्पीकर ने हिस्सा लिया है.

जयपुर. राजधानी में आयोजित जयपुर लिट्रेचर फेस्टिवल में जनता की जेब हल्की की जा रही है. शनिवार और रविवार को एंट्री पास में जनता से 300 रूपए ज्यादा वसूली की जा रही है. वहीं इसी बीच पर्यटन विभाग के मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने जेएलएफ की स्पॉन्सरशिप राशि रोक दी है.

जनता को लूट रहा जेएलएफ

वीकेंड होने के चलते 500 रूपए का एंट्री पास 800 रूपए में बेचा जा रहा है. रविवार होने के चलते भीड़ ज्यादा होने की आशंका जताई जा रही थी लेकिन जेएलएफ में सुबह साहित्य प्रेमियों की बहुत कम भीड़ दिखाई दी. एंट्री फीस ज्यादा होने के चलते साहित्यप्रेमी कम पहुंच रहे हैं. एंट्री पास के साथ साथ जेएलएफ के अंदर मिलने वाले चाय नाश्ते में भी जनता को लूटा जा रहा है.

मात्र 7 से 10 रूपए की चाय 40 से 50 रूपए में बेची जा रही है. वहीं अन्य सामान भी दो गुना ज्यादा पैसा में बेचा जा रहा है. कुल मिलाकर जनता की जेब से जेएलएफ को चलाया जा रहा है.

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वहीं सरकार से ली गई स्पॉन्सरशिप को अपनी जेब मे रखा जा रहा है. इसी बीच पर्यटन विभाग के मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने जेएलएफ की स्पॉन्सरशिप राशि को रोक दिया. पांच दिवसीय जेएलएफ इस बार फीका नजर आया. हर साल के मुकाबले इस बार सहित्य प्रेमियों की भीड़ भी कम नजर आ रही है. इस बार जेएलएफ में 2020 सत्र में 550 से भी ज्यादा स्पीकर ने हिस्सा लिया है.

Intro:जयपुर- जयपुर लिट्रेचर फेस्टिवल में शनिवार और रविवार को जनता की जेब हल्की की जा रही है। शनिवार और रविवार को एंट्री पास में जनता से 300 रुपए ज्यादा वसूली की जा रही है। वीकेंड होने के चलते 500 रुपए का एंट्री पास 800 रुपए में बेचा जा रहा है। रविवार होने के चलते भीड़ ज्यादा होने की आशंका जताई जा रही थी लेकिन जेएलएफ में सुबह साहित्यप्रेमियों की बहुत कम भीड़ दिखाई दी। एंट्री फीस ज्यादा होने के चलते साहित्यप्रेमी कम पहुँच रहे है। एंट्री पास के साथ साथ जेएलएफ के अंदर मिलने वाले चाय नाश्ते में भी जनता को लूटा जा रहा है। 7 से 10 रुपए की चाय 40 से 50 रुपए में बेची जा रही है। वही अन्य सामान भी दो गुना ज्यादा पैसा में बेचा जा रहा है। कुल मिलाकर जनता की जेब से जेएलएफ को चलाया जा रहा है और सरकार से ली गयी स्पॉन्सरशिप को अपनी जेब मे रखा जा रहा है। इसी बीच पर्यटन विभाग के मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने भी जेएलएफ की स्पॉन्सरशिप राशि को रोक दिया गया।


Body:पांच दिवसीय जेएलएफ इस बार फीका नजर आया। हर साल के मुकाबले इस बार सहित्यप्रेमियों की भीड़ भी कम नजर आ रही है। इस बार जेएलएफ में 202 सत्र में 550 से भी ज्यादा स्पीकर ने हिस्सा लिया है।


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