जयपुर. राजधानी में कोरोना के बढ़ते प्रकोप के बीच रिहायशी इलाकों में होटलों में क्वॉरेंटाइन किए जा रहे संदिग्धों का विरोध तेज हो गया है. शुक्रवार देर रात बनी पार्क इलाके के कांति नगर स्थित एक होटल में क्वॉरेंटाइन करने के लिए लाए गए संदिग्ध मरीजों को देख स्थानीय निवासी भड़क गए और विरोध स्वरूप सड़कों पर उतर आए. इस दौरान उन्होंने नारेबाजी भी की. इसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने उन्हें सख्ती से हटाने का प्रयास किया.
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इस मामले में भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और कैबिनेट मंत्री रहे अरुण चतुर्वेदी ने प्रशासन को आड़े हाथों लिया है. चतुर्वेदी ने कहा कि प्रशासन पूरी तरह संवेदनहीन हो चुका है. 4 दिन पहले ही उन्होंने जिला प्रशासन से इस संबंध में वार्ता की थी, तब उन्हें आश्वस्त किया गया था कि पोलोविक्ट्री, हाथी बाबू का मार्ग, बनीपार्क और बड़ोदिया बस्ती सहित क्षेत्र में संदिग्ध लोगों को नहीं रखा जाएगा. लेकिन, शुक्रवार देर रात ही पोलोविक्ट्री क्षेत्र में एक होटल में करीब 30 लोगों को क्वॉरेंटाइन कर दिया गया.
अरुण चतुर्वेदी ने कहा कि आश्चर्य तब हुआ, जब कलेक्टर से इस बारे में बात की तो उन्होंने अपनी अनभिज्ञता जताई. चतुर्वेदी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से एक बार फिर मांग की है कि वो रिहायशी इलाकों में इस प्रकार क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाकर संदिग्ध मरीजों को ना रखें, जिससे आसपास के क्षेत्रों में भय का माहौल बने.