ETV Bharat / city

MBC आरक्षण को नौवीं अ​नुसूची में शामिल करने का कोई प्रस्ताव नहीं, राजस्थान में केंद्र की योजनाओं का नहीं मिल रहा लाभ : केंद्रीय मंत्री

राजस्थान में गुर्जर सहित एमबीसी आरक्षण (MBC Reservation) में शामिल जातियों को मिल रहे 5 प्रतिशत आरक्षण के लाभ को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल कर इस आरक्षण को स्थायी सुरक्षा कवच शायद ही मिल सके. केंद्र सरकार (Central Government) के पास एमबीसी आरक्षण को नौवीं अनुसूची में शामिल करने से जुड़ा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है. यह कहना है केंद्रीय सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री वीरेंद्र कुमार का.

central minister on mbc reservation
केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र कुमार एक्सलूसिव इंटरव्यू
author img

By

Published : Sep 26, 2021, 4:35 PM IST

जयपुर. केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र कुमार ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में राजस्थान सहित कुछ राज्यों में केंद्र की जनकल्याणकारी योजनाओं का संबंधित परिवारों तक पूरा लाभ नहीं पहुंच पाने की बात भी कही. जयपुर प्रवास के दौरान रविवार को वीरेंद्र कुमार भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा की ओर से गौतम नगर वाल्मिकी बस्ती में आयोजित एक कार्यक्रम में भी शामिल हुए और यहीं उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मन की बात कार्यक्रम को भी सुना.

इस दौरान उनके साथ भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतिश पूनिया और मोर्चा प्रदेशाध्यक्ष कैलाश मेघवाल सहित विधायक मदन ​दिलावर व मोर्चा शहर अध्यक्ष जितेंद्र लोदिया भी मौजूद रहे. केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र कुमार ने यहां बस्ती के लोगों से संवाद भी किया और इस दौरान उनके विभाग से जुड़ी जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी.

केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र कुमार Exclusive Interview

एमबीसी आरक्षण पर यह बोले केंद्रीय मंत्री...

वहीं, जब केंद्रीय मंत्री से एमबीसी में शामिल समाजों द्वारा एमबीसी आरक्षण के नौवीं अनुसूची में शामिल करने से जुड़ा सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं. हालांकि, जब उनसे वापस यही सवाल पूछा गया तो उन्होंने लोकसभा में हाल ही में लाए गए कांस्टीट्यूशनल अमेंडमेंट बिल, जिसके जरीए महाराष्ट्र के मराठा समाज के आरणक्ष के ​मामले का उदाहरण देकर कहा कि इस मामले में भी सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी थी.

जिसके बाद हमारे विभाग ने सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू याचिका लगाई गई, जिसे भी कोर्ट ने खारिज कर दिया जिसके चलते ही केन्द्र सरकार लोकसभा में कॉस्टीट्यूशनल अमेंडमेंट बिल लेकर आए जिसके जरीए राज्य सरकारों को यह अधिकार दिए गए कि राज्यों भी अपनी सूची में नाम जोड़ने-घाटने का काम कर सकती है, जिससे वो संबंधित समाजों को रोजगार, शिक्षा सहित अन्य क्षेत्रों में लाभ दे सके. हालांकि, एमबीसी आरक्षण से जुड़े कोई भी प्रस्ताव केंद्र के पास विचाराधीन होने की बात से उन्होंने इंकार कर दिया.

राज्य सरकार केंद्र को भेज चुका है पत्र...

एमबीसी में शामिल गुर्जर सहित पांच जातियों को राजस्थान में 5 प्रतिशत आरक्षण का लाभ मिल रहा है, लेकिन इसे स्थायी सुरक्षा कवच मिल सके इसके लिए समाज की मांग पर पूर्व में राज्य सरकार ने इस मामले में केन्द्र को पत्र और प्रस्ताव भी भेजा है. वहीं, हाल ही में चले लोकसभा सत्र के दौरान भी राजस्थान के एमबीसी समाज और गुर्जर नेता कर्नल किरोड़ी बैंसला और उनके पुत्र विजय बैंसला ने पत्र और ई-मेल के जरिए राजस्थान के संसादों से संसद मेंं यह मांग उठाने की मांग की थी. इसके लिए समाज ने राजनीतिक दबाव बनाने के लिए सोशल ​मीडिया पर अभियान भी चलाया, लेकिन उसका कोई लाभ इस समाज को नहीं मिल पाया. केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र कुमार का बयान तो यही बतता है कि इस मामले में केंद्र सरकार या राज्य से आने वाले सांसद भी गंभीर नहीं है.

राजस्थान सहित कुछ राज्य में केंद्र की योजनाओं का पात्र लोगों को नहीं मिल रहा पूरा लाभ : वीरेंद्र कुमार

वहीं, ईटीवी भारत से खास बातचित में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राजस्थान सहित कुछ राज्यों में केंद्र की जनकल्याणकारी योजनाओं को वहां के पात्र लोगों को पूरा लाभ नहीं मिल पा रहा है. मंत्री ने कहा कि कुछ राज्यों ने तो केंद्र की योजनाओं को अपने राज्योंं में नाम तक परिवर्तित कर दिया, लेकिन फिर भी पात्र लोगों को इन योजनाओं का लाभ नहीं पहुंचा पाए.

पढ़ें : अंग्रेजों के खिलाफ पयहस्सी राजा के संघर्ष को भुलाया नहीं जा सकता

मंत्री ने कहा कि हम अपने प्रवास और दौरों के दौरान कार्यकर्ताओं से इसी बात की जानकारी लेते हैं और उनसे यह भी अपील करते हैं कि वे केंद्र की जनकाल्याणकारी योजनाओं की समुचित जानकारी लेकर यह देखे कि उनके क्षेत्र के पात्र लोगों तक इन योजनाओं का लाभ पहुंच पा रहा है कि नहीं. यही योजनाओं का लाभ पात्र लोगों तक नहीं पहुंच रहा तो हमें अवगत कराए, ताकि हम संबंधित राज्य सरकारों से बात कर इसमें सुधार करवाएं.

मोदी के कार्यकाल में 20 लाख दिव्यांगजनों को 1200 करोड़ की सहायक उपकरण किए वितरित...

इस दौरान ईटीवी से खास बातचित में उन्होंने बताया कि मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद साल 2014.15 से अ​ब तक 10 हजार से अधिक शिविर लगाकर 20 लाख दिव्यांगजनों को 1200 करोड़ रुपए से अधिक राशि के सहायक उपकरण वितरित किए गए हैं. उनके अनुसार दिव्यांगजन को स्वावलंबी बनाने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा विभिन्न प्रशिक्षण भी दिए जाते हैं, ताकि न केवल वो अपना जीवन सम्मानजनक तरीके से जी सकें बल्कि परिवार के लिए भी सहारा बनें.

पढ़ें : REET Exam 2021 में नकल गिरोह का भंडाफोड़, एक महिला सहित 5 गिरफ्तार

केंद्रीय मंत्री के अनुसार जनसंघ संस्थापक सदस्य पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंति समारोह के तहत भी इस तरह के शिविर लगाए जा रहे हैं. वीरेंद्र कुमार ने बताया कि इस दौरान पीएम नरेंद्र मोदी के जन्मदिवस 7 अक्टूबर तक इस तरह के जनकल्याणकारी योजनाओं के शिविर लगाए जा रहे हैं. हालांकि, इस दौरान केंद्रीय मंत्री की जुबान भी फिसल गई और पीएम मोदी के जन्मदिवस को उन्होंने जयंती कहकर संबोधित किया. वीरेंद्र कुमार दुर्गापुरा स्थित कृषि अनुसंधान केन्द्र में अखिल भारतीय खटीक समाज अधिकारी कर्मचारी परिषद द्वारा नवचयनित आरएएस अधिकारियों के अभिनंदन समारोह में भी शामिल हुएत.

जयपुर. केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र कुमार ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में राजस्थान सहित कुछ राज्यों में केंद्र की जनकल्याणकारी योजनाओं का संबंधित परिवारों तक पूरा लाभ नहीं पहुंच पाने की बात भी कही. जयपुर प्रवास के दौरान रविवार को वीरेंद्र कुमार भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा की ओर से गौतम नगर वाल्मिकी बस्ती में आयोजित एक कार्यक्रम में भी शामिल हुए और यहीं उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मन की बात कार्यक्रम को भी सुना.

इस दौरान उनके साथ भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतिश पूनिया और मोर्चा प्रदेशाध्यक्ष कैलाश मेघवाल सहित विधायक मदन ​दिलावर व मोर्चा शहर अध्यक्ष जितेंद्र लोदिया भी मौजूद रहे. केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र कुमार ने यहां बस्ती के लोगों से संवाद भी किया और इस दौरान उनके विभाग से जुड़ी जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी.

केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र कुमार Exclusive Interview

एमबीसी आरक्षण पर यह बोले केंद्रीय मंत्री...

वहीं, जब केंद्रीय मंत्री से एमबीसी में शामिल समाजों द्वारा एमबीसी आरक्षण के नौवीं अनुसूची में शामिल करने से जुड़ा सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं. हालांकि, जब उनसे वापस यही सवाल पूछा गया तो उन्होंने लोकसभा में हाल ही में लाए गए कांस्टीट्यूशनल अमेंडमेंट बिल, जिसके जरीए महाराष्ट्र के मराठा समाज के आरणक्ष के ​मामले का उदाहरण देकर कहा कि इस मामले में भी सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी थी.

जिसके बाद हमारे विभाग ने सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू याचिका लगाई गई, जिसे भी कोर्ट ने खारिज कर दिया जिसके चलते ही केन्द्र सरकार लोकसभा में कॉस्टीट्यूशनल अमेंडमेंट बिल लेकर आए जिसके जरीए राज्य सरकारों को यह अधिकार दिए गए कि राज्यों भी अपनी सूची में नाम जोड़ने-घाटने का काम कर सकती है, जिससे वो संबंधित समाजों को रोजगार, शिक्षा सहित अन्य क्षेत्रों में लाभ दे सके. हालांकि, एमबीसी आरक्षण से जुड़े कोई भी प्रस्ताव केंद्र के पास विचाराधीन होने की बात से उन्होंने इंकार कर दिया.

राज्य सरकार केंद्र को भेज चुका है पत्र...

एमबीसी में शामिल गुर्जर सहित पांच जातियों को राजस्थान में 5 प्रतिशत आरक्षण का लाभ मिल रहा है, लेकिन इसे स्थायी सुरक्षा कवच मिल सके इसके लिए समाज की मांग पर पूर्व में राज्य सरकार ने इस मामले में केन्द्र को पत्र और प्रस्ताव भी भेजा है. वहीं, हाल ही में चले लोकसभा सत्र के दौरान भी राजस्थान के एमबीसी समाज और गुर्जर नेता कर्नल किरोड़ी बैंसला और उनके पुत्र विजय बैंसला ने पत्र और ई-मेल के जरिए राजस्थान के संसादों से संसद मेंं यह मांग उठाने की मांग की थी. इसके लिए समाज ने राजनीतिक दबाव बनाने के लिए सोशल ​मीडिया पर अभियान भी चलाया, लेकिन उसका कोई लाभ इस समाज को नहीं मिल पाया. केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र कुमार का बयान तो यही बतता है कि इस मामले में केंद्र सरकार या राज्य से आने वाले सांसद भी गंभीर नहीं है.

राजस्थान सहित कुछ राज्य में केंद्र की योजनाओं का पात्र लोगों को नहीं मिल रहा पूरा लाभ : वीरेंद्र कुमार

वहीं, ईटीवी भारत से खास बातचित में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राजस्थान सहित कुछ राज्यों में केंद्र की जनकल्याणकारी योजनाओं को वहां के पात्र लोगों को पूरा लाभ नहीं मिल पा रहा है. मंत्री ने कहा कि कुछ राज्यों ने तो केंद्र की योजनाओं को अपने राज्योंं में नाम तक परिवर्तित कर दिया, लेकिन फिर भी पात्र लोगों को इन योजनाओं का लाभ नहीं पहुंचा पाए.

पढ़ें : अंग्रेजों के खिलाफ पयहस्सी राजा के संघर्ष को भुलाया नहीं जा सकता

मंत्री ने कहा कि हम अपने प्रवास और दौरों के दौरान कार्यकर्ताओं से इसी बात की जानकारी लेते हैं और उनसे यह भी अपील करते हैं कि वे केंद्र की जनकाल्याणकारी योजनाओं की समुचित जानकारी लेकर यह देखे कि उनके क्षेत्र के पात्र लोगों तक इन योजनाओं का लाभ पहुंच पा रहा है कि नहीं. यही योजनाओं का लाभ पात्र लोगों तक नहीं पहुंच रहा तो हमें अवगत कराए, ताकि हम संबंधित राज्य सरकारों से बात कर इसमें सुधार करवाएं.

मोदी के कार्यकाल में 20 लाख दिव्यांगजनों को 1200 करोड़ की सहायक उपकरण किए वितरित...

इस दौरान ईटीवी से खास बातचित में उन्होंने बताया कि मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद साल 2014.15 से अ​ब तक 10 हजार से अधिक शिविर लगाकर 20 लाख दिव्यांगजनों को 1200 करोड़ रुपए से अधिक राशि के सहायक उपकरण वितरित किए गए हैं. उनके अनुसार दिव्यांगजन को स्वावलंबी बनाने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा विभिन्न प्रशिक्षण भी दिए जाते हैं, ताकि न केवल वो अपना जीवन सम्मानजनक तरीके से जी सकें बल्कि परिवार के लिए भी सहारा बनें.

पढ़ें : REET Exam 2021 में नकल गिरोह का भंडाफोड़, एक महिला सहित 5 गिरफ्तार

केंद्रीय मंत्री के अनुसार जनसंघ संस्थापक सदस्य पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंति समारोह के तहत भी इस तरह के शिविर लगाए जा रहे हैं. वीरेंद्र कुमार ने बताया कि इस दौरान पीएम नरेंद्र मोदी के जन्मदिवस 7 अक्टूबर तक इस तरह के जनकल्याणकारी योजनाओं के शिविर लगाए जा रहे हैं. हालांकि, इस दौरान केंद्रीय मंत्री की जुबान भी फिसल गई और पीएम मोदी के जन्मदिवस को उन्होंने जयंती कहकर संबोधित किया. वीरेंद्र कुमार दुर्गापुरा स्थित कृषि अनुसंधान केन्द्र में अखिल भारतीय खटीक समाज अधिकारी कर्मचारी परिषद द्वारा नवचयनित आरएएस अधिकारियों के अभिनंदन समारोह में भी शामिल हुएत.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.