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जयपुर कलेक्ट्रेट में 2 हजार पहुंची मूल निवास प्रमाण पत्रों की पेंडेंसी, कलेक्टर ने दिए निपटारे के निर्देश

जयपुर जिला कलेक्ट्रेट पर रविवार को अपने प्रमाण पत्र बनवाने के लिए लोगों की भीड़ जमा हो गई. बोर्ड परीक्षा का परिणाम आने के बाद और प्रतियोगिता परीक्षा देने वाले लोग कलेक्ट्रेट में प्रमाण पत्र बनवाने के लिए ज्यादा आ रहे हैं. वहीं, अब मूल निवास प्रमाण पत्र की पेंडेंसी 2 हजार तक पहुंच चुकी है. जिसको निपटाने के लिए जिला कलेक्टर ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं.

राजस्थान न्यूज, jaipur news
प्रमाण पत्र की पेंडेंसी निपटाने के लिए दिए निर्देश
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Published : Aug 22, 2020, 7:04 PM IST

जयपुर. जिला कलेक्ट्रेट जयपुर में इन दिनों प्रमाण पत्र बनवाने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ रही है. मूलनिवास, जाति प्रमाण पत्र और ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र बनवाने के लिए सैकड़ों लोग कलेक्ट्रेट पहुंच रहे हैं. पेंडेंसी की बात की जाए तो मूल निवास प्रमाण पत्र की पेंडेंसी 2 हजार तक पहुंच गई है.

बोर्ड परीक्षा का परिणाम आने के बाद और प्रतियोगिता परीक्षा देने वाले लोग कलेक्ट्रेट में प्रमाण पत्र बनवाने के लिए ज्यादा आ रहे हैं. विद्यार्थियों को बोर्ड परीक्षा के बाद कॉलेज और अन्य संस्थानों में प्रवेश लेना है और वहां मूल निवास और जाति प्रमाण पत्र जैसे दस्तावेजों की आवश्यकता पड़ती है.

प्रमाण पत्र की पेंडेंसी निपटाने के लिए दिए निर्देश

इसी तरह से प्रतियोगिता परीक्षा में बैठने वाले विद्यार्थियों को भी इन प्रमाण पत्रों की जरूरत होती है. जिला कलेक्ट्रेट में सबसे अधिक मूल निवास प्रमाण पत्रों की पेंडेंसी चल रही है, ये पेंडेंसी शुक्रवार तक दो हजार पहुंच गई थी. कर्मचारियों की मानी जाए तो इस महीने में अवकाश ज्यादा होने की वजह से पेंडेंसी में बढ़ोतरी हुई है.

जयपुर तहसील के अलावा सांगानेर और आमेर तहसील में भी यही हाल है. पेंडेंसी की शिकायत जिला कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा तक भी पहुंची तो उन्होंने अतरिक्त जिला कलेक्टर प्रथम इकबाल खान को पेंडेंसी निपटारे के निर्देश दिए हैं.

पढ़ें- आमेर के लोगों के लिए भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने जारी किया हेल्पलाइन नंबर

प्रमाण पत्र के लिए अभ्यर्थियों को पहले ई-मित्र पर आवेदन करना होगा. इसके बाद जयपुर तहसील में पहले चरण में दस्तावेजों की जांच होती है. पहले चरण में दस्तावेजों की जांच होने के बाद ही आवेदन दूसरे चरण में जाता है. दूसरे चरण में संबंधित एसडीएम कार्यालय से दस्तावेजों की जांच के बाद प्रमाण पत्र जारी होता है और अभ्यर्थी के मोबाइल पर इसका मैसेज पहुंचता है. इन सभी प्रक्रिया में समय लगता है. यदि किसी को प्रमाण पत्रों की आवश्यकता है तो उसे 7 दिन पहले आवेदन करना होगा. तभी समय पर प्रमाण पत्र बनने की संभावना होती है.

जयपुर जिला कलेक्ट्रेट में एकल विंडो पर आने वाले लोग सोशल डिस्टेंसिंग की भी पालना नहीं कर रहे ना ही इस ओर जिला प्रशासन ध्यान दे रहा है. एक साथ काउंटर पर भीड़ जमा होने से कोरोना वायरस सँक्रमण का खतरा भी बढ़ रहा है.

जयपुर. जिला कलेक्ट्रेट जयपुर में इन दिनों प्रमाण पत्र बनवाने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ रही है. मूलनिवास, जाति प्रमाण पत्र और ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र बनवाने के लिए सैकड़ों लोग कलेक्ट्रेट पहुंच रहे हैं. पेंडेंसी की बात की जाए तो मूल निवास प्रमाण पत्र की पेंडेंसी 2 हजार तक पहुंच गई है.

बोर्ड परीक्षा का परिणाम आने के बाद और प्रतियोगिता परीक्षा देने वाले लोग कलेक्ट्रेट में प्रमाण पत्र बनवाने के लिए ज्यादा आ रहे हैं. विद्यार्थियों को बोर्ड परीक्षा के बाद कॉलेज और अन्य संस्थानों में प्रवेश लेना है और वहां मूल निवास और जाति प्रमाण पत्र जैसे दस्तावेजों की आवश्यकता पड़ती है.

प्रमाण पत्र की पेंडेंसी निपटाने के लिए दिए निर्देश

इसी तरह से प्रतियोगिता परीक्षा में बैठने वाले विद्यार्थियों को भी इन प्रमाण पत्रों की जरूरत होती है. जिला कलेक्ट्रेट में सबसे अधिक मूल निवास प्रमाण पत्रों की पेंडेंसी चल रही है, ये पेंडेंसी शुक्रवार तक दो हजार पहुंच गई थी. कर्मचारियों की मानी जाए तो इस महीने में अवकाश ज्यादा होने की वजह से पेंडेंसी में बढ़ोतरी हुई है.

जयपुर तहसील के अलावा सांगानेर और आमेर तहसील में भी यही हाल है. पेंडेंसी की शिकायत जिला कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा तक भी पहुंची तो उन्होंने अतरिक्त जिला कलेक्टर प्रथम इकबाल खान को पेंडेंसी निपटारे के निर्देश दिए हैं.

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प्रमाण पत्र के लिए अभ्यर्थियों को पहले ई-मित्र पर आवेदन करना होगा. इसके बाद जयपुर तहसील में पहले चरण में दस्तावेजों की जांच होती है. पहले चरण में दस्तावेजों की जांच होने के बाद ही आवेदन दूसरे चरण में जाता है. दूसरे चरण में संबंधित एसडीएम कार्यालय से दस्तावेजों की जांच के बाद प्रमाण पत्र जारी होता है और अभ्यर्थी के मोबाइल पर इसका मैसेज पहुंचता है. इन सभी प्रक्रिया में समय लगता है. यदि किसी को प्रमाण पत्रों की आवश्यकता है तो उसे 7 दिन पहले आवेदन करना होगा. तभी समय पर प्रमाण पत्र बनने की संभावना होती है.

जयपुर जिला कलेक्ट्रेट में एकल विंडो पर आने वाले लोग सोशल डिस्टेंसिंग की भी पालना नहीं कर रहे ना ही इस ओर जिला प्रशासन ध्यान दे रहा है. एक साथ काउंटर पर भीड़ जमा होने से कोरोना वायरस सँक्रमण का खतरा भी बढ़ रहा है.

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