जयपुर. पेगासस जासूसी (Pegasus Spying) प्रकरण मामले में राजस्थान कांग्रेस 22 जुलाई को केंद्र की मोदी सरकार (Modi Government) के खिलाफ राजभवन (Rajasthan Rajbhavan) का घेराव करेगी. राजस्थान कांग्रेस (Rajasthan Congress) के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा (Govind Singh Dotasra) ने मंगलवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि हिंदुस्तान की जनता के वोट से जीती केंद्र सरकार जासूसी (Spying) और फोन हैकिंग (Phone Hacking) करवा रही है. मोदी सरकार ने देश के चारों स्तंभों पर हमला कर नीजता का हनन कर राष्ट्रद्रोह किया है.
पढ़ें- पेगासस स्पाइवेयर : सांसद संजय सिंह ने SC की निगरानी में SIT जांच की मांग की
गोविंद सिंह डोटासरा (Govind Singh Dotasra) ने कहा कि यह षड्यंत्र गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के नेतृत्व में किया गया है और इसमें विपक्षी दलों के नेताओं के साथ ही सत्ता पक्ष लोगों को भी नहीं बख्शा गया है. यहां तक कि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) और आश्चर्यजनक तरीके से नीयर और डीयर मंत्री स्मृति इरानी (Smriti Irani) की भी जासूसी करवाई गई क्योंकि यह सॉफ्टवेयर (Software) केवल सरकार को ही मिलता है. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) इस मामले की जांच करें और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस मामले में गृहमंत्री अमित शाह का इस्तीफा लें.
पढ़ें- पेगासस की जासूसी नई नहीं, 125 साल से हो रही है फोन टैपिंग, सरकारों पर लगते रहे हैं इल्जाम
डोटासरा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को खुद भी आगे होकर इस जांच के दायरे में खुद को लाना चाहिए. उन्होंने कहा कि जिस तरीके से जासूसी की गई, इसमें न केवल विधायिका को छोड़ा गया बल्कि कार्यपालिका को भी नहीं छोड़ा गया. नए आईटी मंत्री को भी तब आईटी मंत्री बनाया गया जब उनकी जासूसी कर ली गई.
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि जिन मंत्रियों के बारे में मोदी सरकार (Modi Government) को यह पता लग गया कि वे उनके खिलाफ हैं, उन्हीं मंत्रियों को पद से हटाया गया है. डोटासरा ने कहा कि विजय राजे सिंधिया जिन्होंने भाजपा को खड़ा किया, उनके परिवार की सदस्य और अपनी ही पार्टी की मुख्यमंत्री रही वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) तक की जासूसी के लिए उनके पीए का फोन टैप (Phone Tap) कर दिया गया तो फिर देश में अब बचा क्या है. उन्होंने कहा कि जब देश का प्रधानमंत्री और गृहमंत्री अपने संविधान की शपथ विरोधी काम करें तो यही कहा जा सकता है कि जब बाड़ ही खेत को खाएगी तो बचेगा क्या?