जयपुर. देश में लोकतंत्र खतरे में है और इसी को बचाने के लिए राहुल गांधी और हमारे नेता भारत जोड़ो यात्रा (Congress Bharat Jodo Yatra) कर रहे हैं. कर्नाटक और मध्य प्रदेश में वोटों से चुनी गई सरकार को गिराने के साथ ही राज्यसभा में भी जोड़-तोड़ कर जीत दर्ज कर लोकतंत्र की हत्या करने का काम भाजपा कर रही है, लेकिन कांग्रेस पार्टी राजस्थान में एकजुट है और तीन सीटों पर जीत दर्ज करेगी. यह कहना है राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा का.
डोटासरा ने कहा कि किस तरीके से ईडी, सीबीआई का दुरुपयोग किया जाता है और चाहे चिदंबरम हों या फिर लालू यादव, उन पर कार्रवाई शुरू हो जाती है. डोटासरा ने कहा कि आज तक भाजपा के किसी नेता पर कोई (PCC Chief Alleged Modi Government) कार्रवाई नहीं होती, जैसे कि भाजपा ने ईडी, सीबीआई की कार्रवाई के लिए संविधान बदल दिया हो. उन्होंने कहा कि अभी देश में लोकतंत्र खतरे में है और केंद्र की भाजपा सरकार संवैधानिक संस्थाओं को खत्म कर लोकतंत्र का गला घोंट रही है. इसी के जरिए वह सत्ता में वापसी करना चाहती है.
अभी तो मदरसा आया है, कब्रिस्तान, श्मशान और अल्लाह का आना बाकी : पूर्व शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी के मदरसों को लेकर दिए गए बयान पर गोविंद डोटासरा ने कहा कि यह बात देवनानी ने नहीं, बल्कि देवनानी को जो पर्ची भारती भवन और आरएसएस से पहुंची थी उसका परिणाम है. डोटासरा ने कहा कि भाजपा धार्मिक उन्माद प्रदेश में फैलाना चाहती थी, लेकिन सरकार ने उन्हें यह करने से रोक दिया. इसलिए ऐसी बातें कर दोबारा वही प्रयास हो रहा है. उन्होंने कहा कि अभी तो मदरसा ही आया है शमशान, कब्रिस्तान, अल्लाह और भगवान का आना बाकी है. उन्होंने कहा कि यह 'ईश्वर अल्लाह तेरो नाम' की बात नहीं करेंगे और झगड़े करवाएंगे. झगड़े करवाने के बाद हनुमान चालीसा करेंगे, ताकि इन्हें हिंदू वोट मिल सके.
जीतेंगे तीन राज्यसभा सीटें : प्रदेश में चार राज्यसभा सीटों पर होने वाले चुनाव से पहले प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने भाजपा की ओर से षड्यंत्र किए जाने की आशंका जताई है. डोटासरा ने कहा कि हम भाजपा के षड्यंत्र से चौकस हैं और जानते हैं कि भाजपा वह सब काम करेगी जो लोकतंत्र में किसी दल या सरकार को नहीं करना चाहिए. लेकिन कांग्रेस मजबूत है और हम सब एकजुट हैं. चार में से तीन राज्यसभा सीट कांग्रेस जीतेगी चाहे भाजपा कुछ भी कर ले.
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घोघरा ने की मुझसे और मुख्यमंत्री से बात, अब ऑल इज वेल : वहीं, राज्यसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के विधायक गणेश घोघरा के इस्तीफे और उनकी नाराजगी को लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि घोघरा ने मुझसे भी मुलाकात की है और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भी उन्होंने अपनी बात कही है. अब घोगरा खुश हैं और उन्हें कोई परेशानी नहीं है. उन्होंने कहा कि छोटी-मोटी जो भी शिकायत गणेश घोघरा की थी, उन्होंने मुझसे और मुख्यमंत्री से मिलकर कह दी है. अब उनकी नाराजगी समाप्त हो गई है.
कांग्रेस की जनसुनवाई और डोटासरा जिंदाबाद के नारे : राजस्थान कांग्रेस मुख्यालय पर 2 दिनों से मंत्रियों की जनसुनवाई चल रही है, जहां मंगलवार को दूसरे दिन 254 लोगों की जनसुनवाई मंत्री लालचंद कटारिया और मंत्री जाहिदा ने की. कांग्रेस पार्टी के लिए प्रदेश कार्यालय पर की जा रही जनसुनवाई खट्टा और मीठा दोनों अनुभव दे रही है. जिन लोगों के काम नहीं होते वह सरकार के विरोध में सैकड़ों की तादाद में खड़ा होकर हंगामा और प्रदर्शन करते हैं, तो वहीं जिन लोगों के काम हो रहे हैंं वह संगठन इकट्ठा होकर सरकार के पक्ष में नारेबाजी कर रहे हैं. कुछ ऐसा ही नजारा आज दूसरे दिन भी कांग्रेस जनसुनवाई में देखने को मिला.
पिछले 55 दिन से नियमितीकरण करने की मांग ले कर बैठे सीएचए फिर प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय पहुंच गए और कार्यालय में प्रवेश को लेकर उनका जबरदस्त विवाद हुआ. जिसके बाद न केवल सीएचए कार्यकर्ताओं ने जबरदस्त (Covid Health Assistant Protest) हंगामा किया, बल्कि प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय को पुलिस को अपने घेरे में लेना पड़ा. वहीं, इसके ठीक 1 घंटे बाद जब रीट लेवल टू रद्द किए जाने के विरोध में कोर्ट का रूख करने वाले स्टूडेंट सरकार की ओर से जल्द जवाब कोर्ट में पेश करने की मांग को लेकर पहुंचे तो प्रदेश अध्यक्ष गोविंद डोटासरा ने एजी को मामले में जवाब पेश करने की बात कही.
डोटासरा ने जैसे ही इन स्टूडेंट्स की बात की वैसे ही नारजगी दिखाने सैकड़ों की तादात में प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय मुख्यालय के बाहर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के सामने पक्ष में नारे लगाने लगे. वहीं, मंगलवार को एक दिव्यांग युवती अपनी मांग को लेकर प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय पहुंची तो मंत्री जाहिदा खुद उठकर उस युवती के पास चली गईं और संबंधित अधिकारी को फोन कर उसे राहत दिलाने का प्रयास किया. ऐसे में कहा जा सकता है कि राजस्थान कांग्रेस मुख्यालय पर चल रही जनसुनवाई कांग्रेस के लिए खट्टे और मीठे दोनों अनुभव दे रही है. कुछ पक्ष भले ही नाराजगी दिखा रहे हों, लेकिन ज्यादातर लोगों को इससे फायदा ही हो रहा है.