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देशभर में आर्थिक मंदी का असर, मनरेगा में 3 महीने से नहीं मिला श्रमिकों को भुगतान - जयपुर की खबर

देशभर में आर्थिक मंदी का दौर चल रहा है. इसको लेकर भले ही सभी मंत्री अपनी-अपनी सफाई दे रहे हो, लेकिन अब मंदी का असर मनरेगा श्रमिकों पर भी दिखने लगा है. जिसके कारण मनरेगा श्रमिकों को 3 महीने से वेतन नहीं दिया गया है. जिसके चलते श्रमिकों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

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जयपुर में मनरेगा श्रमिकों को तीन माह से भुगतान नहीं
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Published : Dec 7, 2019, 10:47 PM IST

जयपुर. देश में आर्थिक मंदी का शोर दिखाई देने लगा है. आर्थिक मंदी के बादल तेजी से काले और घने होते जा रहे हैं. इसका असर ऑटो, रियल एस्टेट, टेलिकॉम और बैंकिंग से लेकर स्टील और टेक्सटाइल जैसे सेक्टरों में दिख रहा है. वहीं, अब इस मंदी का असर मनरेगा श्रमिकों पर भी दिखने लगा है. यही कारण है कि केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय की ओर से चलने वाली मनरेगा श्रमिकों को पिछले तीन महीने से बकाया भुगतान नहीं मिला है. मनरेगा का भुगतान नहीं होने से श्रमिकों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

जयपुर में मनरेगा श्रमिकों को तीन माह से भुगतान नहीं

मनरेगा कमिश्नर पी.सी. किशन ने बताया कि श्रमिकों को मजदूरी नहीं मिलने से मेरा फोन लोगों के लिए हेल्पलाइन नंबर बन गया है. रोजाना प्रदेश के अलग-अलग जिलों से 5-6 फोन पेमेंट को लेकर आते हैं. श्रमिकों की समस्याओं को देखते हुए मैंने केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय में भी फोन किया है, लेकिन वित्तीय स्थिति का हवाला देते हुए उन्होंने अभी देरी की बात कही है. अभी प्रदेश में रोजाना 11 लाख से ज्यादा श्रमिक काम कर रहे हैं. वहीं, प्रदेश के 557 करोड़ रुपए का भुगतान केंद्र ने नहीं किया है.

पढ़ें- निर्दलीय विधायक के सवाल पर सरकार इकट्ठा कर रही है RSS से जुड़े कर्मचारियों और अधिकारियों का डेटा

किशन ने बताया कि मनरेगा श्रमिकों को समय पर भुगतान नहीं होने से खाद, बीज सहित छोटी-मोटी जरूरत के सामान के लिए परेशान होना पड़ रहा है. जबकि मनरेगा एक्ट के अनुसार मजदूरों का मस्टर रोल बंद होने के 15 दिन के भीतर पेमेंट करना होता है.

जयपुर. देश में आर्थिक मंदी का शोर दिखाई देने लगा है. आर्थिक मंदी के बादल तेजी से काले और घने होते जा रहे हैं. इसका असर ऑटो, रियल एस्टेट, टेलिकॉम और बैंकिंग से लेकर स्टील और टेक्सटाइल जैसे सेक्टरों में दिख रहा है. वहीं, अब इस मंदी का असर मनरेगा श्रमिकों पर भी दिखने लगा है. यही कारण है कि केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय की ओर से चलने वाली मनरेगा श्रमिकों को पिछले तीन महीने से बकाया भुगतान नहीं मिला है. मनरेगा का भुगतान नहीं होने से श्रमिकों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

जयपुर में मनरेगा श्रमिकों को तीन माह से भुगतान नहीं

मनरेगा कमिश्नर पी.सी. किशन ने बताया कि श्रमिकों को मजदूरी नहीं मिलने से मेरा फोन लोगों के लिए हेल्पलाइन नंबर बन गया है. रोजाना प्रदेश के अलग-अलग जिलों से 5-6 फोन पेमेंट को लेकर आते हैं. श्रमिकों की समस्याओं को देखते हुए मैंने केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय में भी फोन किया है, लेकिन वित्तीय स्थिति का हवाला देते हुए उन्होंने अभी देरी की बात कही है. अभी प्रदेश में रोजाना 11 लाख से ज्यादा श्रमिक काम कर रहे हैं. वहीं, प्रदेश के 557 करोड़ रुपए का भुगतान केंद्र ने नहीं किया है.

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किशन ने बताया कि मनरेगा श्रमिकों को समय पर भुगतान नहीं होने से खाद, बीज सहित छोटी-मोटी जरूरत के सामान के लिए परेशान होना पड़ रहा है. जबकि मनरेगा एक्ट के अनुसार मजदूरों का मस्टर रोल बंद होने के 15 दिन के भीतर पेमेंट करना होता है.

Intro:जयपुर
आर्थिक मंदी का असर , मनरेगा में तीन महीने से नही मिल रहा भुगतान , नरेगा कमिश्नर का फोन बना हेल्पलाइन नम्बर

एंकर:- देशभर में चल रही आर्थिक मंदी से भले ही केंद्र के मंत्री अपनी सफाई दे रहे हो, लेकिन इस मंदी का असर अब मनरेगा मजदूरों पर भी दिखने लगा है। सरकारें हमेशा मनरेगा श्रमिकों को समय पर भुगतान करने के दावे करती हैं, लेकिन मनरेगा श्रमिकों को पिछले 3 माह से वेतन नहीं मिला है। जिसके चलते श्रमिकों को अब आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है ।
VO:- देश में आर्थिक मंदी का शोर दिखाई देने लगा है। आर्थिक मंदी के बादल तेजी से काले और घने होते जा रहे हैं। इसका असर ऑटो, रियल एस्टेट, टेलिकॉम और बैंकिंग से लेकर स्टील और टेक्सटाइल जैसे सेक्टरों में दिख रहा है। वहीं अब इस मंदी का असर अब मनरेगा श्रमिकों पर भी दिखने लगा है। यही कारण है कि केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय की ओर से चलने वाली मनरेगा श्रमिकों को पिछले तीन महीने से बकाया भुगतान नहीं मिला है। मजदूरों को मनरेगा का भुगतान नहीं होने से श्रमिकों काे खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। नरेगा कमिश्नर पीसी किशन ने बताया कि श्रमिकों को मजदूरी नहीं मिलने से मेरा फोन लोगों के लिए हैल्प लाइन नंबर बन गया है। रोजाना प्रदेश के अलग-अलग जिलों से 5-6 फोन पेमेंट को लेकर आते हैं। श्रमिकों की समस्याओं को देखते हुए मैंने केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय में भी फोन किया है, लेकिन वित्तीय स्थिति का हवाला देते हुए उन्होंने अभी देरी की बात कही है। अभी प्रदेश में रोजाना 11 लाख से ज्यादा श्रमिक काम कर रहे हैं। वहीं प्रदेश के 557 करोड़ रुपए का भुगतान केंद्र ने नहीं किया है। 


बाइट- पीसी किशन, आयुक्त, मनरेगा

VO:- मनरेगा श्रमिकों को समय पर भुगतान नहीं होने से खाद, बीज, साद्यान सहित छोटी-मोटी जरूरती सामान के लिए परेशान होना पड़ रहा है। जबकि मनरेगा एक्ट के अनुसार मजदूरों का मस्टर रोल बंद होने के 15 दिन के भीतर पेमेंट करना होता है। Body:वोConclusion:Vi
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