जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने वाईफाई एक्सेस प्वाइंट के दिए गए टेंडर के भुगतान के मामले में राजकॉम्प की ओर से पेश जवाब को लेकर याचिकाकर्ता को चार सप्ताह में अपनी आपत्तियां पेश करने को कहा है.
न्यायाधीश सबीना और न्यायाधीश सीके सोनगरा की खंडपीठ ने यह आदेश पब्लिक अगेंस्ट करप्शन की जनहित याचिका पर दिए. याचिका में कहा गया कि जुलाई 2017 में राजकॉम्प ने वाईफाई एक्सेस प्वाइंट के लिए 240 करोड़ रुपए का ठेका दिया था.
आरटीआई में मिली जानकारी के अनुसार 22 हजार पांच सौ प्वाइंट के लिए वर्क ऑर्डर दिया गया था. इनमें से एक हजार 750 प्वाइंट लगाए गए और इनमें से 1632 काम कर रहे हैं. जबकि इनका 90 फीसदी भुगतान किया जा चुका है.
याचिका में कहा गया कि टेंडर के अनुसार काम करने वाली फर्म को सामान अपने गोदाम में ही रखना है, लेकिन आज तक माल का वेरिफिकेशन तक नहीं किया गया. वहीं एसीबी की ओर से अदालत को बताया गया कि प्रमुख गृह सचिव को गत 4 फरवरी को पत्र लिखकर जांच की अनुमति मांगी गई थी, लेकिन सरकार ने अभी तक अनुमति नहीं दी गई है.
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से इस बात की आपत्ति भी दर्ज कराई गई कि अदालत ने राजकॉम्प को नोटिस जारी नहीं किए थे, इसके बावजूद महाधिवक्ता ने राजकॉम्प की ओर से जवाब पेश कर दिया. याचिकाकर्ता की ओर से गोदाम का निरीक्षण करने के लिए कोर्ट कमिश्नर नियुक्त करने की गुहार की गई है.