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पौष अमावस्या 2 जनवरी को, यह उपाय करने से मिलेगा पूर्वजों का आशीर्वाद...जीवन में आएगी सुख-समृद्धि

सनातन धर्म में पौष का महीना पवित्र माना जाता है और इस माह की अमावस्या और पूर्णिमा का खास महत्व है. पौष महीने में आने वाली अमावस्या को पौष अमावस्या कहते हैं. इस बार पौष अमावस्या नए साल में 2 जनवरी (Paush Amavasya on 2nd January) को है. जानिए इस दिन क्या उपाय कर पितरों को प्रसन्न किया जा सकता है.

Paush Amavasya on 2nd January
पौष अमावस्या 2 जनवरी को
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Published : Dec 31, 2021, 9:48 PM IST

जयपुर. नव वर्ष पर ईश्वर की कृपा बनी रहे और घर में खुशहाली के लिए सभी दिन की शुरुआत पूजन के साथ करते हैं. सनातन धर्म में पौष माह पवित्र माना जाता है. इस मास में पड़ने वाली अमावस्या और पूर्णिमा का विशेष महत्व होता है. पौष महीने में आने वाली अमावस्या को पौष अमावस्या कहते हैं. इस बार पौष अमावस्या नए साल में 2 जनवरी (Paush Amavasya on 2nd January) को है.

शास्त्रों में बताया गया है कि अमावस्या के दिन तर्पण और दान-पुण्य करने और श्राद्ध कर्म करने से पूर्वजों का आशीर्वाद मिलता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है. पौष अमावस्या के दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु पवित्र नदियों और तीर्थ स्थलों पर स्नान कर श्राद्ध कर्म करते हैं. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा भी की जाती है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अमावस्या के दिन कालसर्प दोष की पूजा और उपाय किए जाते हैं. चांदी से बने नाग-नागिन की विधि विधान से पूजा कर उन्हें नदी में प्रवाहित करने से कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है.

पढ़ें. new years eve celebration in jaipur: प्रदोष व्रत के साथ 2021 का समापन, जयपुर में भगवान शिव की बारात निकालकर दी साल को विदाई

अमावस्या के दिन जरूरतमंदों को मदद करनी चाहिए. इस दिन जरूरतमंद लोगों को भोजन करवाने से पितर प्रसन्न होते हैं और उनके आशीर्वाद से जीवन में खुशहाली आती है. अमावस्या के दिन ब्राह्मणों को भोजन करवाने से भी पूर्वजों की कृपा पूरे परिवार पर बनी रहती है. इस दिन पूजा-पाठ के बाद ब्राह्मणों को भोजन करवाया जाता है और उन्हें सामर्थ्य के अनुसार दक्षिणा दी जाती है. पौष अमावस्या को सुबह पवित्र नदी, तीर्थ स्थल या सरोवर में स्नान करने से भी सभी परेशानियों का अंत होता है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है. इसके साथ ही अमावस्या के दिन मछलियों को दाना खिलाने से भी पुण्य मिलता है.

जयपुर. नव वर्ष पर ईश्वर की कृपा बनी रहे और घर में खुशहाली के लिए सभी दिन की शुरुआत पूजन के साथ करते हैं. सनातन धर्म में पौष माह पवित्र माना जाता है. इस मास में पड़ने वाली अमावस्या और पूर्णिमा का विशेष महत्व होता है. पौष महीने में आने वाली अमावस्या को पौष अमावस्या कहते हैं. इस बार पौष अमावस्या नए साल में 2 जनवरी (Paush Amavasya on 2nd January) को है.

शास्त्रों में बताया गया है कि अमावस्या के दिन तर्पण और दान-पुण्य करने और श्राद्ध कर्म करने से पूर्वजों का आशीर्वाद मिलता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है. पौष अमावस्या के दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु पवित्र नदियों और तीर्थ स्थलों पर स्नान कर श्राद्ध कर्म करते हैं. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा भी की जाती है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अमावस्या के दिन कालसर्प दोष की पूजा और उपाय किए जाते हैं. चांदी से बने नाग-नागिन की विधि विधान से पूजा कर उन्हें नदी में प्रवाहित करने से कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है.

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अमावस्या के दिन जरूरतमंदों को मदद करनी चाहिए. इस दिन जरूरतमंद लोगों को भोजन करवाने से पितर प्रसन्न होते हैं और उनके आशीर्वाद से जीवन में खुशहाली आती है. अमावस्या के दिन ब्राह्मणों को भोजन करवाने से भी पूर्वजों की कृपा पूरे परिवार पर बनी रहती है. इस दिन पूजा-पाठ के बाद ब्राह्मणों को भोजन करवाया जाता है और उन्हें सामर्थ्य के अनुसार दक्षिणा दी जाती है. पौष अमावस्या को सुबह पवित्र नदी, तीर्थ स्थल या सरोवर में स्नान करने से भी सभी परेशानियों का अंत होता है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है. इसके साथ ही अमावस्या के दिन मछलियों को दाना खिलाने से भी पुण्य मिलता है.

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