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प्रदेश भाजपा मुख्यालय वाले जिले में भी पार्टी नेतृत्व संगठनात्मक चुनाव कराने में विफल

मंडल के बाद अब जयपुर शहर में बीजेपी के शहर अध्यक्ष का चुनाव अटका गया है. प्रदेश भाजपा मुख्यालय वाले जिले में ही पार्टी नेतृत्व संगठनात्मक चुनाव नहीं करवा पा रहा है, और अब इसकी वजह पार्टी के सीनियर नेताओं की दखलअंदाजी माना जा रही है.

organizational elections, शहर अध्यक्ष का चुनाव
भाजपा पार्टी नेतृत्व संगठनात्मक चुनाव कराने में विफल.
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Published : Dec 12, 2019, 6:38 PM IST

जयपुर. प्रदेश भाजपा में इन दिनों संगठनात्मक चुनाव चल रहा है. लेकिन प्रदेश की राजधानी जयपुर शहर में ही बीजेपी सही तरीके से संगठनात्मक चुनाव करवाने में नाकाम साबित हुई है. यह स्थिति तो तब है जब जयपुर में ही पार्टी का प्रदेश मुख्यालय है और यहां पार्टी प्रदेश अध्यक्ष और प्रदेश संगठन महामंत्री सहित कई आला नेता रहते हैं. जयपुर शहर में भाजपा अब तक ना तो मंडल अध्यक्षों की घोषणा कर पाई और ना ही अभी तक शहर अध्यक्ष का चुनाव हो पाया है.

भाजपा पार्टी नेतृत्व संगठनात्मक चुनाव कराने में विफल.
सीनियर नेताओं के आगे प्रदेश पदाधिकारी बेबस
दरअसल जयपुर शहर में ही संगठनात्मक चुनाव सही ढंग से नहीं करवा पाने के पीछे एक बड़ी वजह यहां मौजूद पार्टी के सीनियर लीडर है माने जा रहे हैं. जिनके आगे प्रदेश पदाधिकारियों की कुछ नहीं चलती. जयपुर में अरुण चतुर्वेदी और अशोक परनामी जैसे पूर्व प्रदेश अध्यक्ष पद के नेता है. कालीचरण सराफ और नरपत सिंह राजवी जैसे मौजूदा विधायक और वरिष्ठ नेता भी है. इनकी तुलना में प्रदेश पदाधिकारियों का जिम्मा संभाल रहे नेता काफी जूनियर है.

कारण यही माना जा रहा है कि अधिकतर मंडलों में यह अपने मनमर्जी के अध्यक्ष चाहते हैं जिसके चलते पार्टी 40 वर्ष की उम्र तक के मंडल अध्यक्ष बनाने की मंशा भी जयपुर में पूरी नहीं कर पा रही है. विधायकों की मर्जी से जिन कार्यकर्ताओं ने मंडल अध्यक्ष के लिए नामांकन भरे थे उनमें अधिकतर 40 वर्ष से अधिक उम्र के थे. खुद जयपुर के चुनाव अधिकारी गुलाबचंद कटारिया मानते हैं कि जब पार्टी में नया खून आगे आएगा तभी पार्टी और आगे बढ़ पाएगी. लेकिन जयपुर से जुड़े सवाल का जवाब उनके पास भी नहीं है.

पूनिया की नजर में सही चल रहा संगठनात्मक चुनाव
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया भी जयपुर में ही निवास करते हैं लेकिन जयपुर शहर के संगठनात्मक चुनाव समय पर करवा पाने में उनकी कोई पहल भी अब तक सामने नहीं आई. तय समय पर जयपुर शहर में मंडल अध्यक्ष घोषित नहीं हुए और उसके चलते शहर के चुनाव प्रक्रिया भी शुरू नहीं हुई. लेकिन पूनिया मौजूदा संगठनात्मक चुनाव और उसकी प्रक्रिया से पूरी तरह संतुष्ट नजर आ रहे हैं.

ये भी पढ़ें: राहुल को अध्यक्ष बनाए जाने के सवाल पर पायलट बोले- पार्टी ने पहले भी देश हो या प्रदेश युवाओं को आगे बढ़ाने का किया है काम

संगठन महामंत्री चंद्रशेखर की मॉनिटरिंग नहीं आई काम
प्रदेश में भाजपा संगठन मजबूत हो इसकी एक बड़ी जिम्मेदारी संगठन महामंत्री चंद्रशेखर की भी है. पार्टी कार्यकर्ताओं को चंद्रशेखर से काफी उम्मीदें भी हैं लेकिन संगठन चुनाव में आ रही इन समस्याओं को दूर करने में वह भी अब तक सफल नहीं हो पाए. जयपुर शहर इसका ताजा उदाहरण है.

जयपुर. प्रदेश भाजपा में इन दिनों संगठनात्मक चुनाव चल रहा है. लेकिन प्रदेश की राजधानी जयपुर शहर में ही बीजेपी सही तरीके से संगठनात्मक चुनाव करवाने में नाकाम साबित हुई है. यह स्थिति तो तब है जब जयपुर में ही पार्टी का प्रदेश मुख्यालय है और यहां पार्टी प्रदेश अध्यक्ष और प्रदेश संगठन महामंत्री सहित कई आला नेता रहते हैं. जयपुर शहर में भाजपा अब तक ना तो मंडल अध्यक्षों की घोषणा कर पाई और ना ही अभी तक शहर अध्यक्ष का चुनाव हो पाया है.

भाजपा पार्टी नेतृत्व संगठनात्मक चुनाव कराने में विफल.
सीनियर नेताओं के आगे प्रदेश पदाधिकारी बेबस
दरअसल जयपुर शहर में ही संगठनात्मक चुनाव सही ढंग से नहीं करवा पाने के पीछे एक बड़ी वजह यहां मौजूद पार्टी के सीनियर लीडर है माने जा रहे हैं. जिनके आगे प्रदेश पदाधिकारियों की कुछ नहीं चलती. जयपुर में अरुण चतुर्वेदी और अशोक परनामी जैसे पूर्व प्रदेश अध्यक्ष पद के नेता है. कालीचरण सराफ और नरपत सिंह राजवी जैसे मौजूदा विधायक और वरिष्ठ नेता भी है. इनकी तुलना में प्रदेश पदाधिकारियों का जिम्मा संभाल रहे नेता काफी जूनियर है.

कारण यही माना जा रहा है कि अधिकतर मंडलों में यह अपने मनमर्जी के अध्यक्ष चाहते हैं जिसके चलते पार्टी 40 वर्ष की उम्र तक के मंडल अध्यक्ष बनाने की मंशा भी जयपुर में पूरी नहीं कर पा रही है. विधायकों की मर्जी से जिन कार्यकर्ताओं ने मंडल अध्यक्ष के लिए नामांकन भरे थे उनमें अधिकतर 40 वर्ष से अधिक उम्र के थे. खुद जयपुर के चुनाव अधिकारी गुलाबचंद कटारिया मानते हैं कि जब पार्टी में नया खून आगे आएगा तभी पार्टी और आगे बढ़ पाएगी. लेकिन जयपुर से जुड़े सवाल का जवाब उनके पास भी नहीं है.

पूनिया की नजर में सही चल रहा संगठनात्मक चुनाव
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया भी जयपुर में ही निवास करते हैं लेकिन जयपुर शहर के संगठनात्मक चुनाव समय पर करवा पाने में उनकी कोई पहल भी अब तक सामने नहीं आई. तय समय पर जयपुर शहर में मंडल अध्यक्ष घोषित नहीं हुए और उसके चलते शहर के चुनाव प्रक्रिया भी शुरू नहीं हुई. लेकिन पूनिया मौजूदा संगठनात्मक चुनाव और उसकी प्रक्रिया से पूरी तरह संतुष्ट नजर आ रहे हैं.

ये भी पढ़ें: राहुल को अध्यक्ष बनाए जाने के सवाल पर पायलट बोले- पार्टी ने पहले भी देश हो या प्रदेश युवाओं को आगे बढ़ाने का किया है काम

संगठन महामंत्री चंद्रशेखर की मॉनिटरिंग नहीं आई काम
प्रदेश में भाजपा संगठन मजबूत हो इसकी एक बड़ी जिम्मेदारी संगठन महामंत्री चंद्रशेखर की भी है. पार्टी कार्यकर्ताओं को चंद्रशेखर से काफी उम्मीदें भी हैं लेकिन संगठन चुनाव में आ रही इन समस्याओं को दूर करने में वह भी अब तक सफल नहीं हो पाए. जयपुर शहर इसका ताजा उदाहरण है.

Intro:मंडल के बाद अब जयपुर शहर में अटका बीजेपी शहर अध्यक्ष निर्वाचन का काम

प्रदेश भाजपा मुख्यालय वाले जिले में ही पार्टी नेतृत्व नहीं करवा पा रही संगठनात्मक चुनाव

जयपुर के सीनियर बीजेपी नेताओं के आगे मौजूदा प्रदेश पदाधिकारी भी हुए बेबस

जयपुर (इंट्रो)
प्रदेश भाजपा में इन दिनों संगठन पर चल रहा है मतलब संगठनात्मक चुनाव लेकिन प्रदेश की राजधानी जयपुर शहर में ही बीजेपी सही तरीके से संगठनात्मक चुनाव करवाने में नाकाम साबित हुई है। यह स्थिति तो तब है जब जयपुर में ही पार्टी का प्रदेश मुख्यालय है और यहां पार्टी प्रदेश अध्यक्ष और प्रदेश संगठन महामंत्री सहित कई आला नेता रहते हैं। जयपुर शहर में भाजपा अब तक ना तो मंडल अध्यक्षों की घोषणा कर पाई और ना ही हो पाया शहर अध्यक्ष का चुनाव।

सीनियर बीजेपी नेताओं के आगे मौजूदा प्रदेश पदाधिकारी भी हुए बेबस-

दरअसल जयपुर शहर में ही संगठनात्मक चुनाव सही ढंग से नहीं करवा पाने के पीछे एक बड़ी वजह यहां मौजूद पार्टी के सीनियर लीडर है जिनके आगे प्रदेश पदाधिकारियों की कुछ नहीं चलती। जयपुर में अरुण चतुर्वेदी व अशोक परनामी जैसे पूर्व प्रदेश अध्यक्ष पद के नेता है कालीचरण सराफ और नरपत सिंह राजवी जैसे मौजूदा विधायक और वरिष्ठ नेता भी है इनकी तुलना में प्रदेश पदाधिकारियों का जिम्मा संभाल रहे नेता काफी जूनियर है। यही कारण है कि अधिकतर मंडलों में यह अपने मनमर्जी के अध्यक्ष चाहते हैं जिसके चलते पार्टी 40 वर्ष की उम्र तक के मंडल अध्यक्ष बनाने की मंशा भी जयपुर में पूरी नहीं कर पा रही है। विधायकों की मर्जी से जिन कार्यकर्ताओं ने मंडल अध्यक्ष के लिए नामांकन भरे थे उनमें अधिकतर 40 वर्ष से अधिक उम्र के थे खुद जयपुर के चुनाव अधिकारी गुलाबचंद कटारिया मानते हैं कि जब पार्टी नया खून आगे आएगा तभी पार्टी और आगे बढ़ पाएगी लेकिन जयपुर से जुड़े सवाल का जवाब उनके पास भी नहीं है।

पूनियां की नजरों में बेहद सही तरीके से चल रहा है संगठनात्मक चुनाव-

वहीं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया भी जयपुर में ही निवास करते हैं लेकिन जयपुर शहर के संगठनात्मक चुनाव समय पर करवा पाने में उनकी कोई पहल भी अब तक सामने नहीं आई । तय समय पर जयपुर शहर में मंडल अध्यक्ष घोषित नहीं हुए और उसके चलते शहर के चुनाव प्रक्रिया भी शुरू नहीं हुई लेकिन पूर्णिया मौजूदा संगठनात्मक चुनाव और उसकी प्रक्रिया से पूरी तरह संतुष्ट नजर आते हैं ..

संगठन महामंत्री चंद्रशेखर की मॉनिटरिंग भी नहीं आई काम-

फिर प्रदेश में भाजपा संगठन मजबूत हो इसकी एक बड़ी जिम्मेदारी संगठन महामंत्री चंद्रशेखर की भी है और पार्टी कार्यकर्ताओं को चंद्रशेखर से काफी उम्मीदें भी है लेकिन संगठन चुनाव में आ रही इन समस्याओं को दूर करने में वह भी अब तक सफल नहीं हो पाए। जयपुर शहर भाजपा इसका ताजा उदाहरण है।

बाईट- गुलाबचंद कटारिया, चुनाव अधिकारी जयपुर
बाईट- सतीश पूनिया, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष
(Edited vo pkg)



Body:बाईट- गुलाबचंद कटारिया, चुनाव अधिकारी जयपुर
बाईट- सतीश पूनिया, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष
(Edited vo pkg)



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