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गोविंद सिंह डोटासरा के इस्तीफे से खुश हैं अभिभावक..बेरोजगारों को बांटी मिठाई, फीस मामले को लेकर थी नाराजगी

कांग्रेस सरकार में शिक्षा मंत्री रहे गोविंद सिंह डोटासरा (Govind Singh Dotasara ) से इस्तीफा लेने के बाद अभिभावकों में खुशी की लहर है. रविवार शाम अभिभावकों ने शहीद स्मारक पर बेरोजगारों के बीच जाकर मिठाई बांटी. फीस मामले में डोटासरा का समर्थन नहीं मिलने और उनकी ओर से प्राइवेट स्कूलों (private school) को संरक्षण देने पर अभिभावकों ने नाराजगी जताई थी.

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गोविंद सिंह डोटासरा शिक्षा मंत्री अभिभावक बेरोजगार
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Published : Nov 21, 2021, 6:19 PM IST

जयपुर. गहलोत सरकार में रविवार को मंत्रिमंडल पुनर्गठन (cabinet reorganization) किया और मंत्रियों की ओर से शपथ ली गई. एक ओर जहां मंत्री बनने पर विधायकों में खुशी की लहर थी. तो वहीं दूसरी ओर एक वर्ग ऐसा भी था जिसने गोविंद सिंह डोटासरा के शिक्षा मंत्री पद से इस्तीफा देने पर खुशी का इजहार किया.

संयुक्त अभिभावक संघ ने पूर्व शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा से मंत्री पद से इस्तीफा देने पर खुशी का इजहार किया है. अभिभावक संघ के बैनर तले कुछ अभिभावक शहीद स्मारक पहुंचे और वहां चल रहे बेरोजगारों के आंदोलन को अपना समर्थन दिया और उन्हें मिठाई भी खिलाई.

संयुक्त अभिभावक संघ के अध्यक्ष अरविंद अग्रवाल ने बताया कि पिछले डेढ़ सालों से निजी स्कूलों की फीस वसूली वसूलने के मामले में प्रदेश का अभिभावक लगातार राहत की मांग कर रहा था. किंतु हर बार शिक्षा राज्यमंत्री रहे गोविंद सिंह डोटासरा ने अभिभावकों की मांगों को अनसुना कर निजी स्कूलों को संरक्षण दिया.

इसके बाद से लगातार अभिभावक गोविंद सिंह डोटासरा को बर्खास्त करने की मांग कर रहे थे. किन्तु मुख्यमंत्री ने बर्खास्त न कर उनका इस्तीफा करवाया. उसमें भी प्रदेश का अभिभावक अपनी खुशी व्यक्त करता है. अरविंद अग्रवाल ने कहा कि आज भी हालात ये हैं कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद सरकार स्कूल फीस को लेकर नियम लागू नहीं कर पा रही है. जिसके कारण अभिभावकों को अधिक फीस देनी पड़ रही है.

पढ़ें- उम्मीद है नया मंत्रिमंडल राजस्थान को जंगलराज और भ्रष्टाचार मुक्त करेगा, प्रदेश को स्थाई गृहमंत्री मिलेगा: अरुण सिंह

उन्होंने कहा कि जब तक प्राइवेट स्कूलों में फीस एक्ट (private school fees act ) लागू नहीं हो जाता तब तक संयुक्त अभिभावक संघ इसी तरह से विरोध करता रहेगा. उन्होंने कहा कि निजी स्कूल दबाव बनाकर अभिभावकों से अधिक फीस वसूली कर रहे हैं. इसमें विभाग यदि चुप्पी साधे बैठा है तो इसमें कहीं न कहीं मंत्री की भी मिलीभगत रहती है. अग्रवाल ने कहा कि हाल ही में शिक्षक सम्मान समारोह में भी जब मुख्यमंत्री ने ट्रांसफर के लिए शिक्षकों की ओर से पैसे देने की बात पूछी थी तो सभी शिक्षकों ने एक स्वर में हां कहा था.

इससे जाहिर होता है कि शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार (corruption in education department) है. उन्होंने कहा कि संयुक्त अभिभावक संघ विभाग की निजी स्कूलों के साथ चल रही मिलीभगत के खिलाफ हमेशा विरोध करता रहेगा.

जयपुर. गहलोत सरकार में रविवार को मंत्रिमंडल पुनर्गठन (cabinet reorganization) किया और मंत्रियों की ओर से शपथ ली गई. एक ओर जहां मंत्री बनने पर विधायकों में खुशी की लहर थी. तो वहीं दूसरी ओर एक वर्ग ऐसा भी था जिसने गोविंद सिंह डोटासरा के शिक्षा मंत्री पद से इस्तीफा देने पर खुशी का इजहार किया.

संयुक्त अभिभावक संघ ने पूर्व शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा से मंत्री पद से इस्तीफा देने पर खुशी का इजहार किया है. अभिभावक संघ के बैनर तले कुछ अभिभावक शहीद स्मारक पहुंचे और वहां चल रहे बेरोजगारों के आंदोलन को अपना समर्थन दिया और उन्हें मिठाई भी खिलाई.

संयुक्त अभिभावक संघ के अध्यक्ष अरविंद अग्रवाल ने बताया कि पिछले डेढ़ सालों से निजी स्कूलों की फीस वसूली वसूलने के मामले में प्रदेश का अभिभावक लगातार राहत की मांग कर रहा था. किंतु हर बार शिक्षा राज्यमंत्री रहे गोविंद सिंह डोटासरा ने अभिभावकों की मांगों को अनसुना कर निजी स्कूलों को संरक्षण दिया.

इसके बाद से लगातार अभिभावक गोविंद सिंह डोटासरा को बर्खास्त करने की मांग कर रहे थे. किन्तु मुख्यमंत्री ने बर्खास्त न कर उनका इस्तीफा करवाया. उसमें भी प्रदेश का अभिभावक अपनी खुशी व्यक्त करता है. अरविंद अग्रवाल ने कहा कि आज भी हालात ये हैं कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद सरकार स्कूल फीस को लेकर नियम लागू नहीं कर पा रही है. जिसके कारण अभिभावकों को अधिक फीस देनी पड़ रही है.

पढ़ें- उम्मीद है नया मंत्रिमंडल राजस्थान को जंगलराज और भ्रष्टाचार मुक्त करेगा, प्रदेश को स्थाई गृहमंत्री मिलेगा: अरुण सिंह

उन्होंने कहा कि जब तक प्राइवेट स्कूलों में फीस एक्ट (private school fees act ) लागू नहीं हो जाता तब तक संयुक्त अभिभावक संघ इसी तरह से विरोध करता रहेगा. उन्होंने कहा कि निजी स्कूल दबाव बनाकर अभिभावकों से अधिक फीस वसूली कर रहे हैं. इसमें विभाग यदि चुप्पी साधे बैठा है तो इसमें कहीं न कहीं मंत्री की भी मिलीभगत रहती है. अग्रवाल ने कहा कि हाल ही में शिक्षक सम्मान समारोह में भी जब मुख्यमंत्री ने ट्रांसफर के लिए शिक्षकों की ओर से पैसे देने की बात पूछी थी तो सभी शिक्षकों ने एक स्वर में हां कहा था.

इससे जाहिर होता है कि शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार (corruption in education department) है. उन्होंने कहा कि संयुक्त अभिभावक संघ विभाग की निजी स्कूलों के साथ चल रही मिलीभगत के खिलाफ हमेशा विरोध करता रहेगा.

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