जयपुर. लंबे समय से नियमितीकरण की मांग कर रहे प्रदेश के हजारों पैराटीचर्स का सब्र का बांध अब टूटने लगा है. 73 दिन आंदोलन करने के बावजूद भी अब तक सरकार ने उनकी मांग पूरी नहीं की है. हालांकि, कई दौर की वार्ताएं हुईं, जो सकारात्मक नहीं रहीं. अब मदरसा पैराटीचर्स, राजीव गांधी पैराटीचर्स और शिक्षाकर्मियों के संयुक्त मोर्चा ने 29 दिसंबर को महापड़ाव और 30 दिसंबर को पैदल ही दिल्ली कूच की चेतावनी सरकार को दी है.
संयुक्त मोर्चा के संरक्षक शमशेर भालू खान ने कहा कि पैराटीचर्स के आंदोलन को 73 दिन पूरे हो चुके हैं और उनका खुद का अनशन 67 दिन से चल रहा है. इस दौरान सरकार ने अपने प्रतिनिधियों के साथ कई दौर की वार्ता की, लेकिन अफसोस है कि अब तक कोई निर्णय नहीं हो पाया है. हमारी नियमितीकरण की मांग (Para Teachers regularization demand) अब तक अधूरी है.
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शमशेर ने कहा बीज निगम के पूर्व अध्यक्ष धर्मेंद्र राठौड़ से भी उनकी वार्ता हुई थी और उसके बाद 8 दिसंबर को होने वाले दिल्ली कूच को भी स्थगित कर दिया गया था. इस दौरान नेताओं ने कई बातें की थीं, जिनको भी पूरी तरह से साफ किया गया. इसके बावजूद आज तक हमारी मांग पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. इसी के चलते मदरसा पैराटीचर्स और शिक्षाकर्मियों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है.
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अब मोर्चा ने निर्णय किया है कि 29 दिसंबर को मदरसा पैरा टीचर्स जयपुर में महापड़ाव डालेंगे और 30 दिसंबर को सुबह 11 बजे दिल्ली के लिए कूच किया जाएगा. पैराटीचर्स पैदल ही दिल्ली के लिए रवाना होंगे और वहां एआईसीसी के दफ्तर के सामने धरना देंगे. शमशेर ने कहा कि हमारा महापड़ाव और दिल्ली कूच बिल्कुल शांतिपूर्ण गांधीवादी तरीके से होगा.
फिलहाल, मदरसा पैराटीचर्स का प्रदेशभर में विधायकों के घर पर लगातार धरना प्रदर्शन चल रहा है. इस तरह से पैराटीचर्स अपनी मांग विधायकों के सामने रख रहे हैं. अब तक 142 से अधिक विधायकों ने पैराटीचर्स को नियमित करने के संबंध में पत्र भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को लिखा है.