जयपुर. प्रदेश में 6 जिलों के जिला परिषद और 78 पंचायत समितियों में होने वाले चुनाव में इस बार वंशवाद का बोलबाला रहा. खास तौर पर कांग्रेस के कई जनप्रतिनिधियों के रिश्तेदारों को टिकट मिले, जिस पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने तंज कसते हुए कहा है कि कांग्रेस में उम्मीदवारों का टोटा है. यही कारण है कि परिवारवाद को बढ़ावा देने वाली कांग्रेस इन छोटे चुनाव में भी नए पीढ़ी को आगे बढ़ाने के बजाय वंशवाद को ही बढ़ावा दे रही है.
कांग्रेस की अंतर्कलह बनेगी हार का कारण
जयपुर में प्रदेश भाजपा मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत के दौरान पूनिया ने कहा कि चुनाव को लेकर भाजपा कार्यकर्ता पूरा परिश्रम कर रहा है. पिछले पंचायत चुनाव में भी भाजपा को ऐतिहासिक सफलता मिली थी और इन चुनाव में भी बीजेपी के हर कार्यकर्ता और नेता को नियोजित किया गया है और चुनावी प्रचार प्रसार का काम भी चल रहा है. सरकार के ढाई साल के कार्यकाल में उपजा एंटी इनकंबेंसी और कांग्रेस के भीतर बसपा से आए विधायकों और कांग्रेस के भीतर ही विधायकों में चल रही आपसी खींचतान भी इन चुनावों में कांग्रेस की हार का बड़ा कारण बनेगी.
नाम वापस लेने वाले भाजपा प्रत्याशियों की मांगी रिपोर्ट
जोधपुर जिले में बालेसर पंचायत समिति में नाम वापसी के अंतिम दिन भाजपा के 3 प्रत्याशियों ने नाम वापस ले लिया था. इस मामले में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि संगठन के स्तर पर इस मामले में रिपोर्ट मांगी गई है. हालांकि चुनाव के बाद ही मामले की समीक्षा कर आगामी कार्रवाई की जाएगी.
कांग्रेस के इन नेताओं के परिवार को मिला टिकट
गौरतलब है कि गृह रक्षा मंत्री भजन लाल जाटव की बेटी और बहू को कांग्रेस ने टिकट दिया. विधायक दिव्या मदेरणा की मां लीला मदेरणा और दिग्गज नेता बद्री जाखड़ की बेटी मुन्नी को भी दावेदार बनाया गया. इसी तरह विधायक जाहिदा के परिवार में तीन टिकट दिए गए, तो वहीं विधायक जोगिंदर अवाना के बेटे को कांग्रेस ने टिकट दिया है.