ETV Bharat / city

पंचायत सहायकों का हल्ला बोल, नियमित करने के लिए बुलंद की आवाज

जयपुर में सोमवार को पंचायत सहायकों ने पूर्व में रद्द शिक्षा सहायक भर्ती में आंशिक परिवर्तन करने या फिर स्थायीकरण के लिए अन्य कोई भर्ती लेकर आने की मांग की. उन्होंने कहा कि जब तक कोई नई भर्ती नहीं आती, तब तक न्यूनतम मानदेय कम से कम 18 हजार निर्धारित किया जाए.

राजस्थान की ताजा हिंदी खबरें,Latest hindi news of rajasthan
पंचायत सहायकों ने नियमित करने की मांग की
author img

By

Published : Mar 15, 2021, 7:33 PM IST

जयपुर. प्रदेशभर से पंचायत सहायक सोमवार को सरकार को अपना वादा याद दिलाने के लिए शहीद स्मारक पर जुटे. राजस्थान विद्यार्थी मित्र पंचायत सहायक संघ के बैनर तले पंचायत सहायकों ने मांग की कि सरकार या तो पूर्व में रद्द शिक्षा सहायक भर्ती में आंशिक परिवर्तन करें या फिर स्थायीकरण के लिए अन्य कोई भर्ती लेकर आए.

उनकी मांग है कि जब तक कोई नई भर्ती नहीं आती, तब तक न्यूनतम मानदेय कम से कम 18 हजार निर्धारित किया जाए. इसके साथ ही प्रदेश के 6 हजार बेरोजगार वंचित विद्यार्थी मित्रों के लिए पंचायत सहायक के पद बढ़ाकर नियुक्ति दिए जाने की मांग भी की गई.

राजस्थान विद्यार्थी मित्र पंचायत सहायक संघ के प्रदेश संयोजक अशोक सिहाग ने कहा कि कांग्रेस ने चुनावी घोषणापत्र में संविदा कर्मियों को नियमित करने का वादा किया था. अब दो साल बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बजट घोषणा में मध्यप्रदेश की तर्ज पर संविदाकर्मियों के लिए संविदा सेवा नियम बनाए जाने की बात कर रहे हैं. इसका मतलब साफ है कि सरकार अपने वादे से मुकर रही है. सरकार की इस वादाखिलाफी के विरोध में पंचायत सहायकों को धरना देने पर मजबूर होना पड़ रहा है.

पढ़ें- डूंगरपुर: महारावल स्कूल में दो छात्र गुटों में हुई मारपीट, पुलिस ने किया तितर-बितर

बता दें कि पिछले दिनों शिक्षामंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा था कि पंचायत सहायक और पैराटीचर्स को नियमित करने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है. इससे पंचायत सहायक नाराज हैं और उनका कहना है कि जब सरकार को किसी को नियमित करना ही नहीं था तो बजट में इसकी चर्चा क्यों की गई थी. कांग्रेस के घोषणा पत्र में भी पैराटीचर्स का नियमित करने का वादा किया गया था. उनकी समस्याओं के निराकरण के लिए दो साल पहले कमेटी बनी थी, लेकिन कमेटी ने आज तक कोई रिपोर्ट नहीं सौंपी.

जयपुर. प्रदेशभर से पंचायत सहायक सोमवार को सरकार को अपना वादा याद दिलाने के लिए शहीद स्मारक पर जुटे. राजस्थान विद्यार्थी मित्र पंचायत सहायक संघ के बैनर तले पंचायत सहायकों ने मांग की कि सरकार या तो पूर्व में रद्द शिक्षा सहायक भर्ती में आंशिक परिवर्तन करें या फिर स्थायीकरण के लिए अन्य कोई भर्ती लेकर आए.

उनकी मांग है कि जब तक कोई नई भर्ती नहीं आती, तब तक न्यूनतम मानदेय कम से कम 18 हजार निर्धारित किया जाए. इसके साथ ही प्रदेश के 6 हजार बेरोजगार वंचित विद्यार्थी मित्रों के लिए पंचायत सहायक के पद बढ़ाकर नियुक्ति दिए जाने की मांग भी की गई.

राजस्थान विद्यार्थी मित्र पंचायत सहायक संघ के प्रदेश संयोजक अशोक सिहाग ने कहा कि कांग्रेस ने चुनावी घोषणापत्र में संविदा कर्मियों को नियमित करने का वादा किया था. अब दो साल बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बजट घोषणा में मध्यप्रदेश की तर्ज पर संविदाकर्मियों के लिए संविदा सेवा नियम बनाए जाने की बात कर रहे हैं. इसका मतलब साफ है कि सरकार अपने वादे से मुकर रही है. सरकार की इस वादाखिलाफी के विरोध में पंचायत सहायकों को धरना देने पर मजबूर होना पड़ रहा है.

पढ़ें- डूंगरपुर: महारावल स्कूल में दो छात्र गुटों में हुई मारपीट, पुलिस ने किया तितर-बितर

बता दें कि पिछले दिनों शिक्षामंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा था कि पंचायत सहायक और पैराटीचर्स को नियमित करने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है. इससे पंचायत सहायक नाराज हैं और उनका कहना है कि जब सरकार को किसी को नियमित करना ही नहीं था तो बजट में इसकी चर्चा क्यों की गई थी. कांग्रेस के घोषणा पत्र में भी पैराटीचर्स का नियमित करने का वादा किया गया था. उनकी समस्याओं के निराकरण के लिए दो साल पहले कमेटी बनी थी, लेकिन कमेटी ने आज तक कोई रिपोर्ट नहीं सौंपी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.