जयपुर. प्रदेश में कृषि उत्पादों के कच्चे माल के उत्पादन की लघु इकाई विकसित करनी चाहिए. शुक्रवार को जयपुर पहुंचे गांधीवादी विचारक पद्मश्री डॉ. एसएन सुब्बाराव ने महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ गवर्नेंस एंड सोशल साइंसेज का अवलोकन किया. इस दौरान डॉ. एसएन सुब्बाराव ने आशा व्यक्त की कि ये संस्थान देश के ऐसे संस्थानों में एक होगा और यहां से शिक्षित/ दिक्षित विद्यार्थी गांधी के विचारों को अपने-अपने जीवन में उतार कर सही मायने में देश सेवा के प्रति समर्पित होंगे.
डॉ. सुब्बाराव ने कहा कि महात्मा गांधी के अनुसार क्रूर से क्रूर व्यक्ति भी संत बन सकता है, उस व्यक्ति में बनने की क्षमता होनी चाहिए. उन्होंने सभी को गांधी जी की गतिविधियों पर रचनात्मक कार्य किये जाने के लिए प्रेरित करने के लिए कहा. साथ ही सभी को सप्ताह में एक दिन श्रमदान करने की नसीहत दी. उन्होंने कहा कि कोटेज इंडस्ट्री विकसित करनी चाहिए, गांधी जी के विचारों के अनुसार कार्य उन्मुख होना चाहिए, जो कहे वो ही करे, वो ही गांधीवादी है.
इस दौरान उन्होंने देशभक्ति से जुड़े गीत 'जय जगत पुकारे जा, सिर अमन पर वारे जा' गीत भी गुनगुनाया. साथ ही बताया कि महात्मा गांधी की 150वीं जयंती वर्ष में प्रदेश सरकार ने महात्मा गांधी के दर्शन के प्रचार-प्रसार, विशेषकर युवा पीढ़ी उनके विचारों को लंबे समय तक अपने जीवन में उतारें. इसलिए युवा पीढ़ी को सरकार सामाजिक विज्ञान, सामाजिक कार्य , गांधी के बारे में उत्कृष्ट सैद्धांतिक-व्यवहारिक ज्ञान और शिक्षा उपलब्ध करवाई जाएं.
वहीं जेडीसी गौरव गोयल ने बताया कि टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज के संबंध में एमओयू की प्रक्रिया चल रही है. वहीं संस्थान के निदेशक ने बताया कि शिक्षण प्रशिक्षण अवधि में गांधी के विचार दर्शन के विभिन्न गांधी पहलुओं के बारे में बताया जाएगा. विशेषकर गांधी दर्शन गांधी और राष्ट्र निर्माण गांधी के सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक सरोकार, महिला समीकरण महिला सशक्तिकरण, गुड गवर्नेस, मानवाधिकार, पर्यावरण ग्राम में विकास, ग्राम में सुधार-स्वच्छता-सफाई, पब्लिक पॉलिसी, सिविल सोसाइटी, लोकतांत्रिक विकेंद्रीकरण, स्वदेशी सर्वोदय गांधी के रचनात्मक कार्य, अर्थव्यवस्था गांधी की ओर से संचालित आंदोलन गांधी आश्रम, गांधी जीवन वृत्त हरिजन सेवक कुटीर उद्योग, प्राकृतिक चिकित्सा, कृषि रोजगार के साधन के विभिन्न विषयों पर शिक्षण प्रशिक्षण उपलब्ध करवाया जा रहा है.