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कोरोना वैक्सीनेशन नहीं होने से वन और वन्य जीवों की रक्षा करने वाले कर्मचारियों में आक्रोश

वन और वन्य जीवों की रक्षा में लगे वन कर्मचारियों में कोरोना वैक्सीननेशन नहीं होने से आक्रोश है. प्रदेश में करीब 5000 वन कर्मियों का फ्रंटलाइन स्टाफ है. इसके बावजूद जिला स्तर पर वन विभाग के कर्मचारियों का टीकाकरण नहीं किया जा रहा है.

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कोरोना वैक्सीनेशन नहीं होने से वन और वन्य जीवों की रक्षा करने वाले कर्मचारियों में आक्रोश
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Published : May 6, 2021, 11:04 PM IST

जयपुर. वन और वन्य जीवों की रक्षा में लगे वन कर्मचारियों में कोरोना वैक्सीननेशन नहीं होने से आक्रोश है. कोरोना जैसी मुश्किल घड़ी में सिपाही की तरह हर मोर्चे पर वन कर्मी डटे हुए हैं. प्रदेश में करीब 5000 वन कर्मियों का फ्रंट लाइन स्टाफ है. इसके बावजूद जिला स्तर पर वन विभाग के कर्मचारियों का टीकाकरण नहीं किया जा रहा. ऐसे में ऑक्सीजन के रक्षक या ग्रीन सोल्जर से सौतेला व्यवहार हो रहा है.

जबकि विभाग की प्रमुख सचिव श्रेया गुहा 2 मई को वन कर्मचारियों के कोरोना वैक्सीननेशन के लिए संभागीय आयुक्त और कलेक्टरों को पत्र लिख चुकी है. 18 से 45 वर्ष की आयु के वन कर्मियों के साथ सौतेला व्यवहार हो रहा है. वैक्सीन लगवाने पहुंच रहे वन कर्मियों को स्वास्थ्य कर्मी बैरंग लौटा रहे हैं. जिला कलेक्टरों के द्वारा मनाई करने का हवाला भी दिया जा रहा है. वन और वन्यजीवो सुरक्षा के साथ घर-घर औषधि योजना जैसे कार्यो में समर्पण के साथ सेवा दे रहे वन कर्मचारियों के लिए टीकाकरण अत्यंत आवश्यक है.

वन कर्मी हो रहे कोरोना संक्रमित

वन विभाग के कर्मचारी भी कोरोनावायरस से संक्रमित हो रहे हैं. रणथंबोर नेशनल पार्क का फ्रंटलाइन स्टाफ कोरोना की चपेट में आ गया है. रणथंबोर में अभी 6 में से 4 रेंजर कोरोना पॉजिटिव है. करीब 10 फॉरेस्टर और 20 अन्य स्टाफ कोरोना से पॉजिटिव है. इनमें से अधिकांश को होम क्वॉरेंटाइन किया गया है. सवाई माधोपुर सीएमएचओ को बार बार कहने के बाद भी टीकाकरण नहीं किया जा रहा जिला कलेक्टर को भी टीकाकरण के लिए लिखा जा चुका है. इसके बावजूद 20 सवाई माधोपुर मंडल का 190 का फॉरेस्ट स्टाफ टीकाकरण से वंचित है. इंसानों से जानवरों में भी कोरोना फेल रहा है. हैदराबाद में 8 शेर वन कर्मियों के संपर्क में आने से कोरोना पॉजिटिव हो चुके हैं. ऐसे में रणथंबोर में भी और प्रदेश के अन्य चिड़ियाघर और पार्कों में भी हैदराबाद जैसी पुनरावृति हो सकती है.

यह भी पढ़ें- राजस्थान में रेंग रहा है 18+ वैक्सीनेशन...5 दिन में लगे महज 1.50 लाख टीके

चित्तौड़ जिले के बेगू के रेंजर सुरेश चौहान की भी मौत हो चुकी है. इस मामले में जब वनकर्मी स्वास्थ्य केंद्र पर जाते हैं, तो उन्हें बैरंग लौटा दिया जाता है यह कहकर कि जिला कलेक्टर ने कोर्णाक का करण के लिए मना कर दिया है. प्रदेश में करीब 5000 वन विभाग के फ्रंटलाइन स्टाफ है. इस स्टाफ की जिम्मेदारी है कि नेशनल पार्क, टाइगर पार्क, सेंचुरी, बायोलॉजिकल पार्क, सफारी और संरक्षित वन क्षेत्र में वन संपदा के साथ-साथ बाघो और अन्य वन्यजीवो की सुरक्षा करें.

अरण्य भवन में एक बार फिर 3 दिन का लॉकडाउन

अरण्य भवन में एक बार फिर से 3 दिन का लॉकडाउन लगाया गया है. 7 मई से 9 मई तक अरण्य भवन में लॉकडाउन रहेगा. दो अधिकारियों के कोरोना वायरस के बाद लॉकडाउन का फैसला लिया गया है. वन विभाग की प्रधान मुख्य वन संरक्षक के तकनीकी सहायक, सीसीएफ केसीए अरुण प्रसाद, एपीसीसीएफ उत्पादन के सहायक कर्मचारी चिरंजीलाल भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. लॉकडाउन के दौरान सभी कर्मचारी वर्क फ्रॉम होम मोड पर रहेंगे.

एसजीएसटी कर्मचारी कर रहे ऑक्सीजन की किल्लत का कुशल प्रबंधन

स्टेट जीएसटी कर्मचारी ऑक्सीजन की किल्लत का कुशल प्रबंधन कर रहे हैं. एसजीएसटी में करीब 100 कर्मचारी और अनेक अधिकारी ऑक्सीजन प्रबंधन में जुटे हुए हैं. अंबेडकर सर्किल स्थित स्टेट जीएसटी मुख्यालय कंट्रोल रूम बनाया गया है. तीन शिफ्ट में 24 घंटे यहा वाणिज्य कर विभाग के कर्मचारी मुस्तैद है. एसजीएसटी के मुख्य आयुक्त आईएएस रवि जैन के पास ऑक्सीजन प्रबंधन की अतिरिक्त जिम्मेदारी है. एसजीएसटी मुख्यालय के अलावा झालाना क्षेत्रीय कार्यालय के कर्मचारी भी ऑक्सीजन प्रबंधन की ड्यूटी कर रहे हैं. वाणिज्य कर विभाग के कुशल प्रबंधन के कारण ऑक्सीजन की मारामारी में कमी आई है.

ऑक्सीजन सिलेंडर के आवंटन, रिफिलिंग और आपूर्ति पर एसजीएसटी मुख्यालय का नियंत्रण है. एसजीएसटी के मुख्य आयुक्त रवि जैन के मुताबिक नोडल अधिकारियों को जिम्मेदारी बांटकर ऑक्सीजन प्रबंधन की शुरुआत की गई है. अस्पतालों के ऑक्सीजन की निर्बाध आपूर्ति के लिए प्लांट आवंटित किए गए हैं. इससे ऑक्सीजन प्लांट पर लगने वाली कतारों और असमंजस में कमी आई है. भिवाड़ी से लिक्विड गैस की आपूर्ति बढ़ाने के भी प्रयास किए जा रहे हैं.

जयपुर. वन और वन्य जीवों की रक्षा में लगे वन कर्मचारियों में कोरोना वैक्सीननेशन नहीं होने से आक्रोश है. कोरोना जैसी मुश्किल घड़ी में सिपाही की तरह हर मोर्चे पर वन कर्मी डटे हुए हैं. प्रदेश में करीब 5000 वन कर्मियों का फ्रंट लाइन स्टाफ है. इसके बावजूद जिला स्तर पर वन विभाग के कर्मचारियों का टीकाकरण नहीं किया जा रहा. ऐसे में ऑक्सीजन के रक्षक या ग्रीन सोल्जर से सौतेला व्यवहार हो रहा है.

जबकि विभाग की प्रमुख सचिव श्रेया गुहा 2 मई को वन कर्मचारियों के कोरोना वैक्सीननेशन के लिए संभागीय आयुक्त और कलेक्टरों को पत्र लिख चुकी है. 18 से 45 वर्ष की आयु के वन कर्मियों के साथ सौतेला व्यवहार हो रहा है. वैक्सीन लगवाने पहुंच रहे वन कर्मियों को स्वास्थ्य कर्मी बैरंग लौटा रहे हैं. जिला कलेक्टरों के द्वारा मनाई करने का हवाला भी दिया जा रहा है. वन और वन्यजीवो सुरक्षा के साथ घर-घर औषधि योजना जैसे कार्यो में समर्पण के साथ सेवा दे रहे वन कर्मचारियों के लिए टीकाकरण अत्यंत आवश्यक है.

वन कर्मी हो रहे कोरोना संक्रमित

वन विभाग के कर्मचारी भी कोरोनावायरस से संक्रमित हो रहे हैं. रणथंबोर नेशनल पार्क का फ्रंटलाइन स्टाफ कोरोना की चपेट में आ गया है. रणथंबोर में अभी 6 में से 4 रेंजर कोरोना पॉजिटिव है. करीब 10 फॉरेस्टर और 20 अन्य स्टाफ कोरोना से पॉजिटिव है. इनमें से अधिकांश को होम क्वॉरेंटाइन किया गया है. सवाई माधोपुर सीएमएचओ को बार बार कहने के बाद भी टीकाकरण नहीं किया जा रहा जिला कलेक्टर को भी टीकाकरण के लिए लिखा जा चुका है. इसके बावजूद 20 सवाई माधोपुर मंडल का 190 का फॉरेस्ट स्टाफ टीकाकरण से वंचित है. इंसानों से जानवरों में भी कोरोना फेल रहा है. हैदराबाद में 8 शेर वन कर्मियों के संपर्क में आने से कोरोना पॉजिटिव हो चुके हैं. ऐसे में रणथंबोर में भी और प्रदेश के अन्य चिड़ियाघर और पार्कों में भी हैदराबाद जैसी पुनरावृति हो सकती है.

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चित्तौड़ जिले के बेगू के रेंजर सुरेश चौहान की भी मौत हो चुकी है. इस मामले में जब वनकर्मी स्वास्थ्य केंद्र पर जाते हैं, तो उन्हें बैरंग लौटा दिया जाता है यह कहकर कि जिला कलेक्टर ने कोर्णाक का करण के लिए मना कर दिया है. प्रदेश में करीब 5000 वन विभाग के फ्रंटलाइन स्टाफ है. इस स्टाफ की जिम्मेदारी है कि नेशनल पार्क, टाइगर पार्क, सेंचुरी, बायोलॉजिकल पार्क, सफारी और संरक्षित वन क्षेत्र में वन संपदा के साथ-साथ बाघो और अन्य वन्यजीवो की सुरक्षा करें.

अरण्य भवन में एक बार फिर 3 दिन का लॉकडाउन

अरण्य भवन में एक बार फिर से 3 दिन का लॉकडाउन लगाया गया है. 7 मई से 9 मई तक अरण्य भवन में लॉकडाउन रहेगा. दो अधिकारियों के कोरोना वायरस के बाद लॉकडाउन का फैसला लिया गया है. वन विभाग की प्रधान मुख्य वन संरक्षक के तकनीकी सहायक, सीसीएफ केसीए अरुण प्रसाद, एपीसीसीएफ उत्पादन के सहायक कर्मचारी चिरंजीलाल भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. लॉकडाउन के दौरान सभी कर्मचारी वर्क फ्रॉम होम मोड पर रहेंगे.

एसजीएसटी कर्मचारी कर रहे ऑक्सीजन की किल्लत का कुशल प्रबंधन

स्टेट जीएसटी कर्मचारी ऑक्सीजन की किल्लत का कुशल प्रबंधन कर रहे हैं. एसजीएसटी में करीब 100 कर्मचारी और अनेक अधिकारी ऑक्सीजन प्रबंधन में जुटे हुए हैं. अंबेडकर सर्किल स्थित स्टेट जीएसटी मुख्यालय कंट्रोल रूम बनाया गया है. तीन शिफ्ट में 24 घंटे यहा वाणिज्य कर विभाग के कर्मचारी मुस्तैद है. एसजीएसटी के मुख्य आयुक्त आईएएस रवि जैन के पास ऑक्सीजन प्रबंधन की अतिरिक्त जिम्मेदारी है. एसजीएसटी मुख्यालय के अलावा झालाना क्षेत्रीय कार्यालय के कर्मचारी भी ऑक्सीजन प्रबंधन की ड्यूटी कर रहे हैं. वाणिज्य कर विभाग के कुशल प्रबंधन के कारण ऑक्सीजन की मारामारी में कमी आई है.

ऑक्सीजन सिलेंडर के आवंटन, रिफिलिंग और आपूर्ति पर एसजीएसटी मुख्यालय का नियंत्रण है. एसजीएसटी के मुख्य आयुक्त रवि जैन के मुताबिक नोडल अधिकारियों को जिम्मेदारी बांटकर ऑक्सीजन प्रबंधन की शुरुआत की गई है. अस्पतालों के ऑक्सीजन की निर्बाध आपूर्ति के लिए प्लांट आवंटित किए गए हैं. इससे ऑक्सीजन प्लांट पर लगने वाली कतारों और असमंजस में कमी आई है. भिवाड़ी से लिक्विड गैस की आपूर्ति बढ़ाने के भी प्रयास किए जा रहे हैं.

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