जयपुर. कोरोना काल की इस विकट परिस्थिति में कोरोना प्रतिष्ठान बंद हैं, लेकिन बिजली के बिल में विलंब शुल्क और स्थाई शुल्क की वसूली जारी. राहत केवल इस बात की है कि वे 30 मई तक डिस्कॉम में किसी भी प्रकार का कोई कनेक्शन नहीं काटे जाने का निर्णय लिया है. लेकिन इसके बाद भी यदि बिजली का बिल जमा नहीं कराया जाता है तो डिस्कॉम विलंब शुल्क भी वसूल रहा है और मौजूदा बिजली के बिलों पर स्थाई शुल्क की वसूली तो की ही जा रही है.
घरेलू और औद्योगिक उपभोक्ता प्रभावित...
बिजली के बिल में विलंब शुल्क वसूली से तो प्रदेश के लगभग बिजली सभी उपभोक्ता प्रभावित होंगे, लेकिन स्थाई शुल्क से केवल घरेलू या वो औद्योगिक बिजली उपभोक्ता सीधे तौर पर प्रभावित होंगे. जिनके प्रतिष्ठान लॉकडाउन में पूरी तरह बंद हैं. ऐसे कई छोटे-बड़े दुकानदार, रेस्टोरेंट्स कमर्शियल मॉल्स, सिनेमा हॉल सहित कई प्रतिष्ठान और ऑफिसेज शामिल हैं, जिन्हें मौजूदा लॉकडाउन में खोलने की अनुमति या तो है ही नहीं या फिर कुछ घंटे के लिए इन्हें अनुमति दी गई है. मतलब बिजली उपभोग भी हुई तो थोड़ी बहुत, लेकिन स्थाई शुल्क के नाम पर पूरी वसूली होगी और आर्थिक हवाले से यदि बिल समय पर नहीं भर पाए तो फिर डिस्कॉम विलंब शुल्क वसूल करने में थोड़ी भी देर नहीं लगाएगा.
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प्रदेश में कितने किस वर्ग को बिजली कनेक्शन...
राजस्थान में घरेलू कनेक्शन करीब 1 करोड़ 10 लाख 81 हजार 962 है. यह घरेलू कनेक्शन की संख्या 10 लाख 38 हजार 246 है. औद्योगिक कनेक्शन 1 लाख 69 हजार 112 है तो वहीं कृषि कनेक्शन 14 लाख 80 हजार 379 है. इसी तरह मिक्स लोड कनेक्शन की संख्या 30 हजार 697 है.
घाटे में है डिस्कॉम, इसलिए छूट की उम्मीद कम...
ऊर्जा मंत्री बीडी कल्ला इस मामले में कहते हैं कि फिलहाल आम बिजली उपभोक्ताओं को ऑनलाइन बिल जमा कराने की सुविधा उपलब्ध कराई गई है, लेकिन इस पर किसी प्रकार की कोई छूट तभी मिल सकती है जब डिस्कॉम की मौजूदा स्थिति सही हो. वहीं, स्थाई शुल्क माफी पर ऊर्जा मंत्री का अलग तर्क है. मंत्री बीडी कल्ला कहते हैं कि बिजली वितरण कंपनियों को उत्पादन कंपनियों को स्थाई शुल्क देना पड़ता है. ऐसे में जब तक उत्पादन कंपनियां स्थायी शुल्क नहीं छोड़तीं, तब तक डिस्कॉम द्वारा इसकी वसूली करना मजबूरी है.