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Special : जीतेंगे जिंदगी की 'जंग'...राजस्थान में एक बार फिर शुरू हुई ऑर्गन ट्रांसप्लांट प्रकिया

कोविड-19 संक्रमण का असर ऑर्गन डोनेशन और ट्रांसप्लांट पर भी देखने को मिला, लेकिन अब अनलॉक शुरू होने के बाद एक बार फिर से ऑर्गन डोनेशन और ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया जयपुर के सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज में शुरू हो चुकी है. वहीं, राजस्थान में अंगदान करने को लेकर अवेयरनेस कार्यक्रम अब रंग दिखा रहा है. पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Nov 26, 2020, 10:18 PM IST

Updated : Nov 26, 2020, 10:27 PM IST

Organ transplant in Jaipur,  Organ transplant in Rajasthan
फिर से शुरू हुआ ऑर्गन ट्रांसप्लांट

जयपुर. कोविड-19 संक्रमण के बाद प्रदेश में बीते 8 महीने से ऑर्गन डोनेशन और ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया एकाएक बंद हो चुकी थी, लेकिन अनलॉक शुरू होने के बाद एक बार फिर से ऑर्गन डोनेशन और ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया जयपुर के सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज में शुरू हो चुकी है. हाल ही में प्रदेश का 38वां ऑर्गन ट्रांसप्लांट सवाई मानसिंह अस्पताल में किया गया था.

फिर से शुरू हुआ ऑर्गन ट्रांसप्लांट

राज्य में वर्ष 2015 में कैडेवर अंगदान और अंग प्रत्यारोपण कार्यक्रम की शुरुआत हुई थी. अंगदान और अंग प्रत्यारोपण का काम सुचारू रूप से चालू रह सके. इसके लिए अक्टूबर 2019 में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जयपुर के सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज में स्टेट ऑर्गन एंड टिशु ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन का उद्घाटन किया था. प्रदेश में मार्च महीने से अक्टूबर महीने तक ऑर्गन ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया बंद रही. लेकिन, नवंबर महीने में टोंक निवासी 15 वर्षीय अंकित का ब्रेन डेड हो गया था. इसके बाद उनके परिजनों ने SMS अस्पताल में अंकित के अंग दान किए, जिससे पिछले 8 महीनों से रुके हुए ऑर्गन ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया एक बार फिर से शुरू हो चुकी है.

बीते 8 महीने में करीब 21 मरीजों को ब्रेन डेड घोषित किया गया...

स्टेट ऑर्गन एंड टिशु ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन (सोटो) के नोडल ऑफिसर डॉ. मनीष शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि बीते 8 महीने में करीब 21 मरीजों को ब्रेन डेड घोषित किया गया था, लेकिन कोविड-19 के डर के कारण जरूरतमंद मरीजों के अंग प्रत्यारोपित नहीं किए जा सके. वहीं, कोरोना के डर के कारण मरीजों ने भी अंग प्रत्यारोपण से दूरी बना ली थी, लेकिन हाल ही में 15 वर्षीय अंकित जब ब्रेन डेड हुआ तो उनके परिजनों की काउंसलिंग की गई और परिजन अंकित के अंग दान करने को राजी हो गए.

पढ़ें- Special: नियम तोड़ने वालों के खिलाफ जयपुर ट्रैफिक पुलिस सख्त...अब तक काटे इतने चालान, देखिए स्पेशल रिपोर्ट

मनीष शर्मा ने बताया कि सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों से अंग प्रत्यारोपण को लेकर पहले चर्चा की गई ताकि ऑर्गन रिसिपिएंट्स को किसी तरह का खतरा नहीं हो. उन्होंने बताया कि चिकित्सकों से चर्चा के बाद ही हाल ही में जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में 38वां ऑर्गन ट्रांसप्लांट किया गया.

Organ transplant in Jaipur,  Organ transplant in Rajasthan
सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज

इतने मरीजों को मिले अंग...

सोटो के नोडल ऑफिसर डॉ. मनीष शर्मा ने बताया कि प्रदेश में अब तक 38 कैडेवर का ट्रांसप्लांट किया जा चुका है. इसके तहत 69 मरीजों को किडनी, 33 मरीजों को लिवर, 19 मरीजों को ह्रदय प्रत्यारोपित किया जा चुका है. इसके अलावा 1 फेफड़ा, 1 अग्न्याशय, 12 मरीजों को कॉर्निया और 2 मरीजों को हार्ट वाल्व प्रत्यारोपित किए गए हैं. इसके तहत 133 लोगों को नया जीवनदान मिल पाया है.

वहीं, जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में 16 जनवरी और 12 फरवरी वर्ष 2020 को 2 ह्रदय प्रत्यारोपण भी किए जा चुके हैं. सवाई मानसिंह अस्पताल उत्तर भारत का पहला सरकारी अस्पताल बना, जिसने हार्ट ट्रांसप्लांट किया.

इतने लोगों को अंग की जरूरत...

राजस्थान नेटवर्क फॉर ऑर्गन शेयरिंग से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश में करीब 290 मरीजों को किडनी, 41 लोगों को लीवर और 21 लोगों को दिल की जरूरत है. राज्य सरकार की ओर से अंगदान को बढ़ावा देने के लिए कई जागरूकता कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं. हाल ही में अंगदान की जागरूकता को लेकर राजस्थान अंगदान जागरूकता रथ यात्रा भी निकाली गई थी और करीब 1 महीने तक चली इस जागरूकता यात्रा में आमजन को अंग दान के लिए जागरूक किया गया था.

जयपुर. कोविड-19 संक्रमण के बाद प्रदेश में बीते 8 महीने से ऑर्गन डोनेशन और ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया एकाएक बंद हो चुकी थी, लेकिन अनलॉक शुरू होने के बाद एक बार फिर से ऑर्गन डोनेशन और ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया जयपुर के सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज में शुरू हो चुकी है. हाल ही में प्रदेश का 38वां ऑर्गन ट्रांसप्लांट सवाई मानसिंह अस्पताल में किया गया था.

फिर से शुरू हुआ ऑर्गन ट्रांसप्लांट

राज्य में वर्ष 2015 में कैडेवर अंगदान और अंग प्रत्यारोपण कार्यक्रम की शुरुआत हुई थी. अंगदान और अंग प्रत्यारोपण का काम सुचारू रूप से चालू रह सके. इसके लिए अक्टूबर 2019 में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जयपुर के सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज में स्टेट ऑर्गन एंड टिशु ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन का उद्घाटन किया था. प्रदेश में मार्च महीने से अक्टूबर महीने तक ऑर्गन ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया बंद रही. लेकिन, नवंबर महीने में टोंक निवासी 15 वर्षीय अंकित का ब्रेन डेड हो गया था. इसके बाद उनके परिजनों ने SMS अस्पताल में अंकित के अंग दान किए, जिससे पिछले 8 महीनों से रुके हुए ऑर्गन ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया एक बार फिर से शुरू हो चुकी है.

बीते 8 महीने में करीब 21 मरीजों को ब्रेन डेड घोषित किया गया...

स्टेट ऑर्गन एंड टिशु ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन (सोटो) के नोडल ऑफिसर डॉ. मनीष शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि बीते 8 महीने में करीब 21 मरीजों को ब्रेन डेड घोषित किया गया था, लेकिन कोविड-19 के डर के कारण जरूरतमंद मरीजों के अंग प्रत्यारोपित नहीं किए जा सके. वहीं, कोरोना के डर के कारण मरीजों ने भी अंग प्रत्यारोपण से दूरी बना ली थी, लेकिन हाल ही में 15 वर्षीय अंकित जब ब्रेन डेड हुआ तो उनके परिजनों की काउंसलिंग की गई और परिजन अंकित के अंग दान करने को राजी हो गए.

पढ़ें- Special: नियम तोड़ने वालों के खिलाफ जयपुर ट्रैफिक पुलिस सख्त...अब तक काटे इतने चालान, देखिए स्पेशल रिपोर्ट

मनीष शर्मा ने बताया कि सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों से अंग प्रत्यारोपण को लेकर पहले चर्चा की गई ताकि ऑर्गन रिसिपिएंट्स को किसी तरह का खतरा नहीं हो. उन्होंने बताया कि चिकित्सकों से चर्चा के बाद ही हाल ही में जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में 38वां ऑर्गन ट्रांसप्लांट किया गया.

Organ transplant in Jaipur,  Organ transplant in Rajasthan
सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज

इतने मरीजों को मिले अंग...

सोटो के नोडल ऑफिसर डॉ. मनीष शर्मा ने बताया कि प्रदेश में अब तक 38 कैडेवर का ट्रांसप्लांट किया जा चुका है. इसके तहत 69 मरीजों को किडनी, 33 मरीजों को लिवर, 19 मरीजों को ह्रदय प्रत्यारोपित किया जा चुका है. इसके अलावा 1 फेफड़ा, 1 अग्न्याशय, 12 मरीजों को कॉर्निया और 2 मरीजों को हार्ट वाल्व प्रत्यारोपित किए गए हैं. इसके तहत 133 लोगों को नया जीवनदान मिल पाया है.

वहीं, जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में 16 जनवरी और 12 फरवरी वर्ष 2020 को 2 ह्रदय प्रत्यारोपण भी किए जा चुके हैं. सवाई मानसिंह अस्पताल उत्तर भारत का पहला सरकारी अस्पताल बना, जिसने हार्ट ट्रांसप्लांट किया.

इतने लोगों को अंग की जरूरत...

राजस्थान नेटवर्क फॉर ऑर्गन शेयरिंग से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश में करीब 290 मरीजों को किडनी, 41 लोगों को लीवर और 21 लोगों को दिल की जरूरत है. राज्य सरकार की ओर से अंगदान को बढ़ावा देने के लिए कई जागरूकता कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं. हाल ही में अंगदान की जागरूकता को लेकर राजस्थान अंगदान जागरूकता रथ यात्रा भी निकाली गई थी और करीब 1 महीने तक चली इस जागरूकता यात्रा में आमजन को अंग दान के लिए जागरूक किया गया था.

Last Updated : Nov 26, 2020, 10:27 PM IST
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