जयपुर. प्रदेश की गहलोत सरकार की आरे से आमजन को निशुल्क इलाज चिरंजीवी योजना के तहत उपलब्ध करवाया जा रहा है. इस योजना के अंतर्गत चिरंजीवी में शामिल प्रत्येक परिवार को 10 लाख तक का इलाज निशुल्क उपलब्ध है. अब सरकार ने ऑर्गन ट्रांसप्लांट को चिरंजीवी योजना की वॉलेट राशि से अलग कर दिया (Organ transplant excluded from Chiranjeevi Yojana) है. सरकार अब खुद इसका खर्च वहन करेगी. आमतौर पर ऑर्गन ट्रांसप्लांट का खर्च लगभग 15 से 25 लाख रुपए आता है, जिसे अब सरकार वहन करेगी.
चिकित्सा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार राज्य सरकार ने ऑर्गन ट्रांसप्लांट को पूर्ण रूप से निशुल्क कर दिया है. क्योंकि आमतौर पर ऑर्गन ट्रांसप्लांट का खर्च काफी महंगा होता है और चिरंजीवी योजना का दायरा सिर्फ 10 लाख रुपए तक है. ऐसे में पिछले कुछ समय से ऑर्गन ट्रांसप्लांट से जुड़े इलाज को लेकर काफी परेशानियां आ रही थीं. क्योंकि इस वर्ष बजट में सरकार ने ऑर्गन ट्रांसप्लांट को चिरंजीवी योजना में शामिल किया था. ऐसे में इस तरह की परेशानी को देखते हुए सरकार ने आखिरकार ऑर्गन ट्रांसप्लांट का खर्च खुद वहन करने का निर्णय लिया है. यानी अब ट्रांसप्लांट की लागत चिरंजीवी योजना की वॉलेट राशि से अलग होगी.
आंकड़ों की बात करें तो अब तक प्रदेश में 4 बोन मैरो ट्रांसप्लांट, 58 ऑर्गन ट्रांसप्लांट, और 19 कोकलियर इंप्लांट्स से जुड़े ऑपरेशन किए जा चुके हैं. हाल ही में जयपुर के एक निजी अस्पताल में निशुल्क ऑर्गन ट्रांसप्लांट किया गया, जहां मरीज के लीवर फेलियर होने के बाद उसका लीवर प्रत्यारोपण किया गया.
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पहला कोकलियर इंप्लांट: चिरंजीवी योजना के तहत शनिवार को जयपुर के आरयूएचएस मेडिकल कॉलेज के जयपुरिया अस्पताल में पहला निःशुल्क कोक्लियर इम्प्लांट किया गया. इस ऑपरेशन को अस्पताल के ईएनटी विभाग के चिकित्सकों ने अंजाम दिया. जयपुरिया अस्पताल के अधीक्षक डॉ महेश मंगल ने बताया कि अस्पताल में चिरंजीवी योजना के तहत पहला कोकलियर इंप्लांट किया गया, जिसका खर्चा लगभग 5 लाख रु से अधिक आया है. लेकिन चिरंजीवी योजना में शामिल होने के कारण मरीज के लिए यह पूर्ण रूप से निःशुल्क रहा. इस ऑपरेशन का खर्च सरकार अपने स्तर पर वहन करेगी. आंकड़ों की बात करें तो अब तक करीब 19 कोकलियर इंप्लांट्स मरीजों को निशुल्क लगाए जा चुके हैं. इससे पहले तकरीबन 1000 से अधिक बच्चों को कोकलियर इंप्लांट्स लगाए जा चुके हैं.