चौमूं (जयपुर). कोरोना वायरस के संकट को लेकर देश प्रदेश की सरकार चिंतित है. वहीं लगातार कोरोना संक्रमित मरीजों के आंकड़ों में इजाफा भी हो रहा है. कोरोना से लड़ने के लिए सोशल डिस्टेंस रखने के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है. वहीं प्रदेश में जगह-जगह पर क्वॉरेंटाइन सेंटर भी बनाए गए हैं. जहां कोरोना संक्रमित संदिग्ध मरीजों को रखा जाता है.
इसी तरह जयपुर जिला प्रशासन ने चौमूं उपखंड के उदयपुरिया मोड़ पर स्थित UEM यूनिवर्सिटी को भी क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाने के आदेश जारी किए हैं. दरअसल जैसे ही क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाने के आदेश जारी हुए, उसके बाद से ही यूनिवर्सिटी में रह रहे छात्र-छात्राओं भी कोरोना से संक्रमित होने का डर सताने लगा हैं.
दरअसल, यूनिवर्सिटी में तकरीबन 60 से ज्यादा विद्यार्थी और 150 टीचर वर्तमान में रह रहे हैं. इनमें नेपाल और बांग्लादेश के अलावा देश के विभिन्न प्रांतों के छात्र-छात्राएं शामिल हैं. जो लॉकडाउन होने के बाद अपने घर नहीं जा पाए. जबकि इनकी टिकट भी बनी हुई है. ये तमाम लोग यूनिवर्सिटी परिसर में स्थित छात्रावास में ही रह रहे हैं. तकरीबन 200 से ज्यादा लोग फिलहाल यूनिवर्सिटी कैंपस में रुके हुए हैं. ऐसे में UEM यूनिवर्सिटी को क्वॉरेंटाइन बनाना किसी खतरे से खाली नहीं है. क्योंकि जब कोरोना संक्रमित लोगों को यहां रखा जाएगा, तो इन लोगों में भी संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ सकता है.
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इसकी शिकायत विद्यार्थियों ने यूनिवर्सिटी प्रबंधन को की हैं. वहीं यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने भी जिला कलेक्टर को क्वॉरेंटाइन सेंटर को रद्द करने के मांग को लेकर पत्र लिखा है. छात्र-छात्राओं ने भी कहा है कि अगर क्वॉरेंटाइन सेंटर रद्द नहीं होगा, तो संक्रमित होने का खतरा बढ़ जाएगा. जरूरत इस बात की है कि जिम्मेदार अधिकारी इस बात को गंभीरता से लेकर इस पर काम करें. ताकि कोरोना संकट से हम लड़ पाएं और छोटे शहरों में कोरोना संक्रमण आगे नहीं बढ़ पाए.