जयपुर. राजस्थान सिविल सेवा अपीलीय अधिकरण ने पुलिस विभाग को निर्देश दिए हैं कि वह हेड कांस्टेबल से पुलिस निरीक्षक पद तक पदोन्नति के लिए पदोन्नति बोर्ड का गठन करे. पदोन्नति बोर्ड शुरूआत में उच्च पद पर पदोन्नति करते हुए कांस्टेबल तक पहुंचे, ताकि पात्र उम्मीदवार को पदोन्नति के लिए खाली पद मिल सके.
अधिकरण ने कहा कि ऐसा नहीं होने पर कभी भी निचले स्तर पर खाली पदों की गणना सही ढ़ंग से नहीं हो सकेगी. इसके साथ ही अधिकरण ने कहा कि 366 कांस्टेबल को राहत देते हुए साल 2013-14 में उपलब्ध 771 पदों को खाली मानते हुए छाया पद सृजित कर उन्हें पदोन्नति से भरा जाए. अगर जरूरी हो तो एएसआई, एसआई और सीआई के भी छाया पद सृजित किए जाए. अधिकरण ने यह आदेश कृष्ण कुमार सहित दो सौ अपीलों पर सुनवाई करते हुए दिए.
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अधिकरण ने आदेश की पालना के लिए तीन महीने का समय देते हुए कहा कि पद का सृजन जिस साल हुआ है, उसका उपयोग उससे पहले या बाद के सालों में नहीं किया जा सकता. विभाग की ओर से वर्ष 2007 से वर्ष 2013 तक रिक्तियों की गणना में अपनी गलती स्वीकार कर रहा है. ऐसे में छाया पद सृजित करने की अनुमति दी जा रही है.
अपील में साल 2018 में कांस्टेबल से हेड कांस्टेबल की पदोन्नति प्रक्रिया में साल 2013-14 के खाली पदों की गणना सही नहीं करने को चुनौती दी थी. अपील में कहा गया कि आरटीआई के अनुसार जयपुर पुलिस कमिश्नरेट में 2013-14 के 771 पद खाली थे, लेकिन विभाग ने 425 खाली पद ही बताए हैं. ऐसा कमिश्नरेट ने पुलिस अधीनस्थ सेवा नियम के विपरीत जाकर किया है और जिस साल के खाली पदों का उपयोग नहीं हुआ है उनका समायोजन पूर्व के सालों में कर दिया, इसके चलते ही अपीलार्थी परीक्षा में सफल होने के बाद भी पदोन्नत नहीं हो पाए.