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Vivacity Mall Case Jaipur : जगतपुरा स्थित विवासिटी मॉल केस में यथास्थिति बनाए रखने के आदेश - etv bharat rajasthan news

वादी ने प्रार्थना पत्र में कहा था कि वह लोटस मेगा टाउनशिप का निदेशक है और विवासिटी मॉल में उसकी हिस्सेदारी है. मॉल का पहले नाम लोटस बिल्ड एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड था और यह संपत्ति नीलामी के जरिए खरीदी थी. इसी संपत्ति पर विवासिटी मॉल निर्माणाधीन है और इसमें उसका भी शेयर निहित है. लेकिन विधि विरुद्द तरीके से लालचंद मोरानी ने विकास अग्रवाल को इसे बेच दिया और उन्होंने नाम बदलकर विवासिटी मॉल कर दिया है. अदालत ने इस मामले में यथास्थिति (Jaipur Vivacity Mall Stay Order) के आदेश दिये हैं.

Vivacity Mall Case Jaipur
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Published : Jan 14, 2022, 9:55 PM IST

जयपुर. महानगर मजिस्ट्रेट मेट्रो प्रथम ने जगतपुरा स्थित विवासिटी मॉल (Jaipur Vivacity Mall case) के मामले में यथास्थिति बनाए रखने के आदेश (Jaipur Vivacity Mall Stay Order) दिए हैं. इसके साथ ही अदालत ने इस संपत्ति का अन्य हस्तान्तरण नहीं करने को कहा है. वहीं अदालत ने मामले में पक्षकारों से जवाब मांगते हुए प्रकरण की सुनवाई 12 अप्रैल को तय की है.

अदालत ने यह आदेश लोट्स मेगा टाउनशिप के निदेशक राजेश कुमार जैन के दावे में पेश अस्थाई निषेधाज्ञा प्रार्थना पत्र पर दिए. मामले में राजेश जैन ने विवासिटी मॉल के शेयर होल्डर महेश जैन, लालचंद मोरानी, वीवासिटी मॉल के निदेशक विकास अग्रवाल व ललित अग्रवाल, एनवाई सिनेमाज एलएलपी के सीईओ राजीव शर्मा व इसके निदेशक वीणा वीरेन्द्र देवगन और विशाल वीरेन्द्र देवगन को पक्षकार बनाया है.

अधिवक्ता विकास सोमानी ने बताया की वादी ने प्रार्थना पत्र में कहा था कि वह लोटस मेगा टाउनशिप का निदेशक है और विवासिटी मॉल में उसकी हिस्सेदारी है. मॉल का पहले नाम लोटस बिल्ड एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड था और यह संपत्ति नीलामी के जरिए खरीदी थी. इसी संपत्ति पर विवासिटी मॉल निर्माणाधीन है और इसमें उसका भी शेयर निहित है. लेकिन विधि विरुद्द तरीके से लालचंद मोरानी ने विकास अग्रवाल को इसे बेच दिया और उन्होंने नाम बदलकर विवासिटी मॉल कर दिया है. अब वे इस संपत्ति को एनवाई सिनेमाज एलएलपी के सीईओ राजीव शर्मा और इसके निदेशक वीणा वीरेन्द्र देवगन व विशाल वीरेन्द्र देवगन को बेचान कर रहे हैं. इसलिए विवादित संपत्ति पर यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया जाए.

पढ़ें- Rajasthan BJP Organization Expansion : सोशल मीडिया विभाग के जिला संयोजकों की घोषणा...

जवाब में मॉल के निदेशक विकास अग्रवाल व ललित अग्रवाल की ओर से कहा कि विवासिटी मॉल में प्रार्थी की हिस्सेदारी नहीं है और न ही अधिकार है. एनवाई सिनेमाज ने कहा कि उन्होंने अभी तक संपत्ति खरीदी नहीं है, उन्हें जवाब पेश करने का अवसर दिया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत (Jaipur Metropolitan Magistrate Metro I) ने वादग्रस्त संपत्ति का संरक्षण करते हुए विवासिटी मॉल पर यथास्थिति बनाए रखने और किसी अन्य को हस्तांतरित नहीं करने का निर्देश दिए हैं.

जयपुर. महानगर मजिस्ट्रेट मेट्रो प्रथम ने जगतपुरा स्थित विवासिटी मॉल (Jaipur Vivacity Mall case) के मामले में यथास्थिति बनाए रखने के आदेश (Jaipur Vivacity Mall Stay Order) दिए हैं. इसके साथ ही अदालत ने इस संपत्ति का अन्य हस्तान्तरण नहीं करने को कहा है. वहीं अदालत ने मामले में पक्षकारों से जवाब मांगते हुए प्रकरण की सुनवाई 12 अप्रैल को तय की है.

अदालत ने यह आदेश लोट्स मेगा टाउनशिप के निदेशक राजेश कुमार जैन के दावे में पेश अस्थाई निषेधाज्ञा प्रार्थना पत्र पर दिए. मामले में राजेश जैन ने विवासिटी मॉल के शेयर होल्डर महेश जैन, लालचंद मोरानी, वीवासिटी मॉल के निदेशक विकास अग्रवाल व ललित अग्रवाल, एनवाई सिनेमाज एलएलपी के सीईओ राजीव शर्मा व इसके निदेशक वीणा वीरेन्द्र देवगन और विशाल वीरेन्द्र देवगन को पक्षकार बनाया है.

अधिवक्ता विकास सोमानी ने बताया की वादी ने प्रार्थना पत्र में कहा था कि वह लोटस मेगा टाउनशिप का निदेशक है और विवासिटी मॉल में उसकी हिस्सेदारी है. मॉल का पहले नाम लोटस बिल्ड एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड था और यह संपत्ति नीलामी के जरिए खरीदी थी. इसी संपत्ति पर विवासिटी मॉल निर्माणाधीन है और इसमें उसका भी शेयर निहित है. लेकिन विधि विरुद्द तरीके से लालचंद मोरानी ने विकास अग्रवाल को इसे बेच दिया और उन्होंने नाम बदलकर विवासिटी मॉल कर दिया है. अब वे इस संपत्ति को एनवाई सिनेमाज एलएलपी के सीईओ राजीव शर्मा और इसके निदेशक वीणा वीरेन्द्र देवगन व विशाल वीरेन्द्र देवगन को बेचान कर रहे हैं. इसलिए विवादित संपत्ति पर यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया जाए.

पढ़ें- Rajasthan BJP Organization Expansion : सोशल मीडिया विभाग के जिला संयोजकों की घोषणा...

जवाब में मॉल के निदेशक विकास अग्रवाल व ललित अग्रवाल की ओर से कहा कि विवासिटी मॉल में प्रार्थी की हिस्सेदारी नहीं है और न ही अधिकार है. एनवाई सिनेमाज ने कहा कि उन्होंने अभी तक संपत्ति खरीदी नहीं है, उन्हें जवाब पेश करने का अवसर दिया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत (Jaipur Metropolitan Magistrate Metro I) ने वादग्रस्त संपत्ति का संरक्षण करते हुए विवासिटी मॉल पर यथास्थिति बनाए रखने और किसी अन्य को हस्तांतरित नहीं करने का निर्देश दिए हैं.

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