जयपुर. देवनानी ने गुरुवार को एक बयान जारी कर कहा कि रीट परीक्षा 2021 के परीक्षा केन्द्रों के परीक्षा कक्षों में लगी 'तीसरी आंख' को काले कवर से ढकने के आदेश देना समझ से परे का मामला है. सरकार के शिक्षा मंत्री को चाहिए कि वे परीक्षा कक्षों में कैमरों को ढकने के पीछे के मंसूबों को स्पष्ट करें.
देवनानी ने कहा कि जिला शिक्षा अधिकारी मुख्यालय (माध्यमिक) श्रीगंगानगर की ओर से हालही में आदेश निकाला गया है. जिसमें स्पष्ट लिखा है कि 26 सितंबर को लगने वाली रीट परीक्षा 2021 के लिए जिन विद्यालयों एवं महाविद्यालयों का परीक्षा केन्द्र के रूप में चयन किया गया है, उन्हें परीक्षा केन्द्रों पर परीक्षा कक्षों के अन्दर लगे सीसीटीवी कैमरे को काले कवर से ढकने का प्रबंध करें. इसके अतिरिक्त परीक्षा के वक्त कैमरों में बिजली की आपूर्ति भी बंद करें.
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देवनानी ने कहा कि परीक्षा केन्द्रों पर परीक्षा कक्षों में लगे कैमरे निश्चित ही 'तीसरी आंख' का काम करती हैं. जो परीक्षक नहीं देख पाता है वह सब कैमरे में कैद हो जाती है. अनेक बार गड़बड़ी सामने आने पर ये कैमरे ही प्रमाण का काम भी करते हैं और दोषियों के काले चिट्ठे सबके सामने रखते हैं. लेकिन जिला कलेक्टर का हवाला देते जिला शिक्षा अधिकारी मुख्यालय (मा.) श्रीगंगानगर की ओर से तमाम सुविधाएं उपलब्ध कराने के साथ साथ परीक्षा केन्द्रों के परीक्षा कक्षों में लगे कैमरों को काले कवर से ढकने और परीक्षा के दौरान उन कैमरों में बिजली की आपूर्ति रोकने संबंधित जारी आदेश रीट परीक्षा प्रक्रिया की पारदर्शिता पर प्रश्न चिन्ह खड़े करती हैं.
वासुदेव देवनानी ने कहा कि शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा विषय की गंभीरता को समझते हुए इस पर स्पष्टीकरण जारी करें. कैमरे बंद करने के आदेश देने के पीछे सरकार, प्रशासन एवं जिला शिक्षा अधिकारी के मंसूबे क्या है इसकी जानकारी प्रदेश के युवाओं और प्रदेश की जनता को होनी ही चाहिए.