जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने सरकारी मेडिकल कॉलेजों में स्टेट कोटे की पीजी सीटों पर एडमिशन के लिए पहले राउंड की काउंसलिंग को रद्द करने के एकलपीठ के गत 15 जून के आदेश को निरस्त कर दिया है. इसके साथ ही अदालत ने पहले राउंड की काउंसलिंग को विधि सम्मत मानते हुए राज्य सरकार को दूसरे राउंड की काउंसलिंग शुरू करने की छूट दी है. मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महांती और न्यायाधीश प्रकाश गुप्ता की खंडपीठ ने यह आदेश राज्य सरकार की अपील को स्वीकार करते हुए दिए.
अदालत ने राज्य सरकार को कहा कि ईडब्ल्यूएस के लिए बढ़ाई गई 89 सीटों को दूसरे राउंड की काउंसलिंग में शामिल किया जाए. अदालत ने अपने आदेश में माना कि एकलपीठ ने ईडब्ल्यूएस के आरक्षण को वर्गवार देने को लेकर गलत व्याख्या की है. साथ ही अदालत ने अपने आदेश में यह भी कहा कि एकलपीठ के समक्ष याचिकाकर्ता रहे अभ्यर्थी बिना आपत्ति पहले राउंड की काउंसलिंग में शामिल हुए थे. वहीं, खंडपीठ ने एकलपीठ के आदेश को याचिकाकर्ताओं सहित अन्य पर समान रूप से लागू करने को भी गलत माना है.
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राज्य सरकार की ओर से अपील में कहा गया कि एकलपीठ ने पहले राउंड की काउंसलिंग को रद्द करते हुए ईडब्ल्यूएस की बढ़ाई गई 89 सीटों को शामिल करते हुए पुनः काउंसलिंग कराने के निर्देश दिए थे. इसके अलावा एकल पीठ ने भविष्य में ईडब्ल्यूएस को वर्गवार आरक्षण देने को भी कहा था. जबकि बिंदु एकलपीठ के समक्ष विचारणीय ही नहीं था. वहीं, 89 सीटों को द्वितीय काउंसलिंग में भी शामिल किया जा सकता है.
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गौरतलब है कि याचिकाकर्ताओं ने ईडब्ल्यूएस के लिए बढ़ाई 89 सीटों को पहले चरण की काउंसिलिंग में शामिल नहीं करने को चुनौती दी थी. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने काउंसलिंग को रद्द कर इन सीटों को शामिल करते हुए पुनः काउंसलिंग के आदेश दिए थे और भविष्य में ईडब्ल्यूएस को वर्गवार आरक्षण देने को भी कहा था.