जयपुर. राजस्थान में मृत्युभोज पर प्रतिबंध लगाने को लेकर कई संगठनों की ओर से लंबे समय से अभियान चलाया जा रहा था. लेकिन अब इस कुप्रथा को रोकने के लिए खुद प्रशासन ने जिम्मेदारी ली है. इसको रोकने की जिम्मेदारी जिला पुलिस अधीक्षकों को सौंपी गई है. इसको लेकर पुलिस मुख्यालय राजस्थान से बाकायदा लिखित आदेश भी जारी हुए हैं.
मृत्युभोज जैसी कुप्रथा को रोकने के लिए अब खुद प्रशासन ने कमर कस ली है. इसके चलते अब मृत्युभोज पर पूरी तरह अंकुश लगाने की जिम्मेदारी पुलिस अधीक्षकों को सौंपी गई है. इसके लिए राजस्थान पुलिस के मुखिया डीजीपी भूपेंद्र सिंह ने राज्य के सभी एसपी को निर्देश जारी किए हैं. जिसमें कहा गया है कि, मृत्युभोज दिए जाने पर क्षेत्रीय पंच, सरपंच और पटवारी जिम्मेदार होंगे और उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
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दरअसल, मृत्युभोज पर प्रतिबंध का कानून तो 1960 का है, लेकिन राजस्थान में इसका पालन नहीं हो रहा है. ऐसे में इस मामले में पुलिस महकमे के मुखिया ने निर्देश जारी किए हैं. पुलिस महानिदेशक ने प्रदेश के सभी SP को निर्देश दिए हैं कि वह राजस्थान मृत्युभोज निवारण अधिनियम 1960 का पालन सुनिश्चित करें.
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इसी के तहत पहली बार राजस्थान के गांव के पंच-सरपंच और पटवारी की जवाबदेही तय की गई है. ऐसे में यही मृत्युभोज होने पर इनके खिलाफ कार्रवाई की जा सकेगी. इतनीा ही नहीं मृत्युभोज पर रोक के लिए उन्हें अदालत को भी सूचना देनी होगी, ताकि समय रहते कार्रवाई की जा सके.