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फसल खराबे के मुआवजे को लेकर मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने लिया संज्ञान, लापरवाह अधिकारियों पर कार्रवाई के आदेश - एनडीआरएफ-एसडीआरएफ फंड

मंगलवार को मुख्य सचिव निरंजन आर्य की अध्यक्षता में एक बैठक का आयोजन किया गया. जिसमें आपदा प्रबंधन व्यवस्था को सुदृढ़ करने और राहत प्रकरणों के निस्तारण के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए. वहीं, अब मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने पेयजल परिवहन के लिए आवंटित बजट लैप्स होने के लिए जिम्मेदार अधिकारी-कार्मिकोें के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए हैं.

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फसल खराबे के मुआवजे को लेकर लापरवाह अधिकारियों पर कार्रवाई के आदेश
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Published : Feb 16, 2021, 5:16 PM IST

जयपुर. गंगानगर में फसल खराबे में कृषि आदान अनुदान की मांग देरी से भेजने और बाड़मेर, नागौर में पेयजल परिवहन के लिए आवंटित बजट लैप्स होने के लिए जिम्मेदार अधिकारी-कार्मिकोें के खिलाफ कार्रवाई होगी. मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने कार्रवाई करने के निर्देश दिए.

मुख्य सचिव निरंजन आर्य की अध्यक्षता में मंगलवार को शासन सचिवालय में आपदा प्रबंधन, सहायता और नागरिक सुरक्षा विभाग की राज्य कार्यकारी समिति की हुई बैठक में आपदा प्रबंधन व्यवस्था को सुदृढ़ करने और राहत प्रकरणों के निस्तारण के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए.

मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने स्वायत्त शासन विभाग को बहुमंजिला इमारतों में आग बुझाने के लिए जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, भिवाड़ी और कोटा में स्वीकृत हाइड्रोलिक लैडर प्लेटफॉर्म शीघ्र खरीदने और अजमेर, बीकानेर सहित राज्य के अन्य शहरों में आवश्यकता का अध्ययन कराकर प्रस्ताव बनाने के साथ ही इसे इंटीग्रेटेड इमरजेंसी रिस्पोंस सपोर्ट सिस्टम (ईआरएसएस) से कनेक्ट करने के निर्देश दिए. उन्होंने 200 अग्निशमन वाहनों की क्रय प्रक्रिया जल्द पूरी करने के निर्देश दिए.

आर्य ने गंगानगर में फसल खराबे में कृषि आदान अनुदान की मांग देरी से भेजने और बाड़मेर, नागौर में पेयजल परिवहन के लिए आवंटित बजट लैप्स होने के लिए जिम्मेदार अधिकारी-कार्मिकों के खिलाफ कार्यवाही करने के निर्देश दिए. बैठक में राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) के हर मंडल को 4 गुणा 4 वाहन उपलब्ध कराने, सभी जिलों में एक-एक एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस खरीदने, सूखे की घोषणा के लिए मोबाइल एप के माध्यम से ग्राउंड ट्रुथिंग कराने का निर्णय लिया गया.

वहीं, अग्निशमन केन्द्रों, राजकीय अस्पतालों और सरकारी कार्यालयों में नागरिक सुरक्षा के प्रशिक्षित स्वयंसेवकों की प्राथमिकता से तैनाती करने पर सहमति व्यक्त की गई. इस अवसर पर लम्बित कृषि आदान अनुदान और अन्य प्रकरणों पर चर्चा कर निर्णय लिए गए. धौलपुर में कृषि आदान अनुदान के लम्बित प्रकरण में संभागीय आयुक्त से जांच कराने का निर्णय लिया गया.

पढ़ें- जयपुर, जोधपुर और उदयपुर मेडिकल कॉलेज में जल्द शुरू होगी डीएनए टेस्ट की सुविधा

आपदा प्रबंधन, सहायता और नागरिक सुरक्षा विभाग के प्रमुख शासन सचिव आनन्द कुमार ने बताया कि एनडीआरएफ-एसडीआरएफ फंड से जिलों को सूखा राहत के लिए 320 करोड़, अतिवृष्टि, ओलावृष्टि और टिड्डी के लिए 567 करोड़ और कोविड-19 बचाव के लिए 658 करोड़ सहित 1546 करोड़ रुपए आवंटित किए गए.

संयुक्त शासन सचिव कल्पना अग्रवाल ने बताया कि भीलवाड़ा और डूंगरपुर ने खोज और बचाव, बाढ़ बचाव और अग्निशमन उपकरण खरीद लिए हैं, जबकि अन्य जिलों में खरीद प्रक्रिया चल रही है. गृह विभाग के प्रमुख शासन सचिव अभय कुमार, कृषि और उद्यानिकी विभाग के प्रमुख शासन सचिव कुंजीलाल मीना, चिकित्सा शिक्षा विभाग के शासन सचिव वैभव गालरिया, स्वायत्त शासन विभाग के शासन सचिव भवानी सिंह देथा, चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग के शासन सचिव सिद्धार्थ महाजन, एसडीआरएफ के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक सुष्मित बिश्वास और विभिन्न जिलों के कलेक्टर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बैठक में शामिल हुए.

जयपुर. गंगानगर में फसल खराबे में कृषि आदान अनुदान की मांग देरी से भेजने और बाड़मेर, नागौर में पेयजल परिवहन के लिए आवंटित बजट लैप्स होने के लिए जिम्मेदार अधिकारी-कार्मिकोें के खिलाफ कार्रवाई होगी. मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने कार्रवाई करने के निर्देश दिए.

मुख्य सचिव निरंजन आर्य की अध्यक्षता में मंगलवार को शासन सचिवालय में आपदा प्रबंधन, सहायता और नागरिक सुरक्षा विभाग की राज्य कार्यकारी समिति की हुई बैठक में आपदा प्रबंधन व्यवस्था को सुदृढ़ करने और राहत प्रकरणों के निस्तारण के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए.

मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने स्वायत्त शासन विभाग को बहुमंजिला इमारतों में आग बुझाने के लिए जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, भिवाड़ी और कोटा में स्वीकृत हाइड्रोलिक लैडर प्लेटफॉर्म शीघ्र खरीदने और अजमेर, बीकानेर सहित राज्य के अन्य शहरों में आवश्यकता का अध्ययन कराकर प्रस्ताव बनाने के साथ ही इसे इंटीग्रेटेड इमरजेंसी रिस्पोंस सपोर्ट सिस्टम (ईआरएसएस) से कनेक्ट करने के निर्देश दिए. उन्होंने 200 अग्निशमन वाहनों की क्रय प्रक्रिया जल्द पूरी करने के निर्देश दिए.

आर्य ने गंगानगर में फसल खराबे में कृषि आदान अनुदान की मांग देरी से भेजने और बाड़मेर, नागौर में पेयजल परिवहन के लिए आवंटित बजट लैप्स होने के लिए जिम्मेदार अधिकारी-कार्मिकों के खिलाफ कार्यवाही करने के निर्देश दिए. बैठक में राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) के हर मंडल को 4 गुणा 4 वाहन उपलब्ध कराने, सभी जिलों में एक-एक एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस खरीदने, सूखे की घोषणा के लिए मोबाइल एप के माध्यम से ग्राउंड ट्रुथिंग कराने का निर्णय लिया गया.

वहीं, अग्निशमन केन्द्रों, राजकीय अस्पतालों और सरकारी कार्यालयों में नागरिक सुरक्षा के प्रशिक्षित स्वयंसेवकों की प्राथमिकता से तैनाती करने पर सहमति व्यक्त की गई. इस अवसर पर लम्बित कृषि आदान अनुदान और अन्य प्रकरणों पर चर्चा कर निर्णय लिए गए. धौलपुर में कृषि आदान अनुदान के लम्बित प्रकरण में संभागीय आयुक्त से जांच कराने का निर्णय लिया गया.

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आपदा प्रबंधन, सहायता और नागरिक सुरक्षा विभाग के प्रमुख शासन सचिव आनन्द कुमार ने बताया कि एनडीआरएफ-एसडीआरएफ फंड से जिलों को सूखा राहत के लिए 320 करोड़, अतिवृष्टि, ओलावृष्टि और टिड्डी के लिए 567 करोड़ और कोविड-19 बचाव के लिए 658 करोड़ सहित 1546 करोड़ रुपए आवंटित किए गए.

संयुक्त शासन सचिव कल्पना अग्रवाल ने बताया कि भीलवाड़ा और डूंगरपुर ने खोज और बचाव, बाढ़ बचाव और अग्निशमन उपकरण खरीद लिए हैं, जबकि अन्य जिलों में खरीद प्रक्रिया चल रही है. गृह विभाग के प्रमुख शासन सचिव अभय कुमार, कृषि और उद्यानिकी विभाग के प्रमुख शासन सचिव कुंजीलाल मीना, चिकित्सा शिक्षा विभाग के शासन सचिव वैभव गालरिया, स्वायत्त शासन विभाग के शासन सचिव भवानी सिंह देथा, चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग के शासन सचिव सिद्धार्थ महाजन, एसडीआरएफ के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक सुष्मित बिश्वास और विभिन्न जिलों के कलेक्टर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बैठक में शामिल हुए.

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