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Special: लव जिहाद कानून को लेकर भड़की सियासत के बीच क्या सोचता है बुद्धिजीवी वर्ग, आप भी जानिए... - CM Ashok Gehlot statement about love jihad

लव जिहाद को लेकर बीजेपी शासित राज्यों ने सख्त रुख अपनाना शुरू कर दिया है. इसी बीच भाजपा और कांग्रेस के बीच सियासी बयानबाजी भी तेज हो गई है. ईटीवी भारत ने कुछ खास लोगों से लव जिहाद को लेकर बात की तो किसी ने इसे धर्म विशेष का शगुफा बताया तो किसी ने कहा कि प्रेम में कोई शर्त नहीं होती. पढ़ें पूरी खबर..

Public opinion about love jihad,  Politics about love jihad
लव जिहाद पर सियासत
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Published : Nov 21, 2020, 9:27 PM IST

जयपुर. उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश सहित 5 भाजपा शासित राज्यों में सरकार लव जिहाद के खिलाफ कानून लाने की तैयारी कर रही है. इस कानून को लेकर भाजपा और कांग्रेस के बीच सियासी बयानबाजी भी तेज है, लेकिन समाज का एक बड़ा वर्ग ऐसा भी है जो इस फैसले को लेकर अपनी राय रखता है. ईटीवी भारत ने कुछ खास लोगों से लव जिहाद को लेकर बात तो किसी ने इसे धर्म विशेष का शगुफा बताया तो किसी ने कहा कि प्रेम में कोई शर्तें नही होती.

लव जिहाद को लेकर बुद्धिजीवियों की राय

लव जिहाद नाम का कुछ भी नहीं है: निशा सिद्धू

महिला सुरक्षा को लेकर काम करने वाली सामाजिक कार्यकर्ता निशा सिद्धू ने ईटीवी भारत से खास बातीच में कहा कि लव जिहाद नाम का कुछ भी नहीं है. यह तो बस एक धर्म विशेष की ओर से चलाया जा रहा एजेंडा है और यह सिर्फ और सिर्फ शगुफा है. उन्होंने कहा कि हमारे संविधान ने सभी बालिग युवक-युवती को अपनी पसंद का जीवन साथी चुनने का अधिकारी दिया हुआ है, फिर वो किसी भी जाति धर्म का हो.

पढ़ें- लव जिहाद पर भड़की सियासत: गहलोत के बयान पर विहिप और बजरंग दल नेताओं ने दी ये नसीहत

'अंतर धर्म विवाह को लव जिहाद का नाम देकर दुष्प्रचार'

निशा सिद्धू ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से विशेष धर्म के लोगों की ओर से इस अंतर धर्म विवाह को लव जिहाद का नाम दे कर दुष्प्रचार कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि अभी तक कोई भी ऐसा केस सामने नहीं आया है. हरियाणा के जिस मामले को लेकर यह सब कहा जा रहा है उसमें भी लव जिहाद जैसा कुछ नहीं है. उन्होंने कहा कि पति-पत्नी के झगड़े को कुछ विशेष लोगों की ओर से सेट एजेंडे के तहत दुष्प्रचार किया जा रहा है.

सामाजिक कार्यकर्ता निशा सिद्धू का कहना है कि स्पेशल मैरिज एक्ट में जिस तरह का फॉर्मेट है, उसकी वजह से प्रेमी युगल धर्म परिवर्तन करते हैं. उन्होंने बताया कि राजस्थान में हिन्दू एक्ट के तहत शादी करने के लिए पहले एक महीने का नोटिस देना पड़ता है. इस एक महीने में समाज और परिवार के लोग दोनों को हर तरीके से प्रताड़ित करते हैं.

'स्पेशल मैरिज एक्ट को सरल करना चाहिए'

निशा सिद्धू ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कहा कि आज का युवा इन सबसे बचने के लिए धर्म परिवर्तन कर शादी कर लेता है. उन्होंने कहा कि धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए स्पेशल मैरिज एक्ट को सरल कर देना चाहिए. उन्होंने बताया कि मैरिज एक्ट को एक महीने के जगह 3 दिन कर देना चाहिए. लेकिन सरकार ऐसा नहीं करेगी क्योंकि सरकार को धर्म के नाम पर बस राजनीतिक रोटियां सेंकनी है.

शादी बहुत ही महत्वपूर्ण निर्णय होता है: सुनीता शर्मा

लव जिहाद को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता और पेशे से डॉक्टर सुनीता शर्मा ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कहा कि शादी बहुत ही महत्वपूर्ण निर्णय होता है. इसे किसी जाति और धर्म से नहीं जोड़ना चाहिए. उन्होंने कहा कि इसे अगर किसी एजेंडे के तहत किया जाता है, जिसे समाज का तबका लव जिहाद बोलता है तो ऐसी स्थिति में महिला के अधिकारों के लिए ऐसे कानून की महती आवश्यकता बन जाती है. उन्होंने कहा कि इसका विरोध नहीं होना चाहिए.

पढ़ें- लव जिहाद पर भड़की सियासत: सतीश पूनिया बोले- वोट बैंक की ओछी मानसिकता दर्शाता है गहलोत का बयान

प्रेम को लेकर राजनीति नहीं होनी चाहिए: ललिता कुच्छल

इसी तरह से फोर्टी की जनरल सेक्रेटरी ललिता कुच्छल ने भी ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कहा कि बालिग लड़का-लड़की के प्रेम और विवाह को किसी राजनीतिक लिहाज से नहीं देखना चाहिए. उन्होंने कहा कि प्रेम तो अनंत काल से चला आ रहा है और इसको लेकर राजनीति नहीं होनी चाहिए.

'प्रेम में कोई जाति और धर्म नहीं होता है'

ललिता कुच्छल ने बताया कि प्रेम में कोई जाति और धर्म नहीं होता है, लेकिन अगर इसके पीछे कोई छुपा हुआ एजेंडा है तो फिर कानून की आवश्यकता होती है. उनका कहना है कि अगर शादी सोच समझ कर और एक दूसरे के धर्म को अच्छे से जानने के बाद किया जा रहा है तो शादी के बाद फिर धर्म परिवर्तन की जरूरत ही नहीं है.

दरअसल, बीजेपी शासित राज्यों में लव जिहाद को लेकर कानून लाने की तैयारी की जा रही है. इसको लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बीजेपी पर तीखा हमला बोला था. गहलोत ने ट्वीट कर लिखा था कि लव जिहाद भाजपा की ओर से विभाजित करने और सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने के लिए निर्मित एक शब्द है.

पढ़ें- लव जिहादः राष्ट्र को विभाजित करने और साम्प्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने का शब्द मात्र है- सीएम गहलोत

सीएम अशोक गहलोत ने लिखा था कि विवाह व्यक्तिगत स्वतंत्रता का मामला है. इस पर अंकुश लगाने के लिए एक कानून लाना पूरी तरह संवैधानिक है और यह कानून की किसी भी अदालत में खड़ा नहीं होगा. लव जिहाद का हमारे देश में कोई स्थान नहीं है. भाजपा की ओर से राष्ट्र में एक ऐसा वातावरण बनाया जा रहा है जहां व्यक्ति राज्य की शक्तियों पर निर्भर होगा. सीएम गहलोत के बयान के बाद बीजेपी के नेताओं ने भी पलटवार करते हुए तीखी प्रतिक्रिया दी है. इसके बाद से ही प्रदेश में नेताओं की ओर से बयानबाजी का दौर लगातार जारी है.

क्या है लव जिहाद?

लव जिहाद दो शब्दों से मिलकर बना है. अंग्रेजी भाषा का शब्द लव यानी प्यार, मोहब्बत और अरबी भाषा का शब्द जिहाद. लव जिहाद का मतलब होता है जब एक धर्म विशेष को मानने वाले दूसरे धर्म की लड़कियों को अपने प्यार के जाल में फंसाकर उस लड़की का धर्म परिवर्तन करवा देते हैं, तो इस पूरी प्रक्रिया को लव जिहाद कहा जाता है.

जयपुर. उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश सहित 5 भाजपा शासित राज्यों में सरकार लव जिहाद के खिलाफ कानून लाने की तैयारी कर रही है. इस कानून को लेकर भाजपा और कांग्रेस के बीच सियासी बयानबाजी भी तेज है, लेकिन समाज का एक बड़ा वर्ग ऐसा भी है जो इस फैसले को लेकर अपनी राय रखता है. ईटीवी भारत ने कुछ खास लोगों से लव जिहाद को लेकर बात तो किसी ने इसे धर्म विशेष का शगुफा बताया तो किसी ने कहा कि प्रेम में कोई शर्तें नही होती.

लव जिहाद को लेकर बुद्धिजीवियों की राय

लव जिहाद नाम का कुछ भी नहीं है: निशा सिद्धू

महिला सुरक्षा को लेकर काम करने वाली सामाजिक कार्यकर्ता निशा सिद्धू ने ईटीवी भारत से खास बातीच में कहा कि लव जिहाद नाम का कुछ भी नहीं है. यह तो बस एक धर्म विशेष की ओर से चलाया जा रहा एजेंडा है और यह सिर्फ और सिर्फ शगुफा है. उन्होंने कहा कि हमारे संविधान ने सभी बालिग युवक-युवती को अपनी पसंद का जीवन साथी चुनने का अधिकारी दिया हुआ है, फिर वो किसी भी जाति धर्म का हो.

पढ़ें- लव जिहाद पर भड़की सियासत: गहलोत के बयान पर विहिप और बजरंग दल नेताओं ने दी ये नसीहत

'अंतर धर्म विवाह को लव जिहाद का नाम देकर दुष्प्रचार'

निशा सिद्धू ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से विशेष धर्म के लोगों की ओर से इस अंतर धर्म विवाह को लव जिहाद का नाम दे कर दुष्प्रचार कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि अभी तक कोई भी ऐसा केस सामने नहीं आया है. हरियाणा के जिस मामले को लेकर यह सब कहा जा रहा है उसमें भी लव जिहाद जैसा कुछ नहीं है. उन्होंने कहा कि पति-पत्नी के झगड़े को कुछ विशेष लोगों की ओर से सेट एजेंडे के तहत दुष्प्रचार किया जा रहा है.

सामाजिक कार्यकर्ता निशा सिद्धू का कहना है कि स्पेशल मैरिज एक्ट में जिस तरह का फॉर्मेट है, उसकी वजह से प्रेमी युगल धर्म परिवर्तन करते हैं. उन्होंने बताया कि राजस्थान में हिन्दू एक्ट के तहत शादी करने के लिए पहले एक महीने का नोटिस देना पड़ता है. इस एक महीने में समाज और परिवार के लोग दोनों को हर तरीके से प्रताड़ित करते हैं.

'स्पेशल मैरिज एक्ट को सरल करना चाहिए'

निशा सिद्धू ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कहा कि आज का युवा इन सबसे बचने के लिए धर्म परिवर्तन कर शादी कर लेता है. उन्होंने कहा कि धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए स्पेशल मैरिज एक्ट को सरल कर देना चाहिए. उन्होंने बताया कि मैरिज एक्ट को एक महीने के जगह 3 दिन कर देना चाहिए. लेकिन सरकार ऐसा नहीं करेगी क्योंकि सरकार को धर्म के नाम पर बस राजनीतिक रोटियां सेंकनी है.

शादी बहुत ही महत्वपूर्ण निर्णय होता है: सुनीता शर्मा

लव जिहाद को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता और पेशे से डॉक्टर सुनीता शर्मा ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कहा कि शादी बहुत ही महत्वपूर्ण निर्णय होता है. इसे किसी जाति और धर्म से नहीं जोड़ना चाहिए. उन्होंने कहा कि इसे अगर किसी एजेंडे के तहत किया जाता है, जिसे समाज का तबका लव जिहाद बोलता है तो ऐसी स्थिति में महिला के अधिकारों के लिए ऐसे कानून की महती आवश्यकता बन जाती है. उन्होंने कहा कि इसका विरोध नहीं होना चाहिए.

पढ़ें- लव जिहाद पर भड़की सियासत: सतीश पूनिया बोले- वोट बैंक की ओछी मानसिकता दर्शाता है गहलोत का बयान

प्रेम को लेकर राजनीति नहीं होनी चाहिए: ललिता कुच्छल

इसी तरह से फोर्टी की जनरल सेक्रेटरी ललिता कुच्छल ने भी ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कहा कि बालिग लड़का-लड़की के प्रेम और विवाह को किसी राजनीतिक लिहाज से नहीं देखना चाहिए. उन्होंने कहा कि प्रेम तो अनंत काल से चला आ रहा है और इसको लेकर राजनीति नहीं होनी चाहिए.

'प्रेम में कोई जाति और धर्म नहीं होता है'

ललिता कुच्छल ने बताया कि प्रेम में कोई जाति और धर्म नहीं होता है, लेकिन अगर इसके पीछे कोई छुपा हुआ एजेंडा है तो फिर कानून की आवश्यकता होती है. उनका कहना है कि अगर शादी सोच समझ कर और एक दूसरे के धर्म को अच्छे से जानने के बाद किया जा रहा है तो शादी के बाद फिर धर्म परिवर्तन की जरूरत ही नहीं है.

दरअसल, बीजेपी शासित राज्यों में लव जिहाद को लेकर कानून लाने की तैयारी की जा रही है. इसको लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बीजेपी पर तीखा हमला बोला था. गहलोत ने ट्वीट कर लिखा था कि लव जिहाद भाजपा की ओर से विभाजित करने और सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने के लिए निर्मित एक शब्द है.

पढ़ें- लव जिहादः राष्ट्र को विभाजित करने और साम्प्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने का शब्द मात्र है- सीएम गहलोत

सीएम अशोक गहलोत ने लिखा था कि विवाह व्यक्तिगत स्वतंत्रता का मामला है. इस पर अंकुश लगाने के लिए एक कानून लाना पूरी तरह संवैधानिक है और यह कानून की किसी भी अदालत में खड़ा नहीं होगा. लव जिहाद का हमारे देश में कोई स्थान नहीं है. भाजपा की ओर से राष्ट्र में एक ऐसा वातावरण बनाया जा रहा है जहां व्यक्ति राज्य की शक्तियों पर निर्भर होगा. सीएम गहलोत के बयान के बाद बीजेपी के नेताओं ने भी पलटवार करते हुए तीखी प्रतिक्रिया दी है. इसके बाद से ही प्रदेश में नेताओं की ओर से बयानबाजी का दौर लगातार जारी है.

क्या है लव जिहाद?

लव जिहाद दो शब्दों से मिलकर बना है. अंग्रेजी भाषा का शब्द लव यानी प्यार, मोहब्बत और अरबी भाषा का शब्द जिहाद. लव जिहाद का मतलब होता है जब एक धर्म विशेष को मानने वाले दूसरे धर्म की लड़कियों को अपने प्यार के जाल में फंसाकर उस लड़की का धर्म परिवर्तन करवा देते हैं, तो इस पूरी प्रक्रिया को लव जिहाद कहा जाता है.

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