जयपुर. राज्यपाल कलराज मिश्र (Governor Kalraj Mishra) ने कहा कि भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में शिक्षाविदों, शिक्षण संस्थाओं एवं विद्यार्थियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है. इससे प्रेरणा लेने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि कोरोना काल में ऑनलाइन एजुकेशन काफी सहायक साबित हुई है. वे कोटा विश्वविद्यालय के 8वें दीक्षांत समारोह (8th Convocation of Kota University) में मंगलवार को राजभवन से वर्चुअली संबोधित कर रहे थे.
उन्होंने आजादी के अमृत महोत्सव को भारतीय लोकतंत्र का महत्वपूर्ण पड़ाव बताते हुए कहा कि हमें उन लोगों की स्मृति को अमिट बनाना होगा, जिन्होंने देश को सशक्त, समृद्ध और आत्मनिर्भर बनाने की गौरवगाथा लिखी है. देश की अब तक की उपलब्धियों, आवश्यकताओं, वर्तमान स्थितियों, भविष्य की संभावनाओं और चुनौतियों पर भी मंथन करना होगा.
उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को भारतीय सभ्यता, कलाओं, संगीत, नृत्य, वास्तु आदि विषयों की दृष्टि विकसित करने वाली पुस्तकों से जोड़ने के लिए विश्वविद्यालय स्तर पर प्रयास होने चाहिए. आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में जन भागीदारी सुनिश्चित करने पर बल दिया जाए. जिससे स्थानीय स्तर पर देश का गौरव बढ़ाने वाले छोटे-छोटे बदलाव राष्ट्रीय उपलब्धि का रूप ग्रहण कर सकें.
यह भी पढ़ें- जमाना ऑनलाइन शिक्षा का, डिजिटल खाई को पाटना अभी सबसे बड़ी जरूरत: कलराज मिश्र
राज्यपाल मिश्र ने कहा कि कोरोना काल में ऑनलाइन शिक्षा कक्षा-कक्ष शिक्षण के सहयोगी के रूप में काफी उपयोगी सिद्ध हुई हैं. नए केंद्रीय आम बजट में ई-विद्या और डिजिटल शिक्षण के लिए विशेष प्रावधान किया गया है. उन्होंने ऑनलाइन शिक्षा को विद्यार्थियों के लिए अधिकाधिक लाभकारी बनाने पर जोर दिया. इस मौके पर राज्यपाल के प्रमुख सचिव सुबीर कुमार, प्रमुख विशेषाधिकारी गोविंद राम जायसवाल आदि मौजूद थे.