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विश्व हृदय दिवसः दिल के ऑपरेशन के बाद आरव को मिली नई जिंदगी...

जयपुर के रहने वाले डेढ़ वर्षीय बालक का राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत निशुल्क दिल का ऑपरेशन किया गया. जिसके बाद अब यह बालक आम बच्चों की तरह एकदम स्वस्थ है. वह आम बच्चों की तरह खेलकूद सकता और खा-पी सकता है.

डेढ़ वर्षीय आरव का दिल का ऑपरेशन, Half year old Aarav's heart operation
डेढ़ वर्षीय आरव का दिल का ऑपरेशन
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Published : Sep 29, 2020, 1:51 PM IST

जयपुर. 29 सितंबर को विश्व हृदय दिवस के रूप में मनाया जाता है और स्वास्थ हृदय ही एक स्वस्थ व्यक्ति की पहचान है. वहीं, सरकार की ओर से दिल से जुड़ी बीमारियों के इलाज को लेकर कई तरह के कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं. ऐसे में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत डेढ़ वर्षीय एक बालक की निशुल्क दिल का ऑपरेशन किया गया है, जिसे जन्म से ही दिल के छेद की समस्या थी.

डेढ़ वर्षीय आरव का दिल का ऑपरेशन

जयपुर से करीब 25 किलोमीटर दूर बस्सी क्षेत्र के रहने वाले लालचंद गहलोत को जब यह पता चला कि उसके डेढ़ वर्षीय बच्चे आरव के दिल में छेद है, तो उनके पैरों से जमीन खिसक गई. गरीबी में जीवन चलाना मुश्किल था. ऐसे में दिल का ऑपरेशन करवाना परिवार के लिए लगभग नामुमकिन था.

ऐसे में जब आंगनबाड़ी और विद्यालयों के अंदर राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य की टीम परीक्षण करने पहुंची, तो उन्होंने आरव की इस समस्या को जाना और राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत डेढ़ वर्षीय आरव के दिल का ऑपरेशन हुआ. अब आरव आम बच्चों की तरह एकदम स्वस्थ है. वह आम बच्चों की तरह खेलकूद सकता है और खा-पी सकता है.

पढ़ेंः उदयपुर: 80 नए कोरोना पॉजिटिव आए सामने, कुल आंकड़ा 4284 पहुंचा

राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम...

राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम एनएचएम की ओर से चलाया जा रहा है. जहां जन्म से लेकर 18 वर्ष की आयु तक के बच्चों को कई प्रकार की बीमारियों से जुड़ा इलाज उपलब्ध कराया जाता है. इनमें जन्मजात विकार विकलांगता या विकास में रुकावट शामिल है.

जयपुर. 29 सितंबर को विश्व हृदय दिवस के रूप में मनाया जाता है और स्वास्थ हृदय ही एक स्वस्थ व्यक्ति की पहचान है. वहीं, सरकार की ओर से दिल से जुड़ी बीमारियों के इलाज को लेकर कई तरह के कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं. ऐसे में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत डेढ़ वर्षीय एक बालक की निशुल्क दिल का ऑपरेशन किया गया है, जिसे जन्म से ही दिल के छेद की समस्या थी.

डेढ़ वर्षीय आरव का दिल का ऑपरेशन

जयपुर से करीब 25 किलोमीटर दूर बस्सी क्षेत्र के रहने वाले लालचंद गहलोत को जब यह पता चला कि उसके डेढ़ वर्षीय बच्चे आरव के दिल में छेद है, तो उनके पैरों से जमीन खिसक गई. गरीबी में जीवन चलाना मुश्किल था. ऐसे में दिल का ऑपरेशन करवाना परिवार के लिए लगभग नामुमकिन था.

ऐसे में जब आंगनबाड़ी और विद्यालयों के अंदर राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य की टीम परीक्षण करने पहुंची, तो उन्होंने आरव की इस समस्या को जाना और राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत डेढ़ वर्षीय आरव के दिल का ऑपरेशन हुआ. अब आरव आम बच्चों की तरह एकदम स्वस्थ है. वह आम बच्चों की तरह खेलकूद सकता है और खा-पी सकता है.

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राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम...

राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम एनएचएम की ओर से चलाया जा रहा है. जहां जन्म से लेकर 18 वर्ष की आयु तक के बच्चों को कई प्रकार की बीमारियों से जुड़ा इलाज उपलब्ध कराया जाता है. इनमें जन्मजात विकार विकलांगता या विकास में रुकावट शामिल है.

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