जयपुर. राजस्थान में अवैध बजरी खनन की शिकायतें आम हैं. इस पर शिकंजा कसने के लिए राज्य सरकार की ओर से किए जा रहे तमाम प्रयासों के बाद भी प्रदेश के कई हिस्सों में अवैध बजरी खनन जारी है.
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अवैध बजरी खनन के साथ ही एक शिकायत यह भी सामने आई है कि एक ही रवन्ना से बजरी के कई ट्रक फर्जी तरीके से निकाले जा रहे हैं. इसे देखते हुए अब खान विभाग ने तय किया है कि विभाग की ओर से अनुमोदित तुलाई कांटों पर ही बजरी की तुलाई की जाएगी.
अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि खातेदारी भूमि में खनिज बजरी के खनन पट्टाधारियों की ओर से गैर अनुमोदित रवन्ना को किसी भी तुलाई कांटों पर तुलाई कराकर ई-रवन्ना कंफर्म करा लिया जाता है. जिससे खातेदारी भूमि से बजरी परिवहन के दौरान ई-रवन्ना के दुरुपयोग के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. इससे बजरी के अवैध परिवहन की आशंका भी बनी रहती है. राज्य सरकार को राजस्व की हानि भी हो रही है.
उन्होंने बताया कि राजस्थान अप्रधान खनिज रियायत नियम 2017 के प्रावधानों के अनुसार खानधारक की ओर से बिना वैध रवन्ना के खनिज का परिवहन नहीं किया जा सकता. इसके लिए ऑनलाईन ई-रवन्ना जारी कराना जरूरी होता है. उन्होंने बताया कि विभाग की ओर से खनन पट्टा क्षेत्र के निकटस्थ स्थान पर अधिकतम तीन तुलाई कांटों का अनुमोदन किया जाएगा. जिससे अवैध परिवहन पर रोक लगाई जा सके.
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निदेशक माइंस केबी पण्ड्या ने इस संदर्भ में आदेश जारी कर दिए हैं. जारी आदेशों के अनुसार सभी खनिज अंभियंताओं, सहायक खनिज अभियंताओं को निर्देशित किया गया है कि वे सात दिन में अनुमोदित तुलाई कांटों पर ही ई रवन्ना को कंफर्म करने के लिए खान पट्टाधारकों को पाबंद करेंगे. उन्होंने बताया कि भविष्य में विभाग की ओर से अनुमोदित तुलाई कांटों के अलावा अन्य कांटों से तुलाई पर अनकंफर्म रवन्ना को कंफर्म नहीं किया जाएगा.
उन्होंने बताया कि अप्रधान खनिजों के लिए जिन क्षेत्रों में अधिशुल्क ईआरआरसी ठेके दिए हुए हैं वहां भी चेक पोस्ट और नाका पर अनुमोदित तुलाई कांटें पर तुलाई पर ही ई-रवन्ना को कंफर्म किया जाएगा.