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प्रदेश में खनिज तेल का उत्पादन 700 बैरल ऑयल प्रतिदिन तक पहुंचाया जाएगाः अतिरिक्त मुख्य सचिव - जयपुर न्यूज

जयपुर में बुधवार को माइंस और पेट्रोलियम के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने सचिवालय में ऑयल इंडिया के अधिकारियों की बैठक ली. बैठक में उन्होंने कहा कि प्रदेश में खनिज तेल का उत्पादन 700 बैरल ऑयल प्रतिदिन तक पहुंचाया जाएगा.

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डॉ.अग्रवाल ने सचिवालय में ऑयल इंडिया के अधिकारियों के साथ ली बैठक
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Published : Sep 2, 2020, 10:12 PM IST

जयपुर. प्रदेश में बुधवार को अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस और पेट्रोलियम डॉ. सुबोध अग्रवाल ने सचिवालय में ऑयल इंडिया के अधिकारियों की उच्च स्तरीय बैठक ली. बैठक में उन्होंने बताया कि ऑयल इंडिया वित्तीय वर्ष 2024-25 तक बीकानेर-नागौर बेसिन में 15 नए कुओं की खुदाई कर प्रदेश में खनिज तेल का उत्पादन 700 बैरल ऑयल प्रतिदिन तक पहुंचाया जाएगा.

ऑयल इंडिया की ओर से राजस्थान में 150 बैरल ऑयल का प्रतिदिन उत्पादन किया जा रहा है. जिसे ऑयल इंडिया की तरफ से इस साल के अंत तक 500 बैरल प्रतिदिन तक पहुंचाना प्रस्तावित है. उन्होंने बताया कि बीकानेर-नागौर बेसिन में ऑयल इंडिया का सेस्मिक सर्वे का कार्य भी जारी है. उन्होंने ऑयल इंडिया के अधिकारियों को खोज और उत्पादन कार्यों में तेजी लाने को कहा है ताकि प्रदेश में प्राकृतिक गैस और खनिज तेल का उत्पादन बढ़ सके. साथ ही विदेशी पूंजी की बचत के साथ ही प्रदेश में भी राजस्व की बढ़ोतरी हो सके.

डॉ. अग्रवाल ने गैस और ऑयल के उत्पादन को बढ़ाने के सभी संभावित उपायों और तकनीक की विस्तार से जानकारी ली. बता दें कि प्रदेश में पेट्रोलियम और गैस के विपुल भंडार है और राज्य में 4 पेट्रोलियम बेसिन 14 जिलों में डेढ़ लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले हुए हैं. साथ ही बाड़मेर-सांचोर बेसिन, जैसलमेर बेसिन, बीकानेर-नागौर बेसिन में बीकानेर, नागौर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ और चूरू व विंध्यान बेसिन में कोटा, बारां, बूंदी, झालावाड़, भीलवाड़ा और चित्तोडगढ़ जिले का कुछ हिस्से शामिल हैं. उन्होंने बताया कि ऑयल उत्पादन बढ़ाने के लिए समूचे देश में सबसे पहले राजस्थान में आधुनिकतम तकनीक सीएसएस का सफलतापूर्वक उपयोग किया जा रहा है.

पढ़ें: अलवर: राष्ट्रीय पदक विजेता पहलवानों को किया सम्मानित

ऑयल इंडिया के जैसलमेर बेसिन में 49 कुएं हैं. करीब सात लाख घनमीटर गैस रामगढ़ विद्युत प्लांट को उपलब्ध कराई जा रही है. बीकानेर-नागौर बेसिन के बागेवाला में 7 कुओं में खनिज तेल का उत्पादन किया जा रहा है. साथ ही उन्होंने बताया कि राजस्थान में 67.6 मेगावाट पवन उर्जा और 14 मेगावाट सोलर उर्जा का उत्पादन किया जा रहा है.

ऑयल इंडिया की ओर से करीब 18 से 19 करोड़ रुपए सालाना का राजस्व राज्य सरकार को दिया जा रहा है. उन्होंने डॉक्यूमेंट्री फिल्म के माध्यम से ऑयल इंडिया की गतिविधियों की जानकारी दी और ऑयल इंडिया के राजस्थान में हो रहे कार्यों, उत्पादन व अन्य गतिविधियों की जानकारी दी.

जयपुर. प्रदेश में बुधवार को अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस और पेट्रोलियम डॉ. सुबोध अग्रवाल ने सचिवालय में ऑयल इंडिया के अधिकारियों की उच्च स्तरीय बैठक ली. बैठक में उन्होंने बताया कि ऑयल इंडिया वित्तीय वर्ष 2024-25 तक बीकानेर-नागौर बेसिन में 15 नए कुओं की खुदाई कर प्रदेश में खनिज तेल का उत्पादन 700 बैरल ऑयल प्रतिदिन तक पहुंचाया जाएगा.

ऑयल इंडिया की ओर से राजस्थान में 150 बैरल ऑयल का प्रतिदिन उत्पादन किया जा रहा है. जिसे ऑयल इंडिया की तरफ से इस साल के अंत तक 500 बैरल प्रतिदिन तक पहुंचाना प्रस्तावित है. उन्होंने बताया कि बीकानेर-नागौर बेसिन में ऑयल इंडिया का सेस्मिक सर्वे का कार्य भी जारी है. उन्होंने ऑयल इंडिया के अधिकारियों को खोज और उत्पादन कार्यों में तेजी लाने को कहा है ताकि प्रदेश में प्राकृतिक गैस और खनिज तेल का उत्पादन बढ़ सके. साथ ही विदेशी पूंजी की बचत के साथ ही प्रदेश में भी राजस्व की बढ़ोतरी हो सके.

डॉ. अग्रवाल ने गैस और ऑयल के उत्पादन को बढ़ाने के सभी संभावित उपायों और तकनीक की विस्तार से जानकारी ली. बता दें कि प्रदेश में पेट्रोलियम और गैस के विपुल भंडार है और राज्य में 4 पेट्रोलियम बेसिन 14 जिलों में डेढ़ लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले हुए हैं. साथ ही बाड़मेर-सांचोर बेसिन, जैसलमेर बेसिन, बीकानेर-नागौर बेसिन में बीकानेर, नागौर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ और चूरू व विंध्यान बेसिन में कोटा, बारां, बूंदी, झालावाड़, भीलवाड़ा और चित्तोडगढ़ जिले का कुछ हिस्से शामिल हैं. उन्होंने बताया कि ऑयल उत्पादन बढ़ाने के लिए समूचे देश में सबसे पहले राजस्थान में आधुनिकतम तकनीक सीएसएस का सफलतापूर्वक उपयोग किया जा रहा है.

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ऑयल इंडिया के जैसलमेर बेसिन में 49 कुएं हैं. करीब सात लाख घनमीटर गैस रामगढ़ विद्युत प्लांट को उपलब्ध कराई जा रही है. बीकानेर-नागौर बेसिन के बागेवाला में 7 कुओं में खनिज तेल का उत्पादन किया जा रहा है. साथ ही उन्होंने बताया कि राजस्थान में 67.6 मेगावाट पवन उर्जा और 14 मेगावाट सोलर उर्जा का उत्पादन किया जा रहा है.

ऑयल इंडिया की ओर से करीब 18 से 19 करोड़ रुपए सालाना का राजस्व राज्य सरकार को दिया जा रहा है. उन्होंने डॉक्यूमेंट्री फिल्म के माध्यम से ऑयल इंडिया की गतिविधियों की जानकारी दी और ऑयल इंडिया के राजस्थान में हो रहे कार्यों, उत्पादन व अन्य गतिविधियों की जानकारी दी.

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