जयपुर. कोरोना के लगातार बढ़ते संक्रमण के चलते संक्रमित लोगों की जान बचाने के लिए ऑक्सीजन बेहद आवश्यक हो गई है. हर राज्य में और हर शहर में ऑक्सीजन की कमी बनी हुई है जिसे लेकर लगातार राज्य सरकार की ओर से केंद्र सरकार से मदद मांगी जा रही है.
वहीं, राजस्थान के सबसे बड़े कोविड डेडीकेटेड अस्पताल आरयूएचएस में भर्ती कोरोना संक्रमित मरीजों को लगातार ऑक्सीजन मिलती रहे इसके लिए विभिन्न विभागों के अधिकारी कंधे से कंधा मिलाकर उन ऑक्सीजन प्लांट पर अलग-अलग शिफ्ट में ड्यूटी कर रहे हैं जहां से आरयूएचएस अस्पताल में ऑक्सीजन सिलेंडर की सप्लाई की जा रही है. यह अधिकारी ऑक्सीजन प्लांट के कर्मचारियों के साथ बिना थके लगातार काम कर रहे हैं और ऑक्सीजन की आपूर्ति को लगातार बनाए रखने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं.
ईटीवी भारत पहुंचा डिग्गी मालपुरा रोड स्थित ऑक्सीजन प्लांट:
किस तरह से आरयूएचएस अस्पताल में ऑक्सीजन सिलेंडर की आपूर्ति की जा रही है इसे जानने के लिए ईटीवी भारत के टीम डिग्गी मालपुरा रोड स्थित राशि मेडिकल गैसेस ऑक्सीजन प्लांट पर पहुंची. ऑक्सीजन प्लांट की सुरक्षा में पुलिसकर्मी मुस्तैदी के साथ तैनात मिले. जैसे ही ईटीवी भारत की टीम ने ऑक्सीजन प्लांट के अंदर प्रवेश किया तो देखा बड़ी तादाद में आरयूएचएस से आए खाली ऑक्सीजन सिलेंडर को रिफिल करने का काम किया जा रहा था. प्लांट के अंदर ड्रग डिपार्टमेंट की टीम, एसडीएम और अन्य कर्मचारी मौजूद थे. बकायदा रिफिल किए गए ऑक्सीजन सिलेंडर की संख्या को रजिस्टर में अंकित किया जा रहा था और ऑक्सीजन सिलेंडर को ऑक्सीजन सप्लाई वैन में लोड किया जा रहा था.
आरयूएचएस और जेएनयू अस्पताल में की जा रही ऑक्सीजन की आपूर्ति:
ऑक्सीजन प्लांट में फागी एसडीएम गौरी शंकर शर्मा ऑक्सीजन सिलेंडर की सप्लाई की व्यवस्था को संभालते हुए मिले. जिनसे ईटीवी भारत ने खास बातचीत की तो उन्होंने बताया कि डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन ने राशि मेडिकल गैसेस ऑक्सीजन प्लांट से दो अस्पतालों में ऑक्सीजन की सप्लाई करने के निर्देश दिए हैं. जिसके अनुसार जगतपुरा स्थित जेएनयू अस्पताल और प्रताप नगर स्थित आरयूएचएस अस्पताल में ऑक्सीजन की सप्लाई की जा रही है.
एसडीएम गौरी शंकर शर्मा ने बताया कि सप्लाई ज्यादा आने पर और उच्च अधिकारियों के निर्देश पर इमरजेंसी की स्थिति में अन्य अस्पतालों में भी ऑक्सीजन की सप्लाई की जा रही है. इसके साथ ही होम क्वॉरेंटाइन मरीज जिन्हें ऑक्सीजन की आवश्यकता है और डॉक्टर ने जिन्हें प्रिस्क्रिप्शन में ऑक्सीजन सिलेंडर की आवश्यकता मेंशन की है. ऐसे मरीज के परिजनों को भी ऑक्सीजन सिलेंडर मुहैया करवाए जा रहे हैं ताकि संक्रमित मरीज की जान बचाई जा सके.
तीन अलग-अलग विभागों की टीम 24 घंटे ऑक्सीजन प्लांट में तैनात:
फागी एसडीएम गौरी शंकर शर्मा ने बताया कि ऑक्सीजन प्लांट में लिक्विड ऑक्सीजन के जरिए ऑक्सीजन गैस का प्रोडक्शन किया जाता है जिन्हें ऑक्सीजन सिलेंडर में रिफिल किया जाता है. प्रतिदिन 600 ऑक्सीजन सिलेंडर रिफिल कर अस्पताल में भेजे जा रहे हैं. भाई आपसे जल प्लांट से लगातार ऑक्सीजन सिलेंडर की आपूर्ति बने रहे इसे सुनिश्चित करने के लिए तीन अलग-अलग विभागों की टीम 24 घंटे ऑक्सीजन प्लांट में तैनात रहती है. ऑक्सीजन प्लांट में एसडीएम, नायब तहसीलदार, रेवेन्यू डिपार्टमेंट के पटवारी व बाबू, ड्रग डिपार्टमेंट से दो ड्रग इंस्पेक्टर और कर विभाग के 3 अधिकारी अलग-अलग शिफ्ट में 24 घंटे ऑक्सीजन प्लांट पर तैनात रहते हैं.
हॉस्पिटल से आई डिटेल क्रॉस चेक करने के बाद की जाती है ऑक्सीजन की सप्लाई:
ऑक्सीजन प्लांट में तैनात ड्रग इंस्पेक्टर अरुणा मीणा ने बताया कि जिन अस्पताल को ऑक्सीजन सिलेंडर की सप्लाई की जाती है उनकी तमाम डिटेल को क्रॉस चेक किया जाता है. इसके साथ ही ऑक्सीजन प्लांट से जितने ऑक्सीजन सिलेंडर अस्पताल में भेजे गए हैं उतने ऑक्सीजन सिलेंडर अस्पताल पहुंची या नहीं इसे वेरीफाई करने के बाद रजिस्टर में रिकॉर्ड किया जाता है. जिन ऑक्सीजन सप्लाई वैन के जरिए अस्पतालों तक ऑक्सीजन सिलेंडर की सप्लाई की जाती है उन वैन के ड्राइवर के नंबर, वाहन नंबर और चालान नंबर की तमाम जानकारी रजिस्टर में अंकित की जाती है.
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ऑक्सीजन प्लांट पर ड्यूटी कर रहीं ड्रग इंस्पेक्टर अरुणा मीणा के पति खुद कोरोना संक्रमित हैं जो होम आइसोलेशन में इलाज ले रहे हैं. पति के कोरोना संक्रमित होने के बावजूद भी अपने कर्तव्यों का निर्वाह करते हुए अरुणा मीणा लगातार ऑक्सीजन प्लांट पर ड्यूटी कर रही हैं. ड्रग इंस्पेक्टर अरुणा मीणा ने कहा कि लोग बेवजह घरों से बाहर ना निकले और मास्क का प्रयोग करें. केवल कुछ लापरवाह लोगों की वजह से पूरे देश को परेशानी उठानी पड़ रही है. अरुणा मीणा ने आमजन से सरकारी गाइडलाइन की सख्ती के साथ पालना करने और अपने घरों में ही रहने की अपील भी की.