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जयपुरः सरकार की सदबुद्धि के लिए किया यज्ञ, बोले-मांग पूरी नहीं हुई तो यहीं परिवार सहित बैठेंगे धरने पर

नियमित करने की मांग को लेकर लंबे समय से धरना दे रहे राजस्थान विद्यार्थी मित्र पंचायत सहायक संघ के पदाधिकारियं ने गुरुवार को सरकार की सदबुद्धि के लिए यज्ञ किया.

जयपुर में सरकार की सदबुद्धि के लिए पंचायत सहायकों ने किया यज्ञ
जयपुर में सरकार की सदबुद्धि के लिए पंचायत सहायकों ने किया यज्ञ
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Published : Oct 28, 2021, 4:27 PM IST

जयपुर. राजस्थान विद्यार्थी मित्र पंचायत सहायक संघ की ओर से गुरुवार को सरकार की सदबुद्धि के लिए यज्ञ किया गया. यज्ञ में आहुतियां देकर सरकार से नियमित करने की मांग की गई. पिछले काफी समय से पंचायत सहायक शहीद स्मारक पर सरकार के खिलाफ विरोध जता रहे हैं.

संघ की ओर से कहा गया है कि कांग्रेस सरकार ने विधानसभा चुनाव से पहले घोषणापत्र में पंचायत सहायकों को नियमित करने का उल्लेख किया था. लेकिन ढाई साल से अधिक का समय बीतने के बावजूद अभी नियमित नहीं किया गया है.

संघ के प्रदेश अध्यक्ष प्रवीण ने कहा कि पंचायत सहायकों को 6600 मासिक मानदेय दिया जा रहा है और 14 वर्ष से नियमित रोजगार की आस में विद्यार्थी मित्र काम कर रहे हैं. इतने कम मानदेय में उनका घर खर्च भी नहीं चल पा रहा और वर्तमान में उनकी स्थिति दयनीय हो चुकी है. कोरोना काल में भी 22 ग्राम पंचायत सहायक अपनी जान गंवा चुके हैं.

पढ़ें. लवली एनकाउंटर प्रकरण : पुलिसकर्मियों के बहाल होने पर वाल्मीकि समाज ने जताया रोष

उन्होंने मांग की है कि ग्राम पंचायत सहायकों को नियमितीकरण या समायोजन वादे के अनुसार जल्द किया जाए. नियमितीकरण या समायोजन किए जाने तक न्यूनतम मानदेय 17700 किया जाए. नवसृजित नगरपालिका बनाए जाने से बाहर हुए ग्राम पंचायत सहायकों को तुरंत प्रभाव से पास की नवसृजित ग्राम पंचायतों में नियुक्त दी जाए. प्रवीण ने कहा कि सरकार 27,000 पंचायत सहायकों का शोषण कर रही है. यदि सरकार ने उनकी मांग नहीं मानी तो दिवाली पर वे अपने परिवारों के साथ यहीं धरने पर बैठेंगे.

जयपुर. राजस्थान विद्यार्थी मित्र पंचायत सहायक संघ की ओर से गुरुवार को सरकार की सदबुद्धि के लिए यज्ञ किया गया. यज्ञ में आहुतियां देकर सरकार से नियमित करने की मांग की गई. पिछले काफी समय से पंचायत सहायक शहीद स्मारक पर सरकार के खिलाफ विरोध जता रहे हैं.

संघ की ओर से कहा गया है कि कांग्रेस सरकार ने विधानसभा चुनाव से पहले घोषणापत्र में पंचायत सहायकों को नियमित करने का उल्लेख किया था. लेकिन ढाई साल से अधिक का समय बीतने के बावजूद अभी नियमित नहीं किया गया है.

संघ के प्रदेश अध्यक्ष प्रवीण ने कहा कि पंचायत सहायकों को 6600 मासिक मानदेय दिया जा रहा है और 14 वर्ष से नियमित रोजगार की आस में विद्यार्थी मित्र काम कर रहे हैं. इतने कम मानदेय में उनका घर खर्च भी नहीं चल पा रहा और वर्तमान में उनकी स्थिति दयनीय हो चुकी है. कोरोना काल में भी 22 ग्राम पंचायत सहायक अपनी जान गंवा चुके हैं.

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उन्होंने मांग की है कि ग्राम पंचायत सहायकों को नियमितीकरण या समायोजन वादे के अनुसार जल्द किया जाए. नियमितीकरण या समायोजन किए जाने तक न्यूनतम मानदेय 17700 किया जाए. नवसृजित नगरपालिका बनाए जाने से बाहर हुए ग्राम पंचायत सहायकों को तुरंत प्रभाव से पास की नवसृजित ग्राम पंचायतों में नियुक्त दी जाए. प्रवीण ने कहा कि सरकार 27,000 पंचायत सहायकों का शोषण कर रही है. यदि सरकार ने उनकी मांग नहीं मानी तो दिवाली पर वे अपने परिवारों के साथ यहीं धरने पर बैठेंगे.

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