जयपुर. प्रदेश में बड़े स्तर पर हुए प्रशासनिक फेरबदल के बाद सहकारिता विभाग में उच्च स्तर पर अधिकारियों को बदला गया है, लेकिन इसके पीछे एक बड़ी वजह पूर्व अधिकारियों और सहकारिता मंत्री के बीच चल रहा गतिरोध था. सहकारिता विभाग में प्रमुख शासन सचिव और रजिस्टार दोनों नए अधिकारी लगे हैं. मंत्री उदयलाल आंजना के पूर्व में जिन मुद्दों पर अधिकारियों से मतभेद थे, उन्होंने नए अधिकारियों के समक्ष स्पष्ट कर दिया और उन्हें एक सूची भी दे दी.
दरअसल, जो सूची अधिकारियों को दी गई है वह उन प्रकरणों की है जिसकी जांच के लिए सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने विभाग के पूर्व सचिव नरेश पाल गंगवार और अन्य अधिकारियों को कहा था, लेकिन जांच के नाम पर कुछ नहीं हुआ. यहां तक कि मंत्री ने खरीद और अन्य निर्णय को लेकर भी कई बार आपत्ति जताई, लेकिन उस पर भी विभाग के अधिकारियों ने कोई ध्यान नहीं दिया.
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नए अधिकारी के रूप में रजिस्टार मुक्तानंद अग्रवाल और प्रमुख सचिव कुंजीलाल मीणा को इन तमाम बातों से अवगत करा दिया गया है. साथ ही इन प्रकरणों की सूची देखकर यह भी कह दिया यदि आप इनकी जांच ना कर पाओ तो अभी स्पष्ट कर देना, ताकि बाद में मनमुटाव की स्थिति ना बने.
मुख्यमंत्री से भी की थी मंत्री ने शिकायत...
विभाग के प्रमुख शासन सचिव नरेश पाल गंगवार और अन्य के साथ मंत्री के जो गतिरोध की स्थिति थी, उससे मंत्री उदयलाल आंजना ने खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भी अवगत करा दिया था. मंत्री आंजना ने सीएम से आग्रह किया था कि कम से कम विभाग के अधिकारियों में बदलाव हो तो कामकाज में और गति आए. वहीं, अब बदलाव हो चुका है तो मंत्री के आग्रह को ही इसका प्रमुख कारण माना जा रहा है.
ट्रांसफर-पोस्टिंग रूटीन प्रक्रिया, लेकिन मैंने किया था आग्रहः आंजना
वहीं, इस बारे में सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना का कहना है कि ट्रांसफर-पोस्टिंग एक रूटीन प्रक्रिया है. आंजना ने यह भी कहा कि ऐसे भी पूर्व सचिव नरेश पाल गंगवार के पास से खर्चा विभाग की एडिशनल जिम्मेदारी थी, इसलिए मैंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया था कि इंडिपेंडेंट प्रमुख सचिव विभाग को दे दें. बता दें कि विभाग में 80 फीसदी काम सहकारिता रजिस्ट्रार के जरिए ही होता है. ऐसे में अब विभाग के कामकाज को भी गति मिल सकेगी.